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durga parikrama rules hindi

देवी दुर्गा की परिक्रमा के महत्वपूर्ण नियमों का करेंगी पालन तो होगी सौभाग्य की प्राप्ति

नवरात्रि में देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए आप भी उनकी नियम से परिक्रमा कर सकती हैं। 
Editorial
Updated:- 2022-09-16, 13:51 IST

26 सितंबर से नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है। इस पर्व पर देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। बहुत सी महिलाएं इस पर्व पर देवी दुर्गा के नौ दिन के व्रत भी रखती हैं। वैसे व्रत रखने के साथ-साथ देवी दुर्गा की प्रतिमा की परिक्रमा लगाने का भी अलग ही महत्व है।

वैसे तो शास्त्रों में बहुत से देवी देवताओं की परिक्रमा लगाने की विधि और नियम बताए गए हैं, मगर देवी दुर्गा की पूजा और परिक्रमा के अलग ही नियम हैं। इस विषय में हमने एस्ट्रोलॉजर डॉक्टर शेफाली गर्ग से बात की है।

वह कहती हैं, 'देवी दुर्गा शक्ति का प्रतीक हैं। इसलिए यदि आप उनकी प्रतिमा की परिक्रमा करती हैं, तो आपके अंदर भी देवी दुर्गा के समान शक्ति और ऊर्जा आती है।'

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कैसे करें देवी दुर्गा की परिक्रमा ?

देवी दुर्गा की परिक्रमा करने के लिए सबसे पहले अपने दाहिने हाथ की ओर देखें और फिर उसी तरफ से परिक्रमा करना शुरू करें। आपको बता दें कि देवी की परिक्रमा करते वक्‍त यदि आप इस बात का ध्यान रखते हैं, तो आपको बहुत अच्छे फल प्राप्त होंगे क्योंकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हमेशा उत्तर दिशा से दक्षिण की ओर रहता है। यदि आप उल्टी दिशा से परिक्रमा करते हैं, तो हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा समाहित नहीं हो पाती है।

कब करें देवी दुर्गा की परिक्रमा ?

देवी दुर्गा की परिक्रमा आप नियमित कर सकती हैं। मगर शुक्रवार के दिन और नवरात्रि के 9 दिनों में आपको अच्छे फल प्राप्त करने के लिए देवी दुर्गा की परिक्रमा जरूर करनी चाहिए। खासतौर पर विवाहित महिलाएं और जिन कन्याओं के विवाह में अड़चन आ रही है, उन्हें हर शुक्रवार के दिन देवी दुर्गा की प्रतिमा की परिक्रमा जरूर करनी चाहिए।

कितनी बार करनी चाहिए देवी दुर्गा की परिक्रमा ?

जब हम किसी देवी देवता की परिक्रमा करते हैं, तो इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं कि कितनी बार हमें परिक्रमा पूरी करनी है। आमतौर पर लोग 3, 5 और 7 बार परिक्रमा करते हैं और इस भ्रम में रहते है कि उन्होंने जो किया है वो एकदम सही किया है। मगर हर देवी-देवता की परिक्रमा करने के अलग नियम और संख्या होती है। देवी दुर्गा की प्रतिमा एवं मंदिर की परिक्रमा केवल 3 बार ही की जाती है।

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devi durga parikrama rules and importance

देवी दुर्गा की परिक्रमा करते वक्त रखें इन बातों का ध्यान?

  • देवी दुर्गा की परिक्रमा के वक्त आप उनके सभी 108 नामों का उच्चारण कर सकती हैं।
  • आपको देवी दुर्गा की परिक्रमा के वक्त दुर्गा चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। इस पाठ को आप परिक्रमा के बाद पूरा कर सकती हैं।
  • देवी दुर्गा की परिक्रमा करते वक्त आप उनके मंत्र जाप भी कर सकती हैं।

कब न करें देवी दुर्गा की परिक्रमा ?

  • सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के वक्त आपको देवी की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए।
  • यदि किसी महिला के महावारी चल रही हो तो भी उसे देवी की परिक्रमा नहीं करनी चाहिए।
  • शनिवार और रविवार के दिन भी देवी की परिक्रमा न करें।
  • देवी की परिक्रमा हमेशा पहले करें और उनका पाठ करें या फिर परिक्रमा के साथ-साथ पाठ करें।

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