आजकल पेमेंट करने के लिए डेबिट, क्रेडिट या UPI का इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी वजह से बहुत कम लोग पर्स में कैश रखते हैं और कार्ड्स ही कैरी करना पसंद करते हैं। ऐसे में सोचकर देखिए कि आपका कार्ड गुम हो जाए या गलत हाथों में चला जाए तो आपके खाते से पैसे उड़ने का खतरा बन जाता है। वहीं, अगर आपके डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इंश्योरेंस हो तो आपको कम से कम नुकसान झेलना पड़ेगा।
क्रेडिट और डेबिट कार्ड के इंश्योरेंस का जिक्र सुनकर आप शायद कंफ्यूज हो सकती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इंश्योरेंस का जब भी नाम आता है तो दिमाग में सबसे पहले हेल्थ, लाइफ या कार-बाइक का इंश्योरेंस ही याद आता है। लेकिन, अब डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इंश्योरेंस भी कराया जा सकता है। हालांकि, हर सरकारी या प्राइवेट बैंक डेबिट और क्रेडिट कार्ड का इंश्योरेंस नहीं करता है। साथ ही इसे हेल्थ इंश्योरेंस की तरह हर साल प्रीमियम देकर रिन्यू भी कराना पड़ता है।
अगर आपने क्रेडिट-डेबिट कार्ड का इंश्योरेंस लिया है और वह गुम हो जाते हैं तो आपको अलग-अलग नंबर पर फोन करने की जरूरत नहीं है। आप एक सिंगल नंबर पर फोन करके भी अपने सभी कार्ड्स ब्लॉक कर सकती हैं।
ट्रिप के दौरान आपका वॉलेट चोरी हो जाता है और उसके साथ कार्ड्स भी चले जाते हैं, तो इंश्योरेंस प्लान होटल का खर्चा भी उठा सकता है। साथ ही टिकट बुक करने में भी मदद कर सकता है।
अगर क्रेडिट-डेबिट कार्ड खो जाता है और किसी गलत हाथ में पड़ जाता है। ऐसे में नुकसान होने पर एक लिमिट तक इंश्योरेंस प्लान में भरपाई की जाती है। यहां साफ तौर पर बता दें, यह भरपाई एक सीमित सीमा तक ही होती है।
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कई बार ऐसा होता है कि हम जल्दबाजी में गलत पेमेंट कर देते हैं। जिसका पछतावा बाद में होता है। क्योंकि, कार्ड की ट्रांजेक्शन्स का लौटना थोड़ा मुश्किल होता है। ऐसे में अगर आपने कार्ड्स पर इंश्योरेंस लिया है तो एक लिमिट तक, भरपाई होती है।
क्रेडिट-डेबिट कार्ड का इंश्योरेंस करवाया है तो जरूरत पड़ने पर आपको एडवांस कैश भी मिल सकता है। हालांकि, पैसा आपको 28 दिन के अंदर लौटाना होता है। अगर तय सीमा में पैसा न लौटाया जाए, तो मोटा इंटरेस्ट देना पड़ सकता है। एडवांस कैश की सुविधा इमरजेंसी या ट्रैवलिंग के समय काम आ सकती है।
इंटरनेशनल ट्रैवल के समय अगर कोई नुकसान हो जाता है तो क्रेडिट-डेबिट कार्ड इंश्योरेंस प्लान में वह भी कवर हो सकता है। इस कवरेज में चेक-इन बैग का खोना, ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स के मिसप्लेस होने और ट्रांजिट में खोए बैग्स का शामिल हैं।
अगर कार्ड होल्डर की अचानक मृत्यु हो जाती है और क्रेडिट कार्ड का किसी तरह का बकाया बचता है तो इंश्योरेंस प्लान में वह सेटल कर दिया जाता है। इसकी मदद से कार्ड होल्डर की फैमिली पर बोझ कम होता है और फायदा मिलता है।
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क्रेडिट-डेबिट कार्ड का इंश्योरेंस लिया है और अगर आपका फोन खो जाए, तो इसकी मदद से वापस मिल सकता है। इसके लिए बस आपको बैंक को फोन करना होगा। बैंक के पास आपके फोन का IMEI नंबर रजिस्टर होगा और फिर वह कंपनी से बात करके फोन को ट्रैक करने में आपकी मदद कर सकता है।
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