
चिल्ड्रेन्स डे पर स्पीच के लिए जरूरी है कि आप अपने समय का ध्यान रखें। जितना कम समय में आप भाषण खत्म करेंगे, उतना लोग आपसे कनेक्ट करेंगे। इसके साथ ही बाल दिवस पर जरूरी है कि आप अपने भाषण में रोचक बातें एड करें। इससे लोग ज्यादा कनेक्ट होते हैं। हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस का दिन बड़े उत्साह और स्नेह के साथ मनाता है। इस दिन स्कूलों में स्पीच प्रतियोगिता का आयोजन होता है। बच्चे इस मौके पर क्लासरूम में या स्टेज पर स्पीच बोलते हैं। अगर आपका भी बच्चा इस बार भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहा है, तो यह आर्टिकल आपके काम आएगा। आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की याद में बच्चों को प्रोत्साहित करने वाले स्पीच आइडिया बताएंगे।
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चिल्ड्रेन्स डे पर भाषण समाप्त कैसे करें? चिल्ड्रेन्स डे के दिन स्पीच खत्म करते हुए आप स्लोगन या शायरी बोल सकती हैं। यह हर किसी के मन में बस जाता है।
नेहरू जी का सपना था प्यारा,
हर बच्चा बने सितारा।
पढ़े-लिखे, आगे बढ़े, मुस्कुराए,
यही है चिल्ड्रेन्स डे का नारा!
चाचा नेहरू का प्यारा संदेश,
बच्चे हैं भारत की सच्ची विशेष।
खुश रहो, सीखो और आगे बढ़ो,
यही है चिल्ड्रेन्स डे का सच्चा आदेश!
चाचा नेहरू थे सबके प्यारे,
बच्चों के दिल के बहुत दुलारे।
उनका कहना- पढ़ो और बढ़ो,
देश का नाम ऊंचा करो!
नेहरू जी का सपना सजाएं,
हर बच्चे को पढ़ाएं-लिखाएं।
खुश रहो, मुस्कुराओ हर बार,
यही है चिल्ड्रेन्स डे का त्योहार!
बचपन है सबसे प्यारा तोहफ़ा, इसे हंसी और प्यार से सजाओ।
हर बच्चे को मिले खेलने और सीखने का अधिकार।
बच्चे देश की ताकत हैं, इन्हें बनाओ सशक्त और आत्मनिर्भर।
बचपन की यह मस्ती निराली होती है,
हर चीज में खुशी की लाली होती है,
चाचा नेहरू के इस प्यारे दिन पर,
हर बच्चे की मुस्कान भोली-भाली होती है।
बचपन की हंसी, भोले सवाल,
हर दिल को करती है निहाल,
बाल दिवस का ये प्यारा त्यौहार,
लाए हर चेहरे पर खुशियों की बहार।
मैं बच्चा हूं, दिल से सच्चा हूं,
हर गम को हंसी में ढकता हूँ।
ना दिखावा, ना कोई चालाकी,
सीधी बात करता हूं, क्योंकि मैं मासूम हूं, नटखट नहीं।
मुझे माफ करना टीचर, अगर कभी शरारत कर बैठा,
होमवर्क की जगह ड्राइंग बना दी, ये गलती कर बैठा।
पर आपकी डांट में भी था प्यार छिपा,
आज समझ आया, वो ही सबसे बड़ा सबक था लिखा।
मेरी गलती को माफ करती हैं मेरी टीचर,
हर बार मुझे सही राह दिखाती हैं मेरी टीचर।
डांट के पीछे छुपा होता है उनका प्यार,
जो बना देता है मुझे हर गलती से समझदार।
जब मैं भूल जाता हूं अपना रास्ता,
वो मुझे फिर से संवारती हैं।
गलती पर नहीं छोड़ती, बल्कि समझा कर,
मुझे इंसान बनना सिखाती हैं।
गलती मेरी थी, गुस्सा भी आया होगा,
पर फिर भी प्यार जताया होगा।
मेरी टीचर हैं, इसलिए माफ कर दिया,
वरना कोई और होता, तो सजा दे दिया होता।
मेरी गलती पर मुस्कुराकर सिखा देती हैं सबक,
हर तकरार में छुपा होता है उनका हक।
अगर मां जनम देती है, तो टीचर पहचान देती है,
मेरी हर गलती को माफ कर, नई उड़ान देती है।
गुरु, मेरी भूल को भी अपनी सीख समझकर,
एक बार दिल से माफ़ कर दीजिए।
आपकी छाया मिली तो रास्ता बन जाएगा,
वरना ये सफर अधूरा रह जाएगा।
ग़लतियां मेरी थीं, इरादा नहीं था,
शब्द कठोर थे, दिल ठेस पहुंचाना नहीं था।
गुरु, अगर हो सके तो माफ कर देना,
क्योंकि सीख तो आपकी छांव में ही मिलना था।
इसके बाद आप स्टेज से उतरने से पहले हाथ जोड़कर धन्यवाद! जय हिंद बोलकर अपनी सीट पर जा सकती हैं।
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