दिवाली के पांच दिन के उत्सव में भाई दूज का पर्व पांचवें दिन पड़ता है और इसका विशेष महत्व है। भाई दूज हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस मुख्य त्यौहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है और यह भाई बहन के पेम का प्रतीक माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर कुमकुम और अक्षत का तिलक लगाकर उन्हें अपने हाथों से बना भोजन कराती हैं। दरअसल इस पर्व के पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी है जिसके अनुसार यमुना के भाई यम देव ने उनके आग्रह पर टीका लगवाया और भोजन ग्रहण किया।
उसी समय यमुना ने भाई यम से यह आशीष लिया कि जो भी बहन भाई दूज के दिन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाएगी और अपने हाथ का बना भोजन कराएगी, उसके भाई को यम देव की कृपा से लंबी उम्र का वरदान मिलेगा।
तभी से भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं। अब एक बड़ा प्रश्न यह है कि यदि भाई किसी वजह से बहन से दूर है तो किस तरह से तिलक और पूजन किया जा सकता है। आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें इसके नियमों और पूजा विधि के बारे में।
भाई से दूर हैं तो इस विधि से करें पूजन और तिलक
- इस दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से मुक्त होकर साफ वस्त्र धारण करें।
- जिस स्थान पर आपको पूजा करनी है उसे अच्छी तरह से साफ़ करें और उस पर चौक या रंगोली बनाएं।
- चूंकि आप भी से दूर हैं और भाई दूज की पूजा सभी भाइयों के लिए की जाती है तो आपके जितने भाई हैं उनकी संख्या के हिसाब से नारियल के गोले रखें।
- रंगोली के पास में एक चौकी रखें और उस पर पीला कपड़ा बिछाएं।
- उस चौकी पर नारियल के गोलेरखें। ध्यान रहे कि सभी नारियल के गोलों के नीचे गुलाब की पंखुड़ियां और अक्षत डालें।
- आपको सभी नारियल के गोलों को गुलाब की पंखुड़ियों और अक्षत के ऊपर ही रखना है।
- एक-एक करके सभी नारियल के गोलों को गंगाजल से स्नान कराएं।

- सभी नारियल के गोलों को कुमकुम से तिलक लगाएं औरआरती करें।
- मिठाई का भोग लगाएं। यदि आप मिठाई के रूप में खीर का भोग लगाएं तो आपके लिए ज्यादा लाभदायक होगा।
- चूंकि नारियल को भाइयों का रूप मानकर पूजा जा रहा है, इसलिए उनके सामने भोजन की पूरी थाली लगाकर रखें।
- भाई दूज में मान्यता है कि भाई को अपनी बहन के हाथ का बना खाना खाना चाहिए।
- इसलिए नारियल में जो भोग लगाएं वह बहन के हाथों का बना ही होना चाहिए।
- इसके बाद यम देव से भाई की दीर्घायु की प्रार्थना करें और श्रद्धा से यम देव का पूजन करें।
भाई से दूर हैं तो भाई दूज के दिन करें ये काम
- यदि किसी वजह से आप भाई से दूर हैं तो आप अपने घर में रखें लड्डू गोपाल को अपना रक्षक और भाई मानते हुए उन्हें तिलक लगाएं और भोग अर्पित करें।
- प्रथम पूज्य गणपति को इस दिन कुमकुम और हल्दी का तिलक लगाएं। इससे भाई को दीर्घायु मिलेगी।
- आप भाई दूज के दिन हनुमान जी को सिंदूर का तिलक लगाएं और भाई की सफलता की प्रार्थना करें।
- भाई दूज के दिन शाम के समय उस चौकी के पास दीपक जलाएं जहां आपने पूजा की है और यम देव की पूजा करें।
इस प्रकार आप भाई से दूर होने पर भी भाई दूज की पूजा विधि विधान के साथ कर सकती हैं और भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना कर सकती हैं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: freepik.com
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