AI Funny Responses to Hindi Proverbs: औरतों के पेट में कोई बात नहीं पचती, यह कहावत आज से नहीं बल्कि सदियों से सुनने को मिल रही है। इस कहावत का कभी हंसी-मजाक की तरह इस्तेमाल किया जाता है, तो कभी तंज या ताना कसने के लिए बोला जाता है। लेकिन, क्या सच में महिलाओं के लिए सीक्रेट रखना पुरुषों से ज्यादा मुश्किल होता है?
आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमाना है, हर टॉपिक पर AI अपनी राय और रिएक्शन देता है। तो हमने सोचा, क्यों न इस कहावत पर भी AI से पूछा जाए कि उसका क्या कहना है? लेकिन, AI ने हमें जो रिएक्शन दिए हैं वह इतने मजेदार हैं कि आप पेट पकड़-पकड़कर हंसने पर मजबूर हो जाएंगी। आइए, यहां जानते हैं औरतों के पेट में कोई बात नहीं पचती है पर AI टूल्स का रिएक्शन क्या है।
औरतों के पेट में कोई बात पचती है या नहीं पर ChatGPT का रिएक्शन क्या रहा?
जब हमने हिंदी की पुरानी कहावत औरतों के पेट में कोई बात पचती है या नहीं, सवाल AI टूल चैट जीपीटी से पूछा तो उसका रिएक्शन बड़ा ही मजेदार रहा। चैट जीपीटी का रिएक्शन कुछ ऐसा था, औरतें बात नहीं छिपातीं और मर्द जरूरत से ज्यादा छिपाते हैं। इसलिए अक्सर ही पकड़े जाते हैं।
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चैट जीपीटी ने एक और मजेदार रिएक्शन दिया, अगर औरतों के पेट में बात नहीं पचती तो फिर वह सदियों से घर-परिवार के झगड़े, बच्चों की गलतियां और पति के राज चुपचाप कैसे झेलती आ रही हैं?
इतना ही नहीं, चैट जीपीटी ने तो यह तह कह दिया कि अब कहावत बदलो, जमाना बदल गया है। क्योंकि, जिसके दिल में सच्चाई होती है वह ही बात छिपा और पचा पाता है।
Gemini का रिएक्शन क्या रहा?
हिंदी कहावत के बारे में जब Gemini से पूछा गया तो उसका जवाब चैट जीपीटी से बिल्कुल अलग हटकर था। AI टूल Gemini का जवाब ऐसा था, मेरे विशाल डेटाबेस के विश्लेषण के अनुसार, पेट एक नेचुरल कंटेनर है, जिसका कनेक्शन डाइजेस्टिव सिस्टम से है, न कि इन्फॉर्मेशन स्टोरेज से है। इसलिए, यह कहावत तकनीकी रूप से पूरी तरह गलत है।
Meta AI का क्या जवाब रहा?
मेटा एआई ने इस कहावत को पुराना और रूढ़िवादी सोच वाला बताया है। साथ ही कहा है कि यह औरतों को एक अलग तरह से पेश करती है, जो सही नहीं है।
मेटा एआई ने साथ ही एक मजेदार रिस्पांस भी दिया है, 'औरतों के पेट में तो बातें शायद नहीं पचती, लेकिन उनके दिल में प्यार और सहानुभूति जरूरत से ज्यादा होता है, जो कुछ लोगों को नहीं पचता है।'
कहां से आई है यह कहावत?
औरतों के पेट में कोई बात नहीं पचती...इस कहावत के पीछे धार्मिक और साइंटफिक, दोनों तरह की वजह है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, युधिष्ठिर के एक श्राप की वजह से पूरी नारी जाति कोई राज नहीं छिपा पाती है। ऐसी मान्यता है कि कुंती ने पांडवों से छिपाकर रखा था कि कर्ण उनका बेटा है और पांडवों का भाई है। लेकिन, जब पांडवों को यह बात पता लगी, तो युद्धिष्ठिर इस बात से परेशान हो गया और उसने अपनी मां कुंती को श्राप दिया कि अगर यह राज पहले बता दिया जाता तो उनके हाथों भाई की हत्या नहीं होती। मान्यता के मुताबिक, युद्धिष्ठिर का श्राप था कि जिस तरह उनकी मां ने इतनी बड़ी बात छिपाई, उस तरह अब कोई नारी बात नहीं छिपा पाएगी।
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जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल सोशल साइकोलॉजी के एक रिसर्च पेपर के मुताबिक, महिलाएं इसलिए कोई बात नहीं छिपा पाती हैं, क्योंकि वह एक स्ट्रैटजी का इस्तेमाल करती हैं। यह स्ट्रैटजी किसी की इमेज खराब करने, अपना काम निकलवाने, गुस्सा निकालने या फीलिंग्स शेयर करने के लिए हो सकती है।
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Image Credit: Freepik
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