आरुषि मर्डर मिस्ट्री: अब वो मां रोए कि खुश हो? जो अपने बच्चे के जाने पर रो भी नहीं पाई

कभी आपने सोचा है कि उन मां पर क्या बीतती है जो अपने बच्चों के जाने पर अच्छे से रो भी नहीं पातीं। 

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गुरुवार दिन को अपना फैसला सुना दिया। इस केस के आरोपी तलवार दंपती को हाइ कोर्ट ने बरी कर दिया है। फिलहाल तल तलवार दंपति गाजियाबाद की डासना जेल में बंद थे। ये केस लगभग 9 साल पुराना है। यह मर्डर केस शुरू से ही लोगों के लिए मिस्ट्री बना हुआ है क्योंकि इसकी जांच सीबीआई की दो टीमों ने की थी। आज इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में तलवार दंपती को बरी दिया।

अब सब अपने-अपने घर चले जाएंगे... लेकिन कभी किसी ने सोचा है कि उस मां पर क्या बीती होगी जिसने अपनी फूल सी बेटी को खो दिया और उसके जाने पर अच्छे रो भी नहीं पाई। आरुषि मर्डर मिस्ट्री देश का पहला ऐसा केस नहीं है जिसने मां को अपने बच्चे के जाने पर अच्छे से रोने नहीं दिया। बल्कि इस साल ऐसा ही मामला रायन इंटरनेशनल स्कूल केस में देखने को मिला और उससे पहले शीना मर्डर केस में देखने को मिला था। आखिर क्यों ऐसा होता है कि हमारे समाज में किसी भी तरह का फैसला आने से पहले ही लोग अपनी मर्जी से उन्हें दोषी मान लेते हैं और उसी के अनुसार उनके साथ व्यवहार करते हैं। आज हम ऐसी ही मां की बात करने वाले हैं जो अपने बच्चे के जाने पर अच्छे से रो भी नहीं पाई थी कि उससे पहले ही कानूनी झंझटों में फंस गई।

आरुषि की मां: आरुषि मर्डर केस

Aarushi hc verdict main

कोई कहता है कि आरुषि को अपने मां-पिता के ओपन मैरिज रिलेशनशिप का सच पता चल गया था इसलिए उसे मार दिया गया तो कोई कहता है कि आरुषि का अपने अंकल के उम्र के नौकर के साथ गलत संबंध थे इसलिए उन दोनों को मार दिया गया। जबकि हिंदु संस्कृति के अनुसार किसी के मर जाने पर उसके बारे में केवल अच्छा ही बोला जाता है। तो आरुषि के केस में इस संस्कृति को क्यों नहीं फॉलो किया गया। जबकि इसके उलट आरुषि के जाने के बाद उसके बारे में तो बुरा-भला बोला ही गया साथ में उसकी मां का भी जीना दुश्वार कर दिया गया। जिसके कारण नूपुर अपनी बेटी के जाने के बाद रोने के बजाय कानून और समाज के सवालों का जवाब देते रह गई और अब नौ साल बात उसे सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। इतने सालों का अब हिसाब कौन देगा?

प्रद्युम्न की मां: रायन इंटरनेशनल स्कूल केस

Ryan international school pradyuman's mother x inside

सितंबर के शुरुआती हफ्ते में गुरूग्राम स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल के दूसरी क्लास में पढ़ने वाले 7 साल के बच्चे प्रद्युम्न की लाश स्कूल के टॉयलेट में मिली थी। जिसके बाद कभी बस कंडक्टर पर इल्जाम लगाया गया तो कभी स्कूल वालों पर और उसके बाद, ये भी एक अनसुलझा केस बन कर रह गया जिसका सच आना बाकी है। और उसकी मां केवल इंसाफ के लिए पुलिस और अदालत के चक्कर काट रही हैं।

शीना की मां: शीना मर्डर केस

sheena murder case x inside

2015 में शीना की हत्या हुई और फिर ये भी शीना मर्डर केस के नाम से देश के अनसुलझे केस की कतार में खड़ा हो गया। इसमें भी शीना की हत्या का आरोप उसकी मां पर लगाया गया। लेकिन कभी आपने खुद सोचा है कि ऐसी क्या स्थिति होती होगी जब मां अपने बच्चे की हत्या कर देती होगी। या फिर मां पर इल्जाम लगाने से पहले कभी समाज एक बार भी ये क्यों नहीं सोचता कि उसे अभी रो लेने देते हैं, इल्जाम तो बाद में भी लगा दिए जाएंगे।

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