भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है। देश में कई प्राचीन और चमत्कारिक मंदिर हैं। इनमें से कुछ मंदिर बेहद रहस्यमयी भी हैं। मध्य प्रदेश का चौसठ योगिनी मंदिर इन रहस्यों से भरे मंदिरों में से एक है। भारत में कुल चार चौसठ योगिनी मंदिर हैं जिनमें से दो ओडिशा और दो मध्य प्रदेश में स्थित हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में स्थित चौसठ योगिनी मंदिर सबसे प्राचीन और रहस्यमयी माना जाता है। यह भारत का एकमात्र ऐसा चौसठ योगिनी मंदिर है जो आज भी अपनी मूल संरचना के साथ खड़ा है। मुरैना का चौसठ योगिनी मंदिर तंत्र-मंत्र के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध रहा है। इसे कभी तांत्रिक विश्वविद्यालय भी कहा जाता था। यहां दुनिया भर से लोग तंत्र-मंत्र की विद्या सीखने आते थे। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से इस प्राचीन और रहस्यमयी मंदिर के बारे में जानते हैं।
क्या है चौसथ योगिनी मंदिर का रहस्य?
पहाड़ी की चोटी पर लगभग 100 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह अद्भुत मंदिर, अपनी गोलाकार संरचना के कारण उड़न तश्तरी जैसा प्रतीत होता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 200 सीढ़ियों को पार करना होता है। मंदिर के मध्य में एक खुला मंडप बनाया गया है, जिसके भीतर एक विशाल शिवलिंग विराजमान है। ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण लगभग 700 वर्ष पूर्व हुआ था।
सन् 1323 ईस्वी में कच्छप राजा देवपाल द्वारा निर्मित इस मंदिर को ज्योतिष और गणित का प्रमुख केंद्र माना जाता था. सूर्य के गोचर के आधार पर यहां विद्यार्थियों को इन विषयों का गहन अध्ययन कराया जाता था। लोकप्रिय मान्यता के अनुसार, यह भगवान शिव को समर्पित होने के कारण तंत्र-मंत्र के अध्ययनार्थी भी यहां आकर्षित होते थे।
चौसठ योगिनी मंदिर का नाम इसकी अनूठी संरचना और देवी-देवताओं की पूजा से जुड़ा है। इस वृत्ताकार मंदिर में 64 अलग-अलग कमरे थे, और प्रत्येक कमरे में एक शिवलिंग और एक देवी योगिनी की मूर्ति विराजमान थी। इन 64 योगिनियों का प्रतिनिधित्व शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक था। दुर्भाग्यवश, समय के साथ कई मूर्तियां चोरी हो गईं, जिससे मंदिर की प्राचीन भव्यता कम हो गई। बची हुई मूर्तियों को संरक्षित करने के लिए दिल्ली के एक संग्रहालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। 101 खंभों पर टिका यह मंदिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया गया है।
ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लुटियंस ने भारतीय संसद भवन को बनाने के लिए मुरैना के चौसठ योगिनी मंदिर से बहुत प्रेरणा ली थी। उन्होंने मंदिर की बनावट और खंभों को देखकर संसद भवन को इसी तरह डिजाइन किया था।
इसे जरूर पढ़ें - जानें भारत के प्राचीन मंदिरों के बारे में, जिसका वर्षों पुराना है इतिहास
इस मंदिर में आज भी भगवान शिव की तंत्र साधना का अदृश्य आवरण है। रात के समय यहां प्रवेश वर्जित है। यह मंदिर तंत्र साधना के लिए जाना जाता है, जहां भगवान शिव की योगिनियों को जाग्रत करने की पौराणिक क्रिया संपन्न होती थी।
इसे जरूर पढ़ें - भारत में स्थित हैं ये 4 बेहद ही अद्भुत मंदिर, जानिए इनके बारे में
पौराणिक कथाओं के अनुसार, घोर नामक असुर के साथ युद्ध करते हुए मां आदिशक्ति काली ने चौसठ योगिनी का रूप धारण किया था। इस प्रकार, ये योगिनियां मां काली के ही अवतार मानी जाती हैं। यह मंदिर, जो इकंतेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी विख्यात है, अपने रहस्यमयी वातावरण के कारण साधकों के लिए सदैव आकर्षण का केंद्र रहा है।
अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से। अपने विचार हमें आर्टिकल के ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
Image Credit- HerZindagi
HerZindagi Video
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों