मानसून, अपने साथ भले ही बारिश की बूंदें और सुहावना मौसम लेकर आता है, लेकिन यह घर के लिए कई सारी चुनौतियां भी खड़ी करता है। खासकर साफ-सफाई के मामले में परेशानियां बढ़ जाती हैं। इस मौसम में हवा में नमी इतनी बढ़ जाती है कि इससे दीवारों पर सीलन, कपड़ों में बदबू, फर्नीचर पर फंगस और कीड़े-मकोड़ों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में, घर की सफाई को लेकर की गई एक छोटी सी भी गलती आपके समय और मेहनत दोनों को बर्बाद कर सकती हैं। साथ ही, घर को और ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है। अक्सर लोग मानसून में सफाई करते समय कुछ सामान्य गलतियां कर बैठते हैं, जिससे फंगस और बैक्टीरिया को पनपने का मौका मिल जाता है। अगर आप भी अपने घर को मानसून के दौरान साफ और सुरक्षित रखना चाहती हैं, तो यह जानना जरूरी है कि कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए और इसकी जगह क्लीनिंग के स्मार्ट तरीके क्या हैं। आइए उन 5 बड़ी गलतियों के बारे में जानते हैं, जिनसे आपको बचना चाहिए।
मानसून में घर की सफाई के दौरान न करें ये 5 बड़ी गलतियां
गीले कपड़े से बार-बार पोंछना और तुरंत न सुखाना
मानसून में लोग सोचते हैं कि गीले कपड़े से बार-बार पोंछने से घर साफ रहेगा। लेकिन, नमी वाले मौसम में सतहों को तुरंत न सुखाना सबसे बड़ी गलती है। गीली सतहें फंगस और बैक्टीरिया के लिए प्रजनन स्थल बन जाती हैं। पोछा लगाने या सतहों को पोंछने के लिए कम पानी का इस्तेमाल करें। पोंछने के तुरंत बाद, किसी सूखे माइक्रोफाइबर कपड़े से सतहों को अच्छी तरह पोंछकर सुखा दें। पंखे या खिड़कियां खोलकर वेंटिलेशन बढ़ाएं ताकि हवा का संचार हो और नमी रुके नहीं।
कपड़ों और लिनेन को ठीक से न सुखाना
बारिश के कारण कपड़े, तौलिए, बेडशीट और अन्य लिनेन को ठीक से सूखने का समय नहीं मिलता। उन्हें नमी में ही अलमारी में रख देने से उनमें फंगस और बदबू आने लगती है। कपड़ों को धोने के बाद पूरी तरह से सुखाएं। यदि धूप नहीं है, तो उन्हें घर के अंदर किसी हवादार जगह पर सुखाएं, पंखे का उपयोग करें या ड्रायर का इस्तेमाल करें। पूरी तरह सूखने के बाद ही उन्हें अलमारी में रखें। अलमारी में सिलिका जेल पाउच या नीम की पत्तियां रखें ताकि नमी और कीटों से बचाव हो सके।
फंगस और सीलन को अनदेखा करना
दीवारों, लकड़ी के फर्नीचर या बाथरूम के कोनों में दिखने वाली हल्की फंगस या सीलन को अक्सर नज़रअंदाज कर दिया जाता है। यह तेज़ी से फैल सकती है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। जैसे ही आपको कहीं भी फंगस या सीलन दिखे, तुरंत कार्रवाई करें। ब्लीच और पानी के घोल का उपयोग करके उसे साफ करें। अगर फंगस ज्यादा है, तो एंटी-फंगल क्लीनर का उपयोग करें। सुनिश्चित करें कि प्रभावित क्षेत्र पूरी तरह सूख जाए। भविष्य में सीलन से बचने के लिए दीवारों की मरम्मत पर ध्यान दें।
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जाले और छिपी हुई नमी वाली जगहों की अनदेखी
मानसून में कीड़े-मकोड़े और मकड़ियों का प्रकोप बढ़ जाता है। लोग केवल सतहों की सफाई करते हैं और कोनों, छत, फर्नीचर के पीछे या अलमारियों के अंदर छिपी हुई जगहों को नजरअंदाज कर देते हैं, जहां नमी जमा हो सकती है। इन जगहों पर नियमित रूप से वैक्यूम क्लीनर का उपयोग करें। खासकर कोनों और फर्नीचर के नीचे साफ-सफाई पर ध्यान देना जरूरी होता है। अलमारियों और दराजों को खोलकर हवा लगने दें। अतिरिक्त नमी को दूर करने के लिए आप चाहें तो डीह्यूमिडिफायर का उपयोग कर सकती हैं।
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ड्रेनेज सिस्टम और नालियों की सफाई पर ध्यान न देने की गलती
बालकनी, बाथरूम या छत की नालियों में कचरा जमा होने से पानी जमा हो सकता है, जिससे सीलन और मच्छरों की समस्या बढ़ जाती है। लोग अक्सर इनकी सफाई को नजरअंदाज कर देते हैं। मानसून से पहले और मानसून के दौरान सभी ड्रेनेज पाइप्स और नालियों को नियमित रूप से साफ करें। सुनिश्चित करें कि पानी का बहाव हो। बालकनी में पानी जमा न होने दें। यह घर को पानी के नुकसान और कीटों से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है।
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