heartbreaking sad story a old single mother whose son left her alone in forest

    रोहित ही जानता था उस जंगल का सच, लेकिन एक दिन मां को अकेले लेकर गया और फिर वहां....

    Priya Singh

    सीमा के पति को गए 10 साल हो चुके थे, शादी के 1 साल बाद पति को खोने का दर्द सीमा भुला नहीं पाई थी, यही कारण था कि उसने बच्चा गोद लेने का फैसला किया। सीमा ने अकेले अपनी पूरी जिंदगी बिताई, उसने दूसरी शादी भी इस डर से नहीं की के अगर वह शादी करेगी तो क्या पता इस बच्चे को पिता का प्यार मिलेगा या नहीं। उसने अपने बच्चे का नाम रोहित रखा था, जो उसके मरे हुए पति का नाम पर था। लेकिन उसे उम्मीद भी नहीं थी कि जिस बच्चे को सीमा ने गोद लिया, वह उसे एक दिन अकेले मरने को छोड़ देगा।सीमा का गोद लिया हुआ बेटा रोहित ही उसके बुढ़ापे का सहारा था। अब उसका बेटा शादी के लायक हो गया था। वह अपने बेटे के लिए एक अच्छी संस्कारी बहु ढूंढ रही थी। लेकिन सीमा की किस्मत में लगता है दुख ही लिखा था।

    heartbreaking sad story a old single mother whose son left her alone in forest1

    एक दिन सीमा रात भर अपने बेटे का इंतजार कर रही थी, उसका बेटा उस दिन रात में घर नहीं आया था। उसने उसके कई दोस्तों को भी फोन किया लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। रोहित को फोन भी नहीं लग था, उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। अकेले ग़ुम-सुम घर के बरांदे में बैठी सीमा अपने बेटे के इन्तजार में तड़प रही थी। तभी उसके सामने एक गाड़ी रुकी। गांव में रहने वाली सीमा के घर के बाहर इतनी बड़ी गाड़ी देखकर हर कोई हैरान रह गया था। सुबह के 6 बज थे और आस पास बहुत शांति थी। लेकिन गाड़ी के हॉर्न की आवाज सुनते ही आस आस के सभी लोग अपने घरों से बाहर आ गए। तभी सीमा का बेटा रोहित, सूट बूट पहने गाड़ी से बाहर निकलते ही बोला। मां मैं आपके लिए एक बड़ा तोहफा लेकर आया हूं। लेकिन मां को कहां किसी तोहफे से मतलब था। वह बेटे को गाड़ी से बाहर निकलते ही लिपट जाती है और कहती है-अरे कहां था रे तू कल से। ऐसे फोन बंद करके तू कहां गायब हो गया था। अपनी मां की तुझे बिल्कुल भी फिक्र नहीं हैं।

    heartbreaking sad story a old single mother whose son left her alone in forest2

    मां को नाराज होता देख रोहित तेज तेज हंसने लगा और बोला, मां मैं आपके सामने इतना बन ठन कर खड़ा हूं, इतनी महंगी गाड़ी से आपका बेटा बाहर निकला है, आपको ये सब देखकर कोई खुशी नहीं हो रही है। आप उल्टा मुझे डांटने में लगी हो। रोहित की बात सुनकर मां ने गाड़ी की तरफ देखा। गाड़ी में ड्राइवर के साथ कोई और भी था, लेकिन काला शीशा होने की वजह से उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। मां ने इसे इग्नोर करते हुए कहा, अरे तू ये सब छोड़ चल अंदर, सूट बूट और चमचमाती गाड़ी से पेट नहीं भरने वाला। कितना थका हुआ लग रहा है तू, कपड़े बदल ले मैं तब तक तेरे लिए खाना बनाती हूं।

    तभी रोहित ने कहा, अरे मां मेरा तोहफा तो देख लो जो मैं आपके लिए लेकर आया हूं। रुको मैं आपको दिखाता हूं। मां ने रोहित की बातों को टालते हुए कहा, अरे मुझे कोई तोहफा नहीं देखना, तू अंदर चल, सब तुझे घूर घर कर देख रहे हैं, नजर लग जाएगी तुझे। रोहित ने हंसते हुए कहा, नहीं मां आपको देखना होगा। और ये कहते हुए उसने गाड़ी का दरवाजा खोला। गाड़ी में दुल्हन के कपड़ों में सजी एक लड़की बैठी थी, जिसे देखते ही मां हैरान रह गई। मां ने रोहित को चिल्लाते हुए कहा, तूने शादी करली, बेटा तुझे मेरी याद नहीं आई, सुनो गांव वालो मेरे बेटे ने शादी करली, और इस बूढ़ी मां को बताना भी जरूरी नहीं समझा।

    heartbreaking sad story a old single mother whose son left her alone in forest3

    मां की बातें सुनकर रोहित गुस्से में तिलमिला गया था, उसने गाड़ी में बैठी लड़की से कहा, तुम दरवाजा बंद करो, मैं अभी आता हूं।रोहित अपना मां को हाथ से पकड़ते हुए घर के अंदर ले गया। उसने गुस्से में कहा, मां ये क्या तरीका है, आप ऐसे कैसे चिल्ला सकती हैं। रोहित को गुस्सा होता देख मां के आंखों से आंसू आने लगे थे। सीमा ने कहा, बेटा यही दिन देखने के लिए मैने तुझे इतना बड़ा किया था। मेरा इकलौता बेटा है तू, तेरी शादी देखने के मेरे भी सपने थे.. तू अपनी मर्जी से पता नहीं किसको घर ले आया।

    रोहित ने गुस्से में कहा मां रेखा के बारे में मै कुछ नहीं सुनूंगा, मैं उससे बहुत प्यार करता हूं, हमने भाग कर शादी की है। उसके पास बहुत पैसा है, हमें अब किसी चीज की कोई कमी नहीं होगी और शादी हो चुकी है तो अब ड्रामा करने का कोई फायदा नहीं है। अब बेटे के आगे सीमा क्या कर सकती थी, वह भी रोते हुए आंखों से रोहित को कहती है, ठीक है बेटा जैसी तेरी मर्जी..

    सीमा अपनी बहु के स्वागत के लिए घर का द्वार सजाती है और दरवाजे पर चावल भरा कलश रखती है। रोहित, रेखा का हाथ पकड़कर उसके साथ घर में इंटर करता है। मां, रेखा से कहती है, बेटा इसे अपने पैरों से धीरे से आगे की तरफ गिराओ और अंदर आ जाओ। रेखा पैरों से कलश तो गिराती है , लेकिन घर में आते ही सिर से पल्लू हटा देती है और बोलती है। रोहित बहुत हुआ, मैं कब तक ऐसे सिर पर पल्लू रखूं, मुझे गर्मी लग रही है, मैं ये नहीं कर सकती। घर में घुसते ही रेखा का असली रूप सीमा को समझ आ गया था।। रोहित की मां सीमा समझ गई थी कि ये लड़की उसका घर नहीं चला पाएगी, लेकिन अब उसके हाथ में कुछ नहीं था। मां ने रेखा से कहा, कोई बात नहीं बेटा, तुम घूंघट नहीं भी करोगी तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। मां की बात सुनते ही रोहित ने रेखा से कहा, देखा मैंने कहा था न मां बहुत अच्छी है। चलो तुम कपड़े चेंज कर लो। मां ने भी कहा, हां बेटा तुम दोनों कपड़े बदल लो मैं जब तक कुछ खाने को बना देती हूं।

    रोहित ने कहा मां भिंडी बना दो, रेखा को भिंडी बहुत पसंद है, मां ने भी हंसते हुए कहा, ठीक है बेटा। रोहित को भिंडी नहीं पसंद थी लेकिन वह अपनी पत्नी की भिंडी बनवा रहा था, यह देखकर मां खुश हो रही थी के उनका बेटा अब बड़ा हो गया है। उसने दूसरों के पसंद का ख्याल रखना भी शुरू कर दिया है। मां ने खाना बना दिया था और सभी ने मिलकर खाना खाया। खाना खाते हुए मां बेटे और बहु से बहुत सारी बातें कर रही थी की वह कहां मिले और कैसे यह रिश्ता शुरू हुआ। मां ने रेखा को अपना लिया था क्योंकि वह अपने बेटे को खोना नहीं चाहती थी।

    बेटा भी खुश था कि सब कुछ अच्छा चल रहा था। सास बहु और बेटे सभी मिलकर एक साथ हंसी खुशी रह रहे थे। एक दिन रोहित ने मां से कहा , चलो मां आज हम सभी कहीं घूमने चलते हैं। मां ने कहा अरे बेटा तुम दोनों जाओ , मैं कहां इस उम्र में घूमूंगी, ये मेरे घूमने की उम्र नहीं है। रोहित मां से जिद कर रहा था, आखिर मां बाहर जाने के लिए मान गई। रोहित ने कहा फिर चलो चलते है, तभी रेखा के पेट में दर्द होने लगा। उसने रोहित से कहा मेरे पेट में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, मैं आप लोगों के साथ नहीं जा सकती और वैसे भी आज मेरा कहीं जाने का मन नहीं है आप दोनों लोग जाओ। मां ने कहा नहीं मैं तुम्हारे साथ रुकूंगी, ऐसा थोड़ी होता तुम्हे दर्द हो रहा है और हम घूमने निकल जाए।

    रेखा ने कहा अरे इतना भी दर्द नहीं है... थोड़े देर लेटने से सब ठीक हो जाएगा। आप लोग जाओ , रेखा के बार बार जिद करने पर रोहित ने भी कहा, अच्छा चलो ठीक है हम दोनों जा रहे हैं तुम अपना ख्याल रखना।रेखा को देखकर भी ऐसा नहीं लग रहा था। रोहित ने मां से कहा , अरे उसे कोई दर्द नहीं हो रहा, आलसी है वो जाने का मन नहीं होगा इसलिए नहीं चल रही।

    heartbreaking sad story a old single mother whose son left her alone in forest4

    मां और रोहित हंसते मुस्कुराते शहर के ऐसे छोर पर पहुंच गए जहां दूर दूर तक बस जंगल था। रोहित की मां ने कहा, अरे बेटा हम जंगल घूमने आए हैं क्या, रोहित ने कहा , हां मां आपकी सेहत के लिए अच्छा वातावरण सही है। थोड़े देर यह बैठेंगे घूमेंगे और फिर वापस चलेंगे। दोनों गाड़ी से उतरे और जंगल की तरफ बढ़ने लगे। वहां बहुत लोग थे जो अपने परिवार के साथ घूमने आए थे। मां को भी यहां आना अच्छा लग रहा था। आसपास खाने पीने के स्टाल भी थे। रोहित ने मां को 2000 रुपए की नोट पकड़ाई और कहा मां समोसा खाने का मन हो रहा है। आप ये पैसे पकड़ो मैं पर्स लाना भूल गया हूं कैश जेब में रख कर ले आया।

    आप ये 2 हजार रुपए पकड़ो, मेरे पास से गुम हो जाएंगे। मैं समोसे और चाय उस दुकान से लेकर आता हूं। मां ने कहा था ठीक है बेटा, जल्दी आना। मां रोहित को जाते हुए देख रही थी, रोहित समोसे की दुकान पर पहुंच गया था। लेकिन देखते ही देखते मां का ध्यान रोहित से हट गया। वह आस पास बच्चों को खेलता देख, खुश हो रही थी। एक तरफ जहां लोग घोड़े पर सवारी कर रहे थे, तो वहीं लोग खेल खुद की एक्टिविटी कर रहे थे। देखते ही देखते 20 मिनट हो गए थे, मां ने दूर समोसे की दुकान की तरफ देखा, रोहित वहां नजर नहीं आ रहा था। मां ने सोचा, ये कहां चला गया, इसे इतना टाइम हो गया है। पास में ही तो दुकान है। मां ने सोचा थोड़ी देर इंतजार करती हूं बेटा आ जायेगा। 1 घंटे हो गए थे और रोहित नहीं आया। मां खुद अब समोसे वाले की दुकान पर पहुंच गई और बोली बेटा यह मेरा बेटा समोसे लेने आया होगा, उसने सफेद रंग का कुर्ता पहना था। दुकानदार ने पहले तो थोड़ा सोचा और फिर बोला।

    heartbreaking sad story a old single mother whose son left her alone in forest5

    अच्छा वो जो लम्बा सा था, हां वो समोसा लेने आया तो था लेकिन उसने फिर लेने से मना कर दिया, उसने पैसे भी समोसे के दिए थे लेकिन समोसा लेकर नहीं गया। मां ने कहा, तुमने उसे देखा क्या वो कहां गया। दुकानदार ने कहा, नहीं माजी इतनी भीड़ में मैं कहा किसी एक ग्राहक पर नजर रखूंगा। दुकानदार की बात सुनकर मां निराश हो गई थी। वह वापस उसी पत्थर पर जाकर बैठ गई , जहां उसके बेटे ने उसे छोड़ा था। उसे उम्मीद थी कि उसका बेटा वहीं आ जाएगा, इसलिए वह वहां से शाम तक नहीं हिली, अब शाम के 6 बज गए थे, अंधेरा होने लगा था।।जंगल में लोग भी कम होने लगे थे। बूढ़ी मां अब क्या करेगी, उसे समझ नहीं आ रहा था। तभी दुकानदार ने चिल्लाते हुए दूर से कहा, माजी घर चले जाओ रात में यहां खतरनाक जानवर घूमते है। कब तक बेटे का इंतजार करोगी। माजी में दुकानदार को बात सुनकर नजर अंदाज कर दिया। तभी दुकानदार के सामने खड़े एक लड़के ने कहा, क्या हुआ इनका बेटा कहा है।

    दुकानदार ने कहा अरे यहां रोज ऐसा होता है, इसका बेटा इसे छोड़ कर चला गया है। ये अपने बेटे का बैठकर इंतजार कर रही है। तुम बताओ उसे आना होता तो अब तक आ जाता न, समोसे वाले की दुकान के सामने ही लड़के की लस्सी की दुकान थी। वह जंगल में गाय चराता था और उसका घर भी जंगल में ही था। उसके पास 3 गाय थी। वह दिन में दूध बेचने के लिए आस पास के घरों में जाता था और फिर दुकान पर आकर लस्सी बेचता था। लड़के ने कहा कौन था इसका बेटा,तुमने उसे देखा था। दुकानदार ने कहा, और क्या सफेद कुर्ता पहना था उसने लंबा सा था। मेरे सामने वो गाड़ी में बैठकर हंसते मुस्कुराते गया है। मैने माजी को नहीं बताया, कैसे बोलता कि उनका बेटा उन्हें छोड़ गया है। वह खुद इस बात को समझ जाएंगी।

    heartbreaking sad story a old single mother whose son left her alone in forest6

    लड़के ने कहा मैं उन्हें ऐसे इंतजार करते हुए पूरी रात नहीं देख सकता। लड़का बूढ़ी औरत के पास गया और बोला, माजी घर चले जाइए आपका बेटा अब नहीं आने वाला। आप घर जाइए और घर में अपनी जगह खुद बनाइए। मां ने लड़के से गुस्से में कहा तुम कौन होते हो मेरे बेटे के बारे में ऐसा कहने वाले , मेरा बेटा आयेगा, मुझे पता है। तुम जाओ यहां से, लड़के ने फिर कहा माजी मैने अपनी आंखों से उसे गाड़ी में बैठकर जाते हुए देखा है। और लड़के से बोली, तुम जाओ मैं यही उसका इंतजार करूंगी, मेरा बेटा जरूर आएगा। लड़का अब क्या ही कर सकता था वह माजी को अकेला छोड़ कर चला गया। माजी पूरी रात एक ही जगह पर बैठी रही। लड़के का घर वहीं था, वह दूर से माजी को बैठे हुए देख रहा था। उसने रात में माजी को खाना लाकर भी दिया। लेकिन माजी ने खाना नहीं खाया। वह खाना साइड में रखकर पूरी रात बेटे का इंतजार करती मां ने एक भी टुकड़ा अन्न का नहीं खाया था। देखते ही देखते सुबह हो गई और फिर से पार्क में भीड़ बढ़ने लगी थी। मां को उम्मीद थी आज उसका बेटा आजाएगा। ,वो बार बार सड़क पर जाती और बार बार अपने पत्थर पर आकर बैठ जाती। आज फिर दूसरा दिन हो गया था, लेकिन उसका बेटा आया नहीं। लेकिन लड़के ने माजी का ख्याल रखना भुला नहीं था।

    लड़का अकेला रहता था, उसके माता पिता की मौत 3 साल पहले हो गई थी। अब उसे अकेले रहने की आदत हो गई थी। लेकिन उसका उसी बूढ़ी मां की तरफ ध्यान बार बार जाता था, वह दिन रात उन्हें खाना देता और वापस अपने दुकान पर आ जाता। धीरे धीरे 3 दिन बीत गए और बेटा नहीं आया। बूढ़ी मां को अब भरोसा हो गया था कि बेटा नहीं आयेगा। लड़के ने आखिर माजी को परेशान देखकर बोल दिया, माजी आप मेरे साथ क्यों नहीं रहती। मैं अकेले रहता हूं, प्लीज आप मेरे साथ रहिए, माजी भी अब क्या कर सकती थी। उसने अपनी साड़ी की गांठ खोली और 2 हजार रुपए की नोट निकाली और बोला।। बेटा मेरे पास ये 2 हजार रुपए है, ये तुम रख लो मेरे पास देने के लिए और कुछ भी नहीं है।

    heartbreaking sad story a old single mother whose son left her alone in forest7

    ये सुनकर लड़के का दिल भर आया, उसने कहा माजी आप मेरी मां के समान है। मुझे आपसे पैसे नहीं चाहिए। लड़का माजी को अपने घर ले गया और उनका हर रोज खयाल रखता। हर दिन वह माजी का ख्याल अपनी मां की तरह रखता था, माजी भी अब दुकान पर बैठकर लस्सी बेचने लगी थी और गाय को चारा भी खिलाने लगी थी। देखते ही देखते 4 साल बीत गए, लड़का और माजी एकदम परिवार को तरह रहने लगे थे।। लड़के को खाना ना खाने पर डांट भी पड़ती थी।

    heartbreaking sad story a old single mother whose son left her alone in forest8

    एक दिन माजी लड़के के पीछे डंडा लेकर भाग रही थी और चिल्ला रही थी। रोहन आज तू फिर खाना खाए बिना चला गया। तुझे कहा था न खाना पूरा खाने को, मेरी एक बात नहीं सुनता है, लड़का भी हंसते हंसते हुए जंगल में भाग रहा था। दोनों को देखकर आस पास के लोग भी मुस्कुरा रहे थे, ऐसा लग रहा था दोनों एक दूसरे से कितना प्यार करते हैं, तभी अचानक मां के पैर थम गए और हाथ से डंडा गिर गया।

    ऐसा इसलिए, क्योंकि माजी के सामने उसका बेटा रोहित आ गया था। रोहित अपने बीवी और अपने बेटे के साथ जंगल में घूमने आया था। उसे उम्मीद भी नहीं थी कि जंगल में उसे उसकी मां दिख जाएगी। तभी माजी ने चिल्लाते हुए कहा, अरे गोलू चलो घर चलें, मैं थक गई हूं, लड़के ने सोचा अचानक माजी को क्या हो गया। उसने कहा छोटी मां क्या हुआ। तभी उसने सामने एक लड़के को देखा, गोलू समझ गया कि ये उनका बेटा है। गोलू प्यार से माजी को छोटी मां कहता था। उसने कहा, चलो छोटी मां चलते है, मैं अब से रोज पूरा खाना खाऊंगा। मां की आंखे भर आई थी, लेकिन उसने मूड कर एक भी बार अपने बेटे की तरफ नहीं देखा। उसने अपने बेटे को ऐसे नजरअंदाज किया जैसे उसने उसे पहचाना ही नहीं।

    रोहित अपनी मां के पीछे पीछे भागता हुआ गया और रोते हुए बोला मां सुनो न मां मेरी 1 बात सुन लो बस। मां ने तुरंत कहा गोलू दरवाजा बंद कर लो, कोई बाहर का आदमी घर में ना आ जाए। गोलू ने तुरंत रोहित के मुंह पर दरवाजा बंद कर दिया।

    heartbreaking sad story a old single mother whose son left her alone in forest9

    तभी मां ने कहा गोलू, सुनो, मेरे पर्स में 2 हजार रुपए है, दरवाजे पर खड़े आदमी को देकर कह दो, हमारे पास देने के लिए इतना ही है। गोलू ये सुनकर बहुत ज्यादा खुश था, उसने फौरन 2 हजार रुपए रोहित के हाथ में पकड़ाए और दरवाजा बंद करके घर में आ गया। रोहित बाहर खड़ा दरवाजा पीट रहा था, लेकिन मां ने तेज आवाज में टीवी चलाया और दोनों साथ बैठकर हंसते मुस्कुराते खाना शुरू कर दिया। रोहित भी दरवाजा खटखटाते, हार मानकर वापस अपने परिवार के साथ घर लौट गया।

    यह कहानी पूरी तरह से कल्पना पर आधारित है और इसका वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं है। यह केवल कहानी के उद्देश्य से लिखी गई है। हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। ऐसी ही कहानी को पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।

    इसे भी पढ़ें-हरियाणा का एक किराए का घर... जहां हर रात होती थी डरावनी घटना, कविता के परिवार के साथ आखिर यहां हर रात क्या हो रहा था?

    इसे भी पढ़ें-एक रहस्यमयी नाग साधु के पास था जादूई त्रिशूल, वह महाशिवरात्रि पर इसे छिपाकर घाट की तरफ लेकर जा रहा था, तभी..

    इसे भी पढ़ें-Office Ki Aakhiri Shift Part 5:राधिका की आत्मा और HR पर मंडराता खौफ, 5 साल पहले क्या हुआ था नेहा के ऑफिस में?