महिलाएं न सिर्फ सपने देखती हैं, बल्कि उन्हें पूरा करने की हिम्मत भी रखती हैं और इसकी बेहतरीन मिसाल हैं लीगल सर्विस देने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म The Rest Case की फाउंडर और डायरेक्टर श्रेया शर्मा। जी हां, श्रेया शर्मा ने मेहनत और लग्न के दम पर यह भी साबित कर दिया है कि किसी भी सक्सेसफुल बिजनेस को खड़ा करने के लिए बड़ी पूंजी या भव्य ऑफिस की जरूरत नहीं होती है, बल्कि एक शानदार आइडिया और मेहनत ही असली पूंजी होती है।
जिस उम्र में बच्चों का ध्यान मौज-मस्ती और पार्टी में होता है, उस उम्र में श्रेया शर्मा ने अपने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत शुरू कर दी थी। श्रेया ने कॉलेज पूरा करने के बाद ही अपने सपने यानी द रेस्ट केस पर काम करना शुरू कर दिया था। लेकिन, ऐसा बिल्कुल भी नहीं था कि उन्हें करियर की शुरुआत में ही सक्सेस मिल गई थी। श्रेया ने सक्सेस की राह में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। आइए, यहां जानते हैं कि श्रेया ने कैसे सक्सेसफुल जर्नी के बारे में।
कैसे आया 'द रेस्ट केस' का आइडिया?
श्रेया शर्मा ने हमारे साथ अपनी सक्सेस जर्नी शेयर की है। जहां उन्होंने बताया कि जब उन्होंने यूके की कार्डिफ यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड समर कोर्स में एडमिशन लिया था, तब वह महज एक लॉ स्टूडेंट थीं। उनके सपने बड़े थे लेकिन, उन्हें यह अहसास नहीं था कि यह एक्सपीरियंस उनका कानून व्यवस्था को देखने का नजरिया बदल देगा और कुछ अलग करने के लिए प्रेरित करेगा।
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श्रेया ने यूके में पढ़ाई के दौरान एक प्रोजेक्ट पर काम किया था। जिसमें रिसर्च करते समय उन्होंने ऐसी वेबसाइट्स के बारे में पता लगाया जो जरूरतमंद लोगों को आसानी से वकीलों से जोड़ती थी। ये प्लेटफॉर्म व्यवस्थित और सुलभ थे। जिस किसी को भी कानूनी सहायता की जरूरत होती थी, वह उन्हें मिनटों में बिना लंबी खोज और मेहनत के वकीलों से जोड़ देते थे। प्रोजेक्ट पर रिसर्च के दौरान ही उनके मन में सवाल आया जिसने उन्हें बार-बार सोचने पर मजबूर किया। यह था कि, कैसे कानूनी मदद को आसान और भरोसेमंद बनाया जा सकता है। इसी सवाल और सोच के साथ द रेस्ट केस का जन्म हुआ।
एक लैपटॉप के साथ शुरू की सपनों को पूरा करने की जर्नी!
श्रेया शर्मा ने एक लैपटॉप और एक विजन के साथ शुरुआत की थी। उनकी जर्नी रोमांचक और चुनौतीपूर्ण, दोनों ही रही है। जब श्रेया ने सपनों को पूरा करने की तरफ कदम बढ़ाया था तब उनके मन में सवाल था कि क्या लोग कानूनी मदद के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भरोसा करेंगे? क्या वकील इस पहल का हिस्सा बनेंगे? क्या यह सच में लोगों के लिए सही समाधान साबित होगा? इन सवालों और घबराहट के बावजूद श्रेया ने आगे बढ़ने का फैसला लिया।
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द रेस्ट केस, जो कभी एक छोटे विचार और वन-पर्सन टीम के साथ शुरू हुआ था। आज एक सक्सेसफुल प्लेटफॉर्म बन गया है, जो लोगों को जल्दी और आसानी से वकील खोजने में मदद करता है। श्रेया शर्मा के लिए द रेस्ट केस को सक्सेसफुल बनाने का सफर आसान नहीं था। इस दौरान कई बाधाएं, संदेह और अनगिनत क्षण आए जब श्रेया ने खुद से सवाल किया कि क्या वह सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं या नहीं। लेकिन, इन सभी चीजों के बीच उनका विश्वास अटल रहा। वह चाहती थीं कि कानूनी मदद पर किसी का विशेषाधिकार न हो, बल्कि हर व्यक्ति का इसपर अधिकार होना चाहिए।
द रेस्ट केस, आज सिर्फ एक लीगल सर्विस देने वाला प्लेटफॉर्म नहीं है, बल्कि यह एक वादा है जो सुनिश्चित करता है कि सही कानूनी व्यवस्था मिलना मुश्किल नहीं है। साथ ही अब द रेस्ट केस AI तकनीकों के साथ और भी प्रभावी हो गया है और वकील खोजने के साथ-साथ केस की समरी बनाने और अन्य काम में भी मदद करता है।
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Image Credit: Shreya Sharma
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