हम भारतीय महिलाएं ज्वेलरी की काफी शौकीन होती हैं। हम ही नहीं इतिहास के पन्नों को पलटकर देखें तो गहनों और आभूषणों का शौक राजा-महाराजाओं को भी बहुत रहा है। अब नाजुक ढंग से बनाए गए, खूबसूरत गहनों के लिए प्रसिद्ध, भारत का सोने के प्रति प्रेम अनंत है।
कांच की एक शीट पर जटिल रूप से तैयार किए गए सोने को उभारकर गहने बनाने की ऐसी ही एक आकर्षक प्रक्रिया को थेवा के नाम से जाना जाता है। गहने बनाने का यह सुंदर रूप मुगल काल के दौरान विकसित हुआ। कांच पर सोने को इतनी नाजुकता से उकेरा गया है कि सोने का चमकीला प्रभाव खूबसूरती से सामने आता है।
कुशल कारीगर एक ही टुकड़ा बनाने में पूरा महीना लगाते हैं। इन गहनों को राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में बनाया गया और यह बड़ी खूबसूरती से राजस्थान की परंपरा और संस्कृति को समेटे हुए है।
आज इस आर्टिकल में हम आपको इन कला के बारे में विस्तार से बताएंगे। आइए जानते हैं कि कैसे थेवा अस्तित्व में आई और इतीन लोकप्रिय हो गई।
कैसे अस्तित्व में आई थेवा ज्वेलरी?
ऐसा माना जाता है कि इस कला का उद्गम प्रतापगढ़ राजस्थान की खूबसूरत भूमि से मिलता है। थेवा को कांच की शीट पर सोने के काम से किया जाता है। कहा जाता है कि इसका आविष्कार नाथू लाल सोनवाला ने वर्ष 1707 में किया था। शुरुआत में, नाथू लाल के परिवार ने इस शिल्प को दुनिया के बाकी हिस्सों से छिपाकर रखा। धीरे-धीरे इस कला ने समकालीन रूप धारण कर लिया और कई जौहरियों ने इसमें महारत हासिल कर ली।
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कैसा रहा इसक स्टाइल?
इसका निराला स्टाइल अन्य भारतीय आभूषणों से इसे अलग बनाता है। इसे बेहद पांरपरिक रूप से तैयार किया जाता है। थेवा गहनों के समकालीन डिजाइन और बनावट को ध्यान में रखते हुए, मोतियों और अन्य शैलीगत तत्वों के कारण उन्हें फैशन के दृश्य में फिर से पेश किया है। हालांकि आज भी, कई डिजाइनर समकालीन शैलियों के साथ, प्राचीन शैलियों से जटिल डिजाइन को पेश करते हैं और इस शैली से जुड़ी समृद्धि और रॉयल्टी पर वापस ले जाते हैं।
कैसा रहा वर्षों से प्रभाव?
आज यह कला रूप काफी हद तक विकसित हुआ है, लेकिन मूल शैली का सार वही रहता है। वर्तमान समय के डिजाइनों और धातुओं में बहुत अधिक यूरोपीय प्रभाव पाया जाता है। राजस्थान के रंगों, बनावटों और डिजाइनों की शानदार वैरायटी थेवा के गहनों और एक्सेसरीज़ के मूल तत्व को परिभाषित करने में एक बड़ी भूमिका निभाती है। कीमती पत्थरों, मोतियों, माणिक और हीरों से सजे समृद्ध पैटर्न ने गहनों के इस रूप को पूरे भारत में और उससे भी आगे लोकप्रिय बनाए रखा है।
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कैसे करें इसे स्टाइल?
यह डिजाइन एकदम रॉयल है और आपको भी समृद्ध दिखाता है। इसे आप कई तरह से स्टाइल कर सकती हैं। एथनिक वियर के साथ आप थेवा जैसे गहनों को कैरी कर सकती हैं। भारी साड़ियों के साथ इसके चोकर या इयररिंग्स बेहद खूबसूरत नजर आएंगे। आप कंगनों और ब्रेसलेट में भी इसके डिजाइन्स को चुन सकती हैं।
हमें उम्मीद है थेवा ज्वेलरी के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आएगी। अगर यह लेख पसंद आया तो इसे लाइक और शेयर जरूर करें। ऐसे अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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