क्या है डिजिपिन? 90% लोगों को नहीं पता अपने घर का डिजिटल पता, मोबाइल पर ऐसे करें चेक

क्या आप जानती हैं अब आधार कार्ड की तरह आपके घर की भी यूनिक पहचान हो सकती है। इंडिया पोस्ट ने डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम शुरू किया है, जिसका नाम डिजिपिन है। आइए, यहां जानते हैं कि डिजिपिन कैसे काम करेगा और आप अपने घर का डिजिटल पता कैसे जान सकती हैं। 
What is DIGIPIN in hindi

क्या आप डिलीवरी बॉय को हर दिन अपने घर का पता समझा-समझाकर थक गई हैं? क्या आप इस झंझट से छुटकारा पाना चाहती हैं और चाहती हैं कि आपको एक बार भी डिलीवरी बॉय फोन न करे और सीधा आकर घर की घंटी बजाए। तो आपका यह सपना पूरा हो सकता है। आपके स्मार्टफोन की तरह ही आपके घर का एड्रेस भी स्मार्ट हो गया है। जी हां, इंडिया पोस्ट ने हाल ही में डिजिपिन इंट्रोड्यूस किया है। डिजिपिन आपके घर का डिजिटल पता होगा, जिसमें आधार कार्ड की तरह 10 अंक और अक्षरों का कोड होगा।

क्या है DigiPin?

तकनीक के इस युग में हर चीज डिजिटल हो रही है। ऐसे में इंडिया पोस्ट ने भी नई डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम लॉन्च कर दिया है। इस डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम को DigiPin का नाम दिया गया है। यह एड्रेसिंग सिस्टम इंडिया पोस्ट, आईआईटी हैदराबाद और ISRO के नेशनल रिसर्च सेंसिंग सेंटर के कोलैब्रेशन से बनाया गया है।

यह बिल्कुल आधार कार्ड नंबर की तरह होगा। जिस तरह से आधार कार्ड आपकी पहचान बताता है, उसी तरह डिजिपिन प्राइवेट प्रॉपर्टी यानी घर या सरकारी भवन की सटीक लोकेशन बताएगा।

क्या DigiPin नॉर्मल पिनकोड से अलग है?

digipin different from pincode

यह नॉर्मल पिनकोड से पूरी तरह अलग है। आप चाहें तो इसे नॉर्मल पिनकोड का अपग्रेड वर्जन भी मान सकती हैं। दरअसल, नॉर्मल पिनकोड गली, सड़क या बड़े एरिया को दिखाता है। जिसकी वजह से कई बार छोटी-छोटी गलियों में सटीक पता ढूंढना मुश्किल हो जाता है। वहीं, डिजिपिन आपकी प्रॉपर्टी का यूनिक कोड होगा, जो एग्जैक्ट लोकेशन बताने में मदद करेगा।

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कैसे काम करता है डिजिपिन?

डिजिपिन को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वह 4 वर्ग मीटर के अंदर की सटीक लोकेशन बताता है। बता दें, डिजिपिन की खास बात उसकी प्राइवेसी पॉलिसी है। यह किसी भी तरह से पर्सनल डेटा सेव नहीं करता है और सिर्फ शेयर करने पर ही लोकेशन बताता है।

क्या हैं डिजिपिन के फायदे?

  • डिजिपिन की मदद से ई-कॉमर्स डिलीवरी तेज और आसान होगी।
  • एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी एमरजेंसी सर्विस भी तेज और आसानी से पहुंच सकेंगी।
  • डिजिपिन में कोई पर्सनल जानकारी स्टोर नहीं होती है और सिर्फ जियो लोकेशन एड होती है जिससे प्राइवेसी बनी रहती है।

क्या डिजिपिन ऑफलाइन है?

digipin

डिजिपिन का ऑफलाइन भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी नहीं है कि हमेशा फोन में इंटरनेट रहे। इसके अलावा अगर आपको लगता है कि डिजिपिन आने से आपके घर का एड्रेस या पोस्टल एड्रेस पिनकोड बदल जाएगा तो आप गलत हैं। डिजिपिन आपके घर का पता दूर-दराज के इलाके, गांव या महानगर में आसानी से ढूंढ सकता है।

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मोबाइल से कैसे चेक करें अपना डिजिपिन?

  • डिजिपिन पता करना बहुत आसान है, इसके लिए सबसे पहले अपने फोन में गूगल ओपन करें और वहां इंडिया पोस्ट लिखकर सर्च करें। ध्यान रहे कि आप इंडिया पोस्ट की ऑफिशियल वेबसाइट ही खोलें।
  • इंडिया पोस्ट की ऑफिशियल वेबसाइट का आपके सामने होमपेज ओपन हो जाएगा। होमपेज पर कई सारे ऑप्शन्स और आइकन दिखाई देंगे। इनमें Know Your Pincode आइकन पर क्लिक करें।
  • आइकन पर क्लिक करने के बाद एक नया पेज ओपन होगा, जिसमें एक टैब में पिनकोड और दूसरे टैब में डिजिपिन ऑप्शन होगा।
  • डिजिपिन जानने के लिए दूसरे टैब पर क्लिक करें। अब ब्राउजर की सेटिंग्स में जाकर लोकेशन एक्सेस की परमिशन दें।
  • परमिशन देने के बाद नीचे की तरफ राइट साइड में आपको अपना डिजिपिन दिखाई दे जाएगा।

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Image Credit: Freepik

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