आज के दौर में जब हर क्षेत्र में कॉम्पिटिशन बढ़ती जा रही है, तो छात्र अक्सर ऐसे करियर विकल्पों की तलाश में रहते हैं, जो सुरक्षित होने के साथ-साथ भविष्य में भी अच्छी कमाई और सम्मान दिलाने वाला हो। मेडिकल फील्ड हमेशा से ही एक आकर्षक विकल्प रहा है, लेकिन डॉक्टर बनना हर किसी के लिए संभव नहीं होता है। ऐसे में, पैरामेडिकल साइंस एक ऐसा क्षेत्र है, जो मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। ये ऐसे स्वास्थ्य सेवा पेशेवर होते हैं, जो डॉक्टरों और नर्सों की सहायता करते हैं। निदान से लेकर उपचार तक, हर स्टेप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कोविड-19 महामारी के बाद इस क्षेत्र का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है, जिससे इसमें करियर की अपार संभावनाएं खुल गई हैं। अगर आपने हाल ही में 12वीं कक्षा पास की है और हेल्थ सेक्टर में अपना करियर बनाना चाहती हैं, लेकिन डॉक्टर या नर्स नहीं बनना चाहतीं हैं, तो पैरामेडिकल कोर्स आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकते हैं। ये कोर्स कम समय में आपको रोजगार के लिए तैयार करते हैं और एक सम्मानजनक पेशा दिलाने में कारगर साबित हो सकते हैं। यहां हम आपको 12वीं के बाद किए जा सकने वाले टॉप 5 पैरामेडिकल कोर्स की लिस्ट बताएंगे, जिन्हें करने के बाद आप एक सफल करियर बना सकती हैं।
12वीं के बाद पैरामेडिकल में करियर बनाने के लिए टॉप 5 कोर्स
पैरामेडिकल कोर्स विभिन्न विशेषज्ञताओं में उपलब्ध हैं, और आप अपनी रुचि और योग्यता के अनुसार चुनाव कर सकती हैं। यहां कुछ सबसे लोकप्रिय और मांग वाले कोर्स दिए गए हैं-
बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT- Bachelor of Physiotherapy)
फिजियोथेरेपी एक ऐसा कोर्स है जो उन लोगों के लिए है, जो शारीरिक समस्याओं, चोट या विकलांगता से जूझ रहे मरीजों को व्यायाम, मालिश और विभिन्न शारीरिक तकनीकों के माध्यम से ठीक होने में मदद करते हैं। यह बिना दवा या सर्जरी के उपचार का एक महत्वपूर्ण उपचार है। यह कोर्स करने के बाद, आप सरकारी और निजी अस्पताल, स्पोर्ट्स क्लीनिक, रिहैबिलिटेशन सेंटर, वृद्धाश्रम, खुद की क्लीनिक ओपन कर सकती हैं। फिजियोथेरेपिस्ट की मांग लगातार बढ़ रही है।
योग्यता: 12वीं साइंस स्ट्रीम (PCB - फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) से पास।
अवधि: 4 साल का डिग्री कोर्स + 6 महीने की इंटर्नशिप।
बैचलर ऑफ मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी (BMLT- Bachelor of Medical Lab Technology)
BMLT कोर्स मेडिकल डायग्नोसिस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें छात्रों को रक्त, मूत्र और अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के नमूनों का विश्लेषण करना सिखाया जाता है, ताकि बीमारियों का सही पता लगाया जा सके। करियर संभावनाओं की बात करें तो इसे पूरा करने के बाद आप सरकारी और निजी पैथोलॉजी लैब, अस्पताल, रिसर्च लैब, ब्लड बैंक, फार्मास्युटिकल कंपनियों में काम कर सकती हैं। यह कोर्स आपको एक लैब टेक्नोलॉजिस्ट के रूप में स्थापित करता है।
योग्यता: 12वीं साइंस स्ट्रीम (PCB) से पास।
अवधि: 3 साल का डिग्री कोर्स।
बैचलर ऑफ ऑप्टोमेट्री (B.Optom- Bachelor of Optometry)
ऑप्टोमेट्री आंखों की देखभाल से संबंधित है। इसमें छात्रों को आंखों की जांच करना, दृष्टि दोषों का पता लगाना, चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस प्रिस्क्राइब करना और आंखों से जुड़ी सामान्य बीमारियों का प्रबंधन सिखाया जाता है। इस कोर्स को पूरा करने के बाद, आप निजी ऑप्टिकल शॉप, अस्पताल के नेत्र विभाग, खुद की प्रैक्टिस, लेंस मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां में काम कर सकती हैं। जानकारी के लिए बता दें कि आंखों की समस्याओं में वृद्धि के कारण इस क्षेत्र में भी अच्छी मांग है।
योग्यता: 12वीं साइंस स्ट्रीम (PCB) से पास।
अवधि: 4 साल का डिग्री कोर्स (जिसमें इंटर्नशिप शामिल हो सकती है)।
इसे भी पढ़ें-12वीं पास करने के बाद एक साल का डिप्लोमा कोर्स कर बना सकती हैं मेडिकल फील्ड में करियर, यहां जानें डिटेल्स और कॉलेज
बैचलर ऑफ रेडियोग्राफी एंड इमेजिंग टेक्नोलॉजी (BRIT- Bachelor of Radiography and Imaging Technology)
यह कोर्स उन छात्रों के लिए है जो मेडिकल इमेजिंग तकनीकों जैसे एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड आदि में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं। ये तकनीशियन बीमारियों का निदान करने में डॉक्टरों की मदद करते हैं। इस कोर्स के बाद, आपको सरकारी और निजी अस्पताल, डायग्नोस्टिक सेंटर, इमेजिंग सेंटर, रिसर्च लैब में काम करने का मौका मिल सकता है। आधुनिक चिकित्सा में इमेजिंग की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।
योग्यता: 12वीं साइंस स्ट्रीम (PCB) से पास।
अवधि: 3 साल का डिग्री कोर्स।
इसे भी पढ़ें-मेडिकल सेक्टर में है दिलचस्पी तो 12वीं के बाद करें ये शॉर्ट टर्म कोर्सेज, नहीं होगी जॉब की टेंशन
डिप्लोमा इन एनेस्थीसिया एंड क्रिटिकल केयर टेक्नोलॉजी (DACT/DOTT- Diploma in Operation Theatre Technology)
यह एक डिप्लोमा कोर्स है जो छात्रों को ऑपरेशन थिएटर में डॉक्टरों और सर्जनों की सहायता करने के लिए तैयार करता है। इसमें उपकरणों को तैयार करना, मरीजों को सर्जरी के लिए तैयार करना और पोस्ट-ऑपरेटिव केयर में मदद करना सिखाया जाता है। कई संस्थान 3 साल का डिग्री कोर्स (B.Sc. OTT) भी कराते हैं। करियर संभावनाओं की बात करें तो इसकी पढ़ाई पूरी करने के बाद, आप सरकारी और निजी अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर, इंटेंसिव केयर यूनिट, इमरजेंसी डिपार्टमेंट में नौकरी पा सकती हैं। सर्जिकल प्रक्रियाओं की बढ़ती संख्या के साथ इन पेशेवरों की मांग अधिक है।
योग्यता: 12वीं साइंस स्ट्रीम (PCB) से पास।
अवधि: 2 से 3 साल का डिप्लोमा या डिग्री कोर्स।
इसे भी पढ़ें-Medical Courses Without NEET: 12वीं पास करने के बाद बिना नीट परीक्षा के कर सकते हैं ये मेडिकल कोर्स
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ।
Image credit- Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों