आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हम अक्सर वर्तमान की जरूरतों और खर्चों में इतना उलझ जाते हैं कि फ्यूचर की चिंता करना भूल जाते हैं। आज के समय सभी लोग नौकरी करते हैं और अपने खर्च ज्यादातर खुद ही उठाते हैं। रोजमर्रा के खर्च इतने ज्यादा होते हैं कि इसके साथ मोटी रकम सेव कर पाना मुश्किल होता है। खासतौर से इस बात का ख्याल दौरान आता है, जब अगर जॉब छूट गई हो या अचानक अपना अकाउंट चेक करें। उस समय एहसास होता है कि अकाउंट में उतने पैसे ही नहीं होते हैं कि महीने या साल का खर्चा चल सके। अब सोचिए कि जब आपकी उम्र और हालात नौकरी या काम करने की इजाजत नहीं देते हैं। उस दौरान आगे का खर्च कैसे पूरा कर सकते हैं।
बता दें कि आज की तारीख में इंवेस्टमेंट के कई आसान विक्लप मौजूद हैं। लेकिन आज भी एक बड़ी आबादी अपने रिटायरमेंट प्लानिंग पर ध्यान नहीं देते हैं। यह बात भले ही छोटी लगे। लेकिन इसका प्रभाव और यह लापरवाही आगे चलकर फाइनेंशियल परेशानी का कारण बन सकती हैं। अगर आप आज की कमाई से कल का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं, तो नीचे लेख में समझें पैसे को कहां पर इंवेस्ट करना सही हो सकता है।
रिटायरमेंट के लिए इंवेस्ट करना क्यों जरूरी है?
सरकारी नौकरी हो या प्राइवेट हर एक जॉब को करने के लिए हमारी उम्र एक तय सीमा तक इजाजत देती है। उदाहरण के तरीके से समझतें है अगर आप 60 की उम्र में रिटायर होते हैं और 85 तक जीते हैं, तो 25 साल बिना सैलरी के गुजारने होंगे। अब सवाल यह आता है कि बिना पैसे बिना नौकरी आगे का जीवन कैसे चला सकते हैं।
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रिटायरमेंट एज को आराम से जीने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
आमतौर पर लोगों के खर्च मिलने वाली सैलरी से ज्यादा होता है। वह बच्चों को अच्छे स्कूल और अन्य खर्च को पहली प्राथमिकता देते हैं। वर्तमान में शहरी जीवन में लाइफ एक्सपेंस बढ़ते जा रहे हैं। साथ ही हेल्थकेयर खर्च भी काफी महंगे होते जा रहे हैं। सामान्य महंगाई से तेज बढ़ता है और ये खर्च उस वक्त चरम पर होता है जब आपकी रेगुलर इनकम बंद हो जाती है। ऐसे में जिनके पास कोई फॉर्मल पेंशन नहीं है। उनके लिए रिटायरमेंट के लिए एक मजबूत फंड बनाना बहुत जरूरी हो जाता है।
Investment करने के लिए कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध हैं?
भारत में रिटायरमेंट फंड तैयार करने के लिए कई बेहतरीन विकल्प मौजूद हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आप अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से किसी एक में पैसा लगा सकते हैं, या फिर अपने निवेश को अलग-अलग अच्छी स्कीमों में बांट सकते हैं-
- PPF (पब्लिक प्रोविडेंट फंड)- यह एक सुरक्षित विकल्प है जो सरकारी गारंटी और टैक्स-फ्री रिटर्न देता है, खासकर उन निवेशकों के लिए जो जोखिम नहीं लेना चाहते।
- EPF (एम्प्लॉयीज प्रोविडेंट फंड)- सैलरी पाने वाले लोगों के लिए यह लगातार बचत करने का एक अच्छा ज़रिया है, जिसमें आपके नियोक्ता (employer) का योगदान भी शामिल होता है।
- NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम)- यह एक लंबी अवधि का प्लान है जो कम लागत, लचीला एसेट एलोकेशन, और टैक्स लाभ प्रदान करता है।
- SIP के जरिए इक्विटी म्यूचुअल फंड- लंबे समय में अच्छी ग्रोथ देने वाला यह विकल्प अब रिटायरमेंट प्लानिंग में एक अहम भूमिका निभा रहा है।
वर्तमान में SIP बन गया लोगों की नई आदत
आज के समय लोग अपना पैसे SIP में लगाना पसंद करते हैं। यह ठीक वैसे है, जैसे आप किराया या EMI भरते हैं। बता दें मार्च 2025 में मिड-कैप और स्मॉल-कैप म्यूचुअल फंड में 7,000 करोड़ रुपय से ज्यादा का नेट इनफ्लो देखा गया। SIP को लेकर यह प्रतिबद्धता लोगों को लंबी अवधि में अच्छा पैसा बनाने में मदद कर सकती है।
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Image Credit- freepik
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