जब आप वॉट्सऐप पर किसी को लिंक भेजते हैं, तो रिसीवर संभावित तौर पर आपके IP एड्रेस को ट्रैक कर सकता है, जिससे आपकी गोपनीयता खतरे में पड़ सकती है।लेकिन चिंता न करें, वॉट्सऐप में ही एक इनबिल्ट सुविधा है, जो आपको अपनी सुरक्षा को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। कॉल में IP एड्रेस छिपाएं नाम का यह सुविधा आपके IP एड्रेस को वॉयस और वीडियो कॉल के दौरान छुपाती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि आपकी ऑनलाइन गतिविधि निजी रहती है।
व्हाट्सएप के उपयोग से डेटा लीक से बचने के तरीके
लिंक प्रीव्यू डिसेबल करें
व्हाट्सएप पर लिंक भेजते समय लिंक प्रीव्यू डिसेबल करने से वेबसाइट को आपका आईपी एड्रेस ट्रेस करने से रोका जा सकता है। लिंक भेजते समय उसे साधारण टेक्स्ट के रूप में भेजें। लिंक प्रीव्यू डिसेबल करने के लिए, लिंक के आगे स्पेस जोड़ें।
वीपीएन का उपयोग करें
वीपीएन (Virtual Private Network) का इस्तेमाल करके आप अपने आईपी एड्रेस को मास्क कर सकते हैं, जिससे वेबसाइट आपका असली आईपी एड्रेस नहीं देख पाएगी।
लिंक शोर्टनिंग सर्विस का इस्तेमाल करें
लिंक शोर्टनिंग सर्विस जैसे bit.ly, tinyurl का इस्तेमाल करके आप अपने लिंक को छोटा कर सकते हैं। इससे वेबसाइट को आपका असली आईपी एड्रेस ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।
व्हाट्सएप वेब का इस्तेमाल करें
व्हाट्सएप वेब का इस्तेमाल करते समय, आपका आईपी एड्रेस आपके कंप्यूटर के ब्राउजर से भेजा जाता है। अगर आप ब्राउजर के इंकॉग्निटो मोड का उपयोग करते हैं, तो यह आपके आईपी एड्रेस को छिपाने में मदद कर सकता है।
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व्हाट्सएप के लिंक प्रिव्यू को डिसेबल करने के लिए
वॉट्सऐप पर आईपी एड्रेस को सुरक्षित रखने के लिए, 'प्रोटेक्ट आईपी एड्रेस इन कॉल' फ़ीचर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- सबसे पहले, व्हाट्सएप को अपडेट करें
- व्हाट्सएप खोलें और टॉप राइट कॉर्नर पर तीन डॉट पर क्लिक करें
- सेटिंग्स पर टैप करें
- प्राइवेसी पर टैप करें
- नीचे स्क्रॉल करें और 'एडवांस्ड' पर टैप करें
- 'प्रोटेक्ट आईपी एड्रेस इन कॉल' के आगे बने टॉगल को इनेबल करें।
इस फीचर को इनेबल करने के बाद, कॉल सीधे कनेक्ट नहीं होंगी और दूसरे व्यक्ति को आपका आईपी पता नहीं दिखेगा। कॉल वॉट्सऐप के सर्वर के ज़रिए दूसरी व्यक्ति तक पहुंचेंगी, जिससे आपकी लोकेशन छिप जाएगी। इससे कोई भी आपकी प्राइवेसी में खलल नहीं डाल पाएगा। यह फीचर खास तौर पर उन लोगों के लिए डिजाइन किया गया है, जो कॉल के दौरान अपने अनुमानित स्थान या इंटरनेट प्रदाता जैसी जानकारी साझा करने के बारे में सतर्क रहते हैं। यह तब भी मददगार हो सकता है जब आपको ट्रैक किए जाने की चिंता हो या अगर आप काम या दूसरे व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं।
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ऑनलाइन डेटा लीक तब होता है जब किसी संगठन के भीतर से कोई व्यक्ति अनजाने में गोपनीय डेटा को उजागर कर देता है। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे
- डेटा का व्यावसायिक प्रबंधन सही न होना
- सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर में सुरक्षा खामियां
- मैलवेयर इंस्टॉल करना
- खराब पासवर्ड स्ट्रेंथ
- कंपनी की साइबर सुरक्षा प्रथाओं की कमी
- आंतरिक त्रुटियां
- खराब डेटा सुरक्षा
- पुरानी प्रणालियां
- कर्मचारी प्रशिक्षण की कमी
- सॉफ़्टवेयर गलत कॉन्फ़िगरेशन
- चोरी या खोए हुए उपकरण
डेटा लीक से पहचान की चोरी, डेटा उल्लंघन या रैनसमवेयर इंस्टॉलेशन हो सकता है। डेटा लीक का खतरा आमतौर पर वेब और ईमेल के माध्यम से होता है, लेकिन ऑप्टिकल मीडिया, यूएसबी कुंजी और लैपटॉप जैसे मोबाइल डेटा स्टोरेज डिवाइस के माध्यम से भी हो सकता है।
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