डिजिटल वर्ल्ड में मोबाइल फोन सिर्फ कॉल या मैसेज भेजने का जरिया नहीं रह गया है। बल्कि, हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। फोन में हमारी पर्सनल चैट्स, फोटोज, बैंकिंग डिटेल्स, सोशल मीडिया अकाउंट्स यहां तक की हमारे सरकारी आईडी प्रूफ भी होते हैं। ऐसे में मोबाइल सिक्योरिटी एक जरूरी मुद्दा बन जाता है।
मोबाइल सिक्योरिटी के लिए कुछ लोग फिंगरप्रिंट सेट करते हैं, कुछ फेस लॉक लगाते हैं और कुछ पासवर्ड सेट करते हैं। एक बार फीचर सेट करने के बाद कई लोग सालों तक उसे बदलते भी नहीं हैं। लेकिन, हमारा सवाल सिर्फ यह नहीं है कि कौन-सा फीचर सबसे बेहतर है। बल्कि, कौन-सा हर सिचुएशन में ज्यादा सेफ और भरोसेमेंद है। इस आर्टिकल में हम तीनों ऑप्शन्स के फायदे और कमजोरियों के बारे में डिटेल से बात कनरे जा रहे हैं।
फिंगरप्रिंट, फेसलॉक या पिन...कौन-सा फीचर है सिक्योरिटी में बेस्ट?
हर सिक्योरिटी फीचर की ऐसे तो अपनी खासियत और कमजोरी है। जहां पिन कोड एक तरफ सबसे पुराना और बेसिक फीचर है। वहीं, फेस लॉक सबसे एडवांस फीचर है। पिनकोड की कमी यह है कि कोई पास खड़ा व्यक्ति इसे जान सकता है और आसानी से आपका फोन भी एक्सेस कर सकता है। वहीं, फिंगरप्रिंट और फेस लॉक होने पर आपकी उंगली और चेहरा देखने पर ही फोन ओपन होता है।
फिंगरप्रिंट
फिंगरप्रिंट लॉक को तेज और सेफ फीचर माना जाता है। इस फीचर में आपकी फिंगर टच के बिना फोन ओपन नहीं होता है। वहीं, एक बार उंगली टच होने पर फोन तुरंत ओपन हो जाता है। इस फीचर का ज्यादातर लोग इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन, इस फीचर की कमियां भी बहुत हैं। जी हां, अगर उंगली कटी है, छिली या गंदी भी है तो फोन खुलता नहीं है।
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वहीं, अगर सुरक्षा के नजरिए से देखा जाए तो फिंगरप्रिंट सेंसर सिक्योरिटी एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में यह फेल भी होता है।
फेसलॉक
जहां-जहां फिंगर प्रिंट लॉक फेल होता है। वहां-वहां फेस लॉक टॉप मार्क्स से पास होता है। इस फीचर में आपका फोन बिना आपकी आंखों, नाक या चेहरे की बनावट देखे खुलता नहीं है। यह फीचर कम रोशनी में भी तेजी से काम करता है।
लेकिन, फेस लॉक भी कमियों के साथ आता है। अगर आप चेहरे पर मास्क लगाती हैं या गॉगल्स आदि पहनती हैं तो यह चेहरा पहचानता नहीं है। ऐसे में आपको बार-बार पासकोड डालकर ही फोन खोलना पड़ सकता है।
पासकोड या पिन
यह सिक्योरिटी फीचर हर फोन में देखने को मिल जाता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको बस एक नंबर याद रखने की जरूरत होती है। इस फीचर की एक कमी होती है कि अगर यह किसी को पता लग जाए तो वह आसानी से आपका फोन खोल सकता है। वहीं, अगर आप अपना पासवर्ड रेगुलर बदलती रहती हैं तो यह एक सेफ ऑप्शन बन जाता है।
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अगर आपके फोन में नंबर और एल्फाबेट मिक्स करके पासवर्ड सेट करने का ऑप्शन है, तो यह सिक्योरिटी के लिए बेस्ट साबित हो सकता है। ऐसे में आप लेटर, स्मॉल लेटर, सिंबल और नंबर मिक्स करके भी फोन का पासवर्ड सेटकर सकती हैं।
यहां हमने सिक्योरिटी के तीनों ऑप्शन्स के बारे में बता दिया है, अब आप अपनी सुविधा के अनुसार इनमें से चुन सकते हैं। लेकिन, यहां एक बात बता दें कि अपने फोन में कभी भी एक सिक्योरिटी फीचर पर डिपेंड न रहें। अगर फेसलॉक लगाया है तो साथ ही पासकोड भी सेट करें। क्योंकि, कभी फेसलॉक ब्लॉक हो जाता है तो बैकअप पासकोड से अपना फोन ओपन कर सकती हैं।
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Image Credit: Freepik
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