एक नहीं बल्कि कई पौराणिक कथाओं में इस बात का जिक्र है कि भगवान शिव कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। कई लोगों का यह भी मानना है कि शिर्फ़ शिव ही नहीं बल्कि उनका परिवार इसी पर्वत पर निवास करते हैं। अगर भगवान शिव और उनका परिवार कैलाशा पर्वत पर निवास करते हैं, तो फिर अभी तक क्यों कोई पर्वतारोही इस पर्वत पर चढ़ाई नहीं कर सका है? ऐसा क्या है कि माउन्ट एवेरेस्ट से कम ऊंचाई होने के बावजूद भी आज तक कैलाश पर्वत पर कोई चढ़ नहीं सका है? इस लेख में आज इन्हीं सभी सवालों के जवाब की तलाश करने जा रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
शायद, आपको ये तो मालूम होगा कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई क्या है? अगर नहीं मालूम है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि माउंट एवरेस्ट 29,000 फीट ऊंचा है औरमाउंट कैलाश समुद्र तल से 22,000 फीट ऊंचा है। लगभग 1953 में पहली बार एवरेस्ट पर फ़तेह पाने के बाद आज तक लगभग हजारों लोग इस पर्वत पर चढ़ाई कर चूके हैं लेकिन, इससे कम ऊंचाई वाले कैलाश पर्वत पर आज तक किसी को सफलता नहीं मिली है।
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लगभग 1999 के आसपास रूस के वैज्ञानिकों की एक टीम माउंट कैलाश के नीचे रही और इस पर्वत के आकार में बारे में शोध करती रही। शोध के बाद कहा गया कि इस पर्वत की आकार त्रिकोण की तरह और बर्फ से ढका रहा रहता है जिकसी वजह से इस पर्वत पर चढ़ाई करना मतलब मौत को दावत देना जैसा है। आपको बता दें कि इस पर्वत पर जो भी चढ़ने के लिए निकला या तो मारा गया या बिना चढ़े वापिस घर लौट आया।
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एक अन्य वजह ये बताई जाती है कि माउंट एवरेस्ट पर तकनीकी रूप से चढ़ना आसान है लेकिन, कैलाश पर्वत पर चढ़ने के लिए कोई रास्ता नहीं है। कहा जाता है कि इस पर्वत के चारों ओर खड़ी चट्टानें और हिमखंडों से बने कैलाश पर्वत तक पहुंचने का कोई सुगम मार्ग नहीं है। ऐसी कई मुश्किल चट्टानें हैं जहां चढ़ने के मामले में बड़े से बड़े पर्वतारोही हार मान लेते हैं। हालांकि, चीन सरकार ने कुछ पर्वतारोही को कैलाश पर्वत पर चढ़ने के भेजा था लेकिन, इसका सभी ने खुलकर विरोध किया था।
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ये तो सभी जानते हैं कि कैलाश पर्वत पर भगवान शिव के उनके परिवार निवास करते हैं। लेकिन, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जैन अनुयायी भी मानते हैं कि सबसे पहले तीर्थंकर ऋषभनाथ को कैलाश पर्वत पर तत्व ज्ञान प्राप्त हुआ था। इसके अलावा वो ये भी मानते हैं कि महात्मा बुद्ध पहाड़ की चोटी पर रहते हैं। आपकी जानकारी के लिए ये भी बता दें कि माउंट कैलाश को 'शिव पिरामिड' के नाम से भी जाना जाता है।
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Image Credit:(@nepalfootprintholiday.com)
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