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Hangseshwari Temple: 13 मीनारों वाले हंगेश्वरी मंदिर की बात है निराली, किसी महल से कम नहीं है इसका नजारा

इस मंदिर की दीवारें ही नहीं बल्कि यहां रखी मूर्ति भी बेहद खास है। यहां माता की मूर्ति नीली नीम की लकड़ी को तराश कर बनाई गई है। इसलिए माता रानी यहां नीलें रंग में विराजमान हैं।   
Editorial
Updated:- 2024-04-19, 12:25 IST

पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में स्थित इस मंदिर की खूबसूरती विदेशी महलों की तरह लगती है। मंदिर की आर्किटेक्ट पहली नजर में ही लोगों को देखने को मजबूर कर देता है। मंदिर के आसपास खुली जगह है, जो इस मंदिर की खूबसूरती को और ज्यादा बढ़ाते हैं। मंदिर एक बड़े हरे-भरे पेड़ों और घास के बीच बनाया गया है। 13 शिखर वाले इस मंदिर की दीवारें ही नहीं बल्कि यहां रखी मूर्ति भी बहुत खास है। 

मंदिर की खासियत

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  • यह मंदिर भी मां काली को ही समर्पित है, लेकिन यहां माता की मूर्ति काली नहीं बल्कि नीले रंग की है। 
  •  मंदिर 21 मीटर ऊंचा है और इसमें 13 मीनारें हैं। 
  • प्रत्येक मीनार पर बा गुबंद कमल के आकार का है। 
  •  यहां नवरात्र के दिनों में साधु संत तंत्र साधना करते हैं।
  • यहां माता रानी एक पैर पर खड़ी हैं। 

मंदिर में शिव और शक्ति दोनों हैं मौजूद

 

 

 

 

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  • यहां भगवान शिव का शिवलिंग सफेद संगमरमर से बना हुआ है।
  • 13 शिखर मनुष्य की पांच ज्ञानेन्द्रियों, पांच कर्मेन्द्रियों, मन, बुद्धि और आत्मा का प्रतीक है।
  • मंदिर बनाने के लिए पत्थर उत्तर प्रदेश से और कारीगर राजस्थान के जयपुर से लाए गए थे। 
  • हंगेश्वरी  मंदिर का निर्माण रामेश्वर रे के पोते नृसिंहदेव रे ने शुरू किया था। 
  • मंदिर की आधारशिला 1799 में रखी गई थी। 

कैसे पहुंचे हंगेश्वरी मंदिर?

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  • हवाई मार्ग द्वारा: मंदिर पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के  बंसबेरिया में स्थित है। मंदिर से निकटतम हवाई अड्डा लगभग 50 किमी की दूरी पर कोलकाता में स्थित है। यहां से आप मंदिर के लिए सीधा टैक्सी ले सकते हैं। 
  • रेलवे स्टेशन- मंदिर तक पहुंचने के लिए बंसबेरिया रेलवे स्टेशन तक ट्रेन ले सकते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी मात्र 1.2 किमी है। 

hanseswari temple

  • सड़क मार्ग द्वारा: पश्चिम बंगाल का एक महत्वपूर्ण शहर होने के नाते, यहां आप किसी भी मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। 
  • मंदिर का समय-  मंदिर हर दिन खुला रहता है। आप यहां सुबह 7:00 बजे - दोपहर 12:00 बजे कभी भी आ सकते हैं। 
  • इसके बाद मंदिर बंद हो जाता है। फिर यह शाम 4:00 बजे - शाम 7:30 बजे खुला रहता है। 

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image credit- freepik

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