ये हैं भारत की 4 सबसे लंबी कांवड़ यात्रा, कहीं महीनों लगता है तो कहीं 119 किमी चलना पड़ता है पैदल

Longest Kanwar Yatra: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस पावन लाखों भक्त कांवड़ यात्रा में शामिल होते हैं। ऐसे में क्या आप जानते भारत की सबसे लंबी कांवड़ यात्रा कौन सी है। आइए जानते हैं।
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Longest kanwar yatra in india: सनातन काल से हिन्दू समाज में सावन का पूरा महीना भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। इस साल सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू है और 9 अगस्त को खत्म होगा। सावन के पावन महीने में करोड़ों भक्त कांवड़ यात्रा में शामिल होते है। कांवड़ यात्रा के दौरान शिव भक्त गंगा जल लेकर देश के अलग-अलग और प्रसिद्ध शिव मंदिरों में जल अर्पित करते हैं। ऐसे में आप कांवड़ यात्रा के बारे में तो जानते ही होंगे, लेकिन अगर आपसे यह पूछा जाए कि देश 4 सबसे लंबी कांवड़ यात्रा कौन-कौन सी है, तो फिर आपका जवाब क्या होगा? आइए इस आर्टिकल में देश की 4 सबसे लंबी कांवड़ यात्रा के बारे में जानते हैं।

गंगोत्री से रामेश्वरम कांवड़ यात्रा

देश की सबसे लंबी कांवड़ यात्रा की बात होती है, तो कई लोग सबसे पहले गंगोत्री से रामेश्वरम कांवड़ यात्रा का ही जिक्र करते हैं। इस यात्रा की दूरी करीब 3 हजार से अधिक किलोमीटर बताई जाती है।
गंगोत्री से रामेश्वरम कांवड़ यात्रा में भक्त गंगोत्री से गंगा जल भरते हैं और तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित शिवलिंग को जल अर्पित करते हैं। कई लोगों का मानना है कि गंगोत्री से रामेश्वरम पहुंचने में कई महीने लग जाते हैं। हालांकि, गंगोत्री से रामेश्वरम पैदल जाना आसान कार्य नहीं है। लोक कथा के अनुसार एक पुजारी के इस यात्रा को नौ महीने में पूरा किया था।

हरिद्वार से देवघर कांवड़ यात्रा

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भारत की दूसरी सबसे लंबी कांवड़ यात्रा हरिद्वार से देवघर कांवड़ यात्रा मानी जाती है। इस यात्रा में शिव भक्त हरिद्वार से गंगा जल लेकर झारखंड के देवघर में बैद्यनाथ धाम को जल अर्पित करते हैं। आपको बता दें कि हरिद्वार से देवघर की दूरी करीब 1300 किलोमीटर है। हालांकि, कई लोगों का मानना है कि इतनी लंबी कांवड़ यात्रा में बहुत कम ही भक्त शामिल होते हैं।

सुल्तानगंज से बैद्यनाथ धाम कांवड़ यात्रा

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देश की तीसरी सबसे लंबी कांवड़ यात्रा सुल्तानगंज से बैद्यनाथ धाम है। इस यात्रा में कांवड़ भक्त बिहार के सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर झारखंड के देवघर में स्थित बैद्यनाथ धाम मंदिर में जल अर्पित करते हैं।
आपको बता दें कि सुल्तानगंज से बैद्यनाथ धाम की दूरी करीब 119 किमी है। इस कांवड़ यात्रा में करीब 2 दिनों का समय लगता है। सुल्तानगंज से बैद्यनाथ धाम कांवड़ यात्रा में लाखों भक्त शामिल होते हैं। आपको बता दें कि झारखंड के देवघर में स्थित बैद्यनाथ धाम, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से है।

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गंगोत्री से ऋषिकेश कांवड़ यात्रा

देश की तीसरी सबसे लंबी कांवड़ यात्रा गंगोत्री से ऋषिकेश है। इस यात्रा में भक्त गंगोत्री से गंगा जल भरते हैं और ऋषिकेश में स्थित प्रसिद्ध नीलकंठ शिव मंदिर में जल चढ़ाते हैं। आपकी आपको दें कि गंगोत्री से ऋषिकेश की दूरी करीब 258 किमी है और कई शिव भक्त इस दूरी में पैदल ही तय करते हैं। इस यात्रा में पूरा करने में करीब 4-5 दिनों का समय लगता है।

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Image@ cloudfront,kawad-yatra

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