Kerala Champakulam Boat Race 2024: केरल में बोट रेस देखने का बना रहे हैं प्लान, तो जानें इससे जुड़ी रोचक बातें

इसे स्नेक रेस के नाम से भी जाना जाता है। इस प्रतियोगिता का आयोजन जून में होने जा रहा है। इसलिए अगर आप केरल घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आपके पास इस  सांस्कृतिक खेल को देखने का शानदार मौका है।

 

kerala champakulam boat race  facts

भारत में लगभग हर राज्य तरह-तरह का प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाते हैं। हर राज्य की अपनी एक प्रतियोगिता होती है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यह एक पारंपरिक प्रतियोगिताओं की तरह है, जिसे देखने और भाग लेने के लिए कई राज्यों से पर्यटक आते हैं।

ऐसी ही एक प्रतियोगिता हर साल केरल में भी आयोजित होती है। नौका दौड़ एक प्रसिद्ध खेल है, जिसका नजारा देखना वाकई रोमांच का अहसास करवाता है। यह केरल की सांस्कृतिक विरासत का सबसे खास हिस्सा माना जाता है। इस बोट रेस का लोगों को पूरे साल इंतजार रहता है। कई पर्यटक तो मात्र इस बोट रेस को देखने के लिए ही दूर-दूर से यात्रा करने के लिए आते हैं। हर साल जून या जुलाई में आयोजित होने वाले इस मेले में भारी भीड़ उमड़ती है।

कब से शुरू हो रही है केरल में बोट रेस प्रतियोगिता (Kerala Champakulam Boat Race 2024 Date)

Kerala Champakulam Boat Race  Date

इस साल केरल में स्नेक बोट रेस की प्रतियोगिता 22 जून से शुरू होने जा रही है। अगर आप इस दौरान केरल में यात्रा का प्लान बना रहे हैं, तो आपको अलाप्पुझा जिले में पंपा नदी के तट पर स्थित चंपक्कुलम में इस प्रतियोगिता का आनंद लेने जरूर आना चाहिए। सांप जैसी नावों की प्रतिस्पर्धा देखना वाकई आपकी जिंदगी का सबसे खास अहसास होगा।

इसे भी पढ़ें- केरल में 3 दिनों तक घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो इस तरह करें 15 हजार में ट्रिप पूरा

कैसे पहुंचे

Kerala  Boat Race

  • अगर आप ट्रेन से आने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको नजदीकी रेलवे स्टेशन आलप्पुष़ा तक ट्रेन लेनी होगी। यह लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित है।
  • अगर आप फ्लाइट से आ रहे हैं, तो कोच्चिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लगभग 78 किमी दूर है।
  • केरल में घूमने के लिए अच्छी जगह बहुत हैं।

इसे भी पढ़ें-केरल की इन जगहों पर जाने के बाद भूल जाएंगे विदेश जाने का सपना

चंपाकुलम बोट फेस्टिवल 2024 से जुड़ी खास बातें

Kerala Champakulam Boat Race

  • इस बोट रेस का इतिहास करीब 500 साल पुराना बताया जाता है।
  • यह उत्सव अम्बलप्पुझा श्री कृष्ण मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति की स्थापना के अवसर आयोजित किया जाता है।
  • त्योहार का मुख्य आकर्षण सांप जैसी नाव की रेस रंगीन रेशम की छतरियों से बनी होती है।
  • रोमांचक दौड़ देखने के लिए दर्शक नदी के किनारे इकट्ठा होते हैं।
  • यहां आपको पारंपरिक लोक नृत्यों के साथ-साथ हाथियों के जुलूस देखने का आनंद मिलेगा।
  • यह प्रतियोगिता दोपहर लगभग 1 से 2 बजे के बीच शुरू होती है।

आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें

अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।

साथ ही आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।

image credit-freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP