जिस बनारसी पान को मिला GI टैग उसकी खासियत के बारे में जानें

अनोखे स्वाद के लिए मशहूर बनारसी पान को हाल ही में जीआई टैग मिला है। बनारसी पान के चर्चे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मशहूर है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों ये इतना फेमस है।

  • Food Talk
  • Editorial
  • Updated - 2023-04-23, 11:00 IST
paan variety in india

वाराणसी बनारस के नाम से मशहूर है। यह शहर प्राचीन हिंदू विश्वविद्यालय और बनारसी साड़ी के लिए जाना जाता है। हिंदू धर्म में यहां की भव्य गंगा आरती भी प्रचलित है, जिसे देखने देश विदेश से लोग आते हैं। बनारस के इन खासियतों के अलावा आज हम आपको कुछ और भी खास बात बताने वाले हैं। सालों से मशहूर बनारसी पान जिसका ज्रिक मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भी अपने एक गाने खई के पान बनारस वाला में किया है। अब इसे भौगोलिक संकेत यानी (GI Tag) मिल गया है। जी आई टैग यह दर्शाता है कि किसी विशिष्ट भौगोलिक स्थान के उत्पादों में ऐसे गुण होते हैं, जो उस मूल और स्थान के कारण होते हैं, वह विशेषताएं और खासियत अन्य में नहीं होती है।

31 मार्च को, जीआई रजिस्ट्री, चेन्नई ने बनारस के दो और उत्पादों, रामनगर का भंटा (बैंगन) और चंदौसी के आदम चीनी चावल को जीआई टैग दिया है। अपने लजीज और अनोखे स्वाद के लिए जाने वाला यह मशहूर बनारसी पान खास सामग्री और अनोखे तरीके से बनाया जाता है। तो देर किस बात की आइए जानते हैं बनारसी पान का इतिहास और इसकी खासियत क्या है।

मुगल काल में बनारसी पान

banarasi paan gi tag

भारत में मुगल शासकों को बनारसी पान का स्वाद खूब पसंद आया था। मुगल काल में पान में चूना, इलायची और लौंग जैसी चीजों को मिलाकर इसे नया रूप दिया गया। खाने के अलावा, मुगल काल में पान का उपयोग सुंदरता बढ़ाने के लिए भी किया गया था। नूरजहां भी अपने चेहरे पर पान का इस्तेमाल करती थीं।

बनारसी पान की खासियत

बनारसी पान के पत्ते पर चूना, कत्था लगाकर लौंग, इलायची, पान चटनी, सुपारी और अन्य पान मसाला के संयोजन के साथ तैयार किया जाता है। खास बात यह है कि बनारसी पान का पत्ता बनारस में नहीं बल्कि बिहार में उगाया जाता है। इस पान की खासियत यह है कि जब इसे खाया जाता है तो यह इतना स्वादिष्ट होता है कि पूरे मुंह में इसकी मिठास घुल जाती है।

वहीं, अगर बनारसी पान के इतिहास के बारे में बात करें, तो पुराणों में कहा गया है कि जितना प्राचीन काशी नगरी है शायद उतना ही पुराना यह पान भी। मान्यता है कि पान भगवान शिव को बहुत पसंद था। इसलिए आज भी पूजा या फिर अन्य अवसरों पर भगवान को प्रसाद के रूप में पान चढ़ाया जाता है।

बनारसी पान के प्रकार

banarasi paan

आपको बता दें कि यहां एक या दो नहीं बल्कि कई तरह के पान आपको पान भंडार में चखने को मिलेगा। आइए जानते हैं इसके बारे में-

  • बनारसी सादा पान
  • बनारसी मीठा पान
  • पंचमेवा पान
  • जर्दा पान
  • गुलाब पान
  • बनारस केसर पान
  • बनारसी नवरत्न पान
  • बनारसी आमवट पान
  • बनारसी गिलोरी

ये सभी तरह के पान बनारस की गलियों में मशहूर है। जब भी आप बनारस की गलियों में जाएं, तो बनारस की गलियों बनारस का पान जरूर खाएं।

यह लेख अगर आपको पसंद आया है तो इसे अपने फ्रेंड्स और फैमिली के साथ जरूर शेयर करें। इस तरह के रोचक लेख और जानकारी के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ और साइट पर जरूर विजिट करें।

Image Credit: freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP