प्रसिद्ध महापर्व और धार्मिक उत्सव कुम्भ का पूरा देश बेसब्री से इंतजार करता है। इस साल महाकुंभ का पर्व मनाने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ है। हर 12 साल में एक बार यह पर्व मनाया जाता है। महाकुंभ का खास कनेक्शन प्रयागराज से है। 12 साल में एक बार होने वाले इक इस मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रयागराज आती है। आखिरी बार यह मेला 12 साल पहले साल 2013 में आयोजित किया गया था। इसके बाद प्रयागराज में अर्धकुंभ 2019 में मनाया गया था। ऐसे में इतने सालों बाद आने वाले इस पर्व में लोग प्रयागराज जाने की प्लानिंग पहले ही कर रहे हैं।
महाकुंभ के अवसर पर लोग पवित्र नदियों में स्नान करने जाते हैं। माना जाता है कि इन घाटों पर डुबकी लगाने से सभी पापों से छुटकारा मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्रयागराज के कुछ घाटों के बारे में बताएंगे। अगर आप यहां जा रहे हैं, तो इन घाटों पर कुछ समय बिताने के लिए जा सकते हैं।
प्रयागराज जा रहे लोग ध्यान रखें
- अगर आप महाकुंभ के दौरान प्रयागराज जा रहे हैं, तो ध्यान रखें कि इस समय घाटों पर बहुत ज्यादा भीड़ होती है। अगर आपको तैरना नहीं आता है, तो घाट के अंदर ज्यादा न जाएं। साथ ही भीड़ से दूरी बना कर रखें।
- इसके अलावा अपने सामान का और परिवार के सदस्यों का ध्यान जरूर रखें। महाकुंभ के मेले में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचती है, ऐसे में भगदड़ या भीड़ में घूम होने की संभावना बढ़ जाती है।
- प्रयागराज में महाकुंभ के मेले के दौरान परिवहन सुविधाएं शहर में मिलना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। क्योंकि सड़कों पर भीड़ ज्यादा होती है। घाटों के पास तक परिवहन सुविधा मिलना मुश्किल हो जाता है। इसलिए आपको पैदल ही यात्रा करनी पड़ेगी।
- प्रयागराज में घूमते हुए ध्यान रखने योग्य बातें, आपके ट्रिप को यादगार बना देगी।
संगम घाट
प्रयागराज में स्थित इस घाट को त्रिवेणी घाट के नाम से भी जाना जाता है। इसे त्रिवेणी इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यहां 3 नदियां आकर मिलती हैं। गंगा, यमुना और सरस्वती नदी में अगर आप डुबकी लगाना चाहते हैं, तो केवल संगम घाट चले जाएं। एक ही जगह पर आप तीनों नदियों में डुबकी लगा लेंगे। महाकुंभ मेले के दौरान यहां बहुत ज्यादा भीड़ होती है। अगर आप इस दौरान यहां आ रहे हैं, तो कुछ समय यहां बिता सकते हैं।
कैसे पहुंचे- प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन इस घाट के पास है।
- आपको यहां से पहुंचने में लगभग 7-8 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। इसके लिए आप टैक्सी या शेयरिंग ऑटो ले सकते हैं।
- यहां आप नाव की सवारी भी कर सकते हैं। कुछ समय अगर सुकून के पल बिताना चाहते हैं, तो नाव पर बैठकर पानी के बीच में जा सकते हैं।
राम घाट
संगम घाट के अलावा आप राम घाट पर भी कुछ समय बिता सकते हैं। यहां भी बोटिंग की अच्छी सुविधा है। संगम घाट से राम घाट मात्र 3 मिनट की दूरी पर है। प्रयागराज में गंगा के किनारे के अलग-अलग घाटों का अपना इतिहास है। इसलिए यह सभी घाट अलग महत्व रखते हैं। अगर आप राम घाट जा रहे हैं, तो शाम की समय की आरती देखकर जा सकते हैं।
अरैल घाट
गंगा किनारे बने इस घाट पर शाम के समय का नजारा अनखा होता है। यमुना नदी के किनारे स्थित घाटों में से एक इस घाट को प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए प्रसिद्ध माना जाता है। हालांकि महाकुंभ के दौरान यहां आपको शांती देखने को नहीं मिलेगी।
अरैल घाट से संगम घाट सड़क मार्ग में पहुंचने में आपको लगभग आधे घंटे का समय लग सकता है। हालांकि, महाकुंभ के दौरान इन घाटों के पास गाड़ियों का चलना मुश्किल हो जाता है। इसलिए आपको पैदल भी जाना पड़ सकता है। अगर आप पैदल या करते हैं, तो आपको मेले की खूबसूरती भी देखने को मिलेगी और प्रयागराज ट्रिप भी यादगार हो जाएगा।
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image credit- freepik
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