herzindagi
Lord shiv in this temple gopeshwar do solah shringar like lord Krishna gopi

यह है वह स्‍थान जहां भगवान शिव भी करते हैं सोलह श्रृंगार

भारत में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव को भगवान कृष्‍ण की गोपी के रूप में पूजा जाता है। बेहद रोचक है यहां की कहानी। जानने के लिए आर्टिकल पर क्लिक करें। 
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-08-01, 09:00 IST

सोलह श्रृंगार की बात जब-जब होती है तो इसे महिलाओं से ही जोड़ा जाता है। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि भगवान शिव भी सोलह श्रृंगार करते हैं। जी हां, भारत में ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव के स्‍त्री रूप की पूजा की जाती है और यहां वह कृष्‍ण की गोपियों की तरह सजते संवरते हैं। इस स्‍थान का नाम गोपेश्‍वर है। यहां पर भगवान शिव के गोपी स्‍वरूप की पूजा की जाती है। नाक में नथ और होंठों पर लिपस्टिक के साथ यहां पर भगवान शिव को पहचान पाना भी मुश्किल है मगर सावन के महीने में यहां देशभर से लोग भगवान शिव के गोपी स्‍वरूप के दर्शन करने आते हैं। 

Lord shiv in this temple gopeshwar do solah shringar like lord Krishna gopi

कहां है यह मंदिर 

यह मंदिर वृंदावन में है। विश्‍व में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव महिला के स्‍वरूप में दिखाई देते हैं और यहां उनके इस स्‍वरूप को देख कर लोग मंत्रमुग्‍ध हो जाते हैं। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको पहले मथुरा आना होता है। मथुरा से आपको वृंदावन जाने के कई साधान मिल जाते हैं। वैसे मथुरा आने वाले ज्‍यादातर भक्‍त भगवान कृष्‍ण के दर्शन करने आते हैं मगर यहां मौजूद गोपीश्‍वर मंदिर का महत्‍व भी कम नहीं है। इस मंदिर में भगवान शिव, कृष्‍ण की गोपी बनने हुए हैं। कहते हैं, जो भक्‍त वृंदावन आकर द्वारिकाधीश के दर्शन करता है उसे गोपीश्‍वर मंदिर के भी दर्शन करने चाहिए। ऐसा करने से भगवान कृष्‍ण प्रसन्‍न हो जाते हैं। 

 

क्‍या है कहानी 

कहा जाता है कि द्वापर युग में भगवान कृष्‍ण ने गोपियों के साथ महारास किया था। भगवान कष्‍ण का महारास देख कर 33 करोड़ देवता पृथवी पर उतर आए थे। मगर, राधा-कृष्‍ण के महारास को केवल महिलाएं ही देख सकती थीं। यह बात जब 33 करोड़ देवी-देवताओं को पता चली तो वापस स्‍वर्ग लौट गए लेकिन देवताओं के टोली में शामिल भगवान शिव ने ऐसा नहीं किया। वह राधा-कृष्‍ण का महारास देखने को इतने उतावले थे कि उन्‍होंने माता पार्वती से इस बात की गुजारिश की कि उन्‍हें गोपी रूप धारण करना है। भगवान शिव के निवेदन करने पर माता पार्वती ने उन्‍हें यमुना महारानी के पास भेजा। देवी यमुना ने भगवान शिव को गोपी का रूप धारण करने में मदद की और स्‍वंय भगवान शंकार रूप धारण कर उनके स्‍थान पर चली गईं ताकि किसी इस बात का पता न चले। गोपी का स्‍वरूप धारण कर भगवान शिव भी राधा-कृष्‍ण के महारास में शामिल हो गए मगर, भगवान कृष्‍ण ने उन्‍हें पहचान लिया। यह जानकर उन्‍हें बेहद खुशी हुई की उनके महरास में स्‍वंय भगवान शिव शामिल हुए हैं। इसलिए बाद में कृष्‍ण ने भगवान शिव की आराधना की। वहीं राधा ने शिव जी को वरदान दिया की आज से वृंदावन में सभी लोग उनकी पूजा गोपी रूप में करेंगे। तब से लेकर आजतक भगवान शिव यहां पर गोपी के रूप में मौजूद हैं। वृंदावन में सावन, सिवरात्री और नागपंचपी के दिन शिव जी की विशाल पूजा का आयोजन किया जाता है।

यह विडियो भी देखें

Lord shiv in this temple gopeshwar do solah shringar like lord Krishna gopi  

अनोखे रूप में दिखते हैं भगवान शिव 

यहां आपको भगवान शिव का अनोखा रूप देखने को मिलेगा। यहां भगवान शिव के सोलह श्रृंगार किए जाते हैं। आपने भगवान शिव का हमेशा योगी रूप ही देखा होगा मगर यहां वह महिलाओं की तरह सजते संवरते हैं। भगवन शिव को यहां पर नाक में नथ पहनाई जाती है और वह सिर पर लाल चुनर भी ओढ़ते हैं। यहां आने वाले भक्‍त भी उन्‍हें महिलाओं के श्रृंगार का सामान चढ़ाते हैं और इस स्‍वरूप में भगवना शिव अपने भक्‍तों की मनोकामना पूरी करते हैं। 

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।