फेस्टिव टाइम में भरतपुर बर्ड सैंक्चुअरी में माइग्रेटरी बर्ड्स को देखने का उठाइए मजा

अगर आप फेस्टिव टाइम में कुदरती हरियाली, पक्षियों और वाइल्ड लाइफ को देखने का मजा उठाना चाहती हैं तो दिल्ली के नजदीक स्थित केवलादेव नेशनल पार्क घूमने की प्लानिंग कर सकती हैं। 

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फेस्टिव टाइम में पड़ने वाली छुट्टियों में अगर आप घूमना पसंद करती हैं तो दिल्ली के नजदीक स्थित भरतपुर बर्ड सैंक्चुअरी जा सकती हैं। यहां के पक्षियों की खासियत यह है कि ये एक साथ उड़ान भरते हैं और तस्वीरें भी एकसाथ क्लिक कराते हैं। इसे केवलादेव नेशनल पार्क या केवलादेव घना नेशनल पार्क के नाम से भी जाना जाता है।

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यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शुमार यह डेस्टिनेशन दिल्ली से नजदीक होने के चलते एक पॉपुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। पतझड़ और ठंड के मौसम में यहां सैलानी विशेष रूप से आना पसंद करते हैं।

देखने को मिलेंगी पक्षियों की कई प्रजातियां

इस सेंक्चुअरी में पक्षियों की 366, पौधों की 379 और स्तनपाई प्राणियों की 30 प्रजातियां पाई जाती हैं। इस सेंक्चुअरी का नया नाम इसे केवलादेव मंदिर से मिला है, जो भगवान शिव को समर्पित है। सर्दियों में यहां अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, चीन और साइबेरिया से पक्षी आते हैं। इसीलिए पक्षियों को देखना पसंद करने वालों और वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर्स के लिए यह एक दिलचस्प टूरिस्ट डेस्टिनेशन है।

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यहां आने के लिए यह है परफेक्ट टाइम

हालांकि आप भरतपुर आने का प्लान कभी भी बना सकती हैं, लेकिन यहां के स्थानीय पक्षियों को देखने के लिए यहां आने का बेस्ट टाइम है अगस्त से नवंबर के बीच और अगर आप माइग्रेटरी बर्ड्स यानी दूर देश से आने वाले पक्षियों को निहारना चाहती हैं तो अक्टूबर से मार्च तक का समय इसके लिए मुफीद है। अगर वर्तमान में आप यहां आती हैं तो स्थानीय पक्षियों के साथ माइग्रेटरी बर्ड्स को देखने का मजा उठा सकती हैं।

भरतपुर बर्ड सैंक्चुअरी में एक समय में भरतपुर के महाराजा बतख का शिकार करते थे। यह 1850 से लेकर 1982 तक की बात है, तब यह भरतपुर नेशनल पार्क कहलाता था। मार्च 1976 में इसका नाम बदलकर भरतपुर बर्ड सेंक्चुअरी रख दिया गया था। यहां पक्षियों और प्राणियों की ढेरों प्रजातियों को देखते हुए ही इसे युनेस्को की तरफ से वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शुमार किया गया था। साल 1982 में यहां बाहर के जानवरों के घास चरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और तब से यह जानवरों और चिड़ियों के लिए स्वर्ग जैसा बन गया है।

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कुदरती खूबसूरती का मजा लीजिए

केओलादेव नेशनल पार्क में आपको आगरा और जयपुर के भीड़भाड़ के उलट सुकून और शांति का अहसास होगा। यहां आपको काफी हरियाली देखने को मिलेगी। यहां मध्यम आकार के पेड़ और झाड़ियां आपको हर तरफ नजर आएंगे। पार्क के उत्तर-पूर्वी हिस्से में कदम, जामुन, बाबुल जैसे पेड़ आपको नजर आएंगे, वहीं कुछेक कांडी और बेर के पेड़ भी दिख सकते हैं। यहां जलीय वनस्पितयों में भी विविधता देखने को मिलती है।

देखिए वाइल्ड लाइफ और माइग्रेटरी बर्ड्स की खूबसूरती

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भरतपुर बर्ड सैंक्चुअरी एशिया की सबसे बेहतरीन बर्ड सैंक्चुरीज में से एक है। यहां आपको पक्षियों की स्थानीय और माइग्रेटरी बर्ड्स की कई प्रजातियां देखने को मिल जाएंगी। इनमें क्रेन, पेलिकन, गीज, डक, ईगल, हॉक, शैंक्स, स्टिंट्स, वेगटेल्स, वार्बलर्स, वीटइयर्स, फ्लाइकैचर्स, बंटिंग्स और लार्क्स शामिल हैं। 29 किमी का केओलादेव नेशनल पार्क सिर्फ पक्षियों के लिए ही नहीं, बल्कि यहां के स्तनपाई जानवरों के लिए भी जाना जाता है। यहां गोल्डन जैकाल, जंगली बिल्ली, नीलगाय, सांभर और जंगली सुअर यहां आपको अपने कुदरती रूप में नजर आएंगे। इन जानवरों को यहां खेलते और निश्चिंत भाव से घूमते हुए देखकर आपको बहुत खुशी होगी। सर्दियों में यहां अजगर भी सुस्ती से घूमते हुए देखे जा सकते हैं।

पक्षियों और स्तनपाई जानवरों को आप पैदल घूमते हुए सबसे अच्छे तरीके से देख सकती हैं, लेकिन अगर आप जल्दी थक जाती हैं तो फिर साइकिल या रिक्शा लेने के बारे में भी सोच सकती हैं। अगर आप सैक्चुअरी में तड़के पहुंच जाएं तो आप ढेर सारे पक्षियों को देख सकती हैं। वहीं बोटिंग के लिए शाम का समय अच्छा रहेगा। यह सैंक्चुअरी सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक खुली रहती है।

कैसे पहुंचें भरतपुर बर्ड सैंक्चुअरी

केवलादेव नेशनल पार्क पूर्वी राजस्थान में भरतपुर में स्थित है। यह शहर दिल्ली, आगरा, ग्वालियर और दूसरे बड़े शहरों से कनेक्टेड है, इसीलिए अगर आप यहां आने के लिए प्लान करती हैं तो आपको ज्यादा मुश्किल नहीं होगी। यहां हवाई जहाज से आना हो तो सबसे नजदीकी हवाई अड्डा आगरा का है। अगर आप ट्रेन से आना चाहें तो भरतपुर रेलवे स्टेशन पार्क से महज 6 किमी दूर है। वहीं रोड से आने की सोच रही हैं तो एनएच-11 भरतपुर (56 km किमी ) को आगरा से जोड़ता है। दिल्ली और जयपुर दोनों ही जगह से भरतपुर 176 किमी पड़ता है और यहां से सैलानी आमतौर पर इस डेस्टिनेशन पर आना पसंद करते हैं। आप अपनीन सुविधानुसार हवाई, रेल या बस के रास्ते भरतपुर आने की योजना बना सकती हैं।

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  • Author: Saudamini Pandey

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