दुनियाभर में कई ऐसी जगहें हैं जिन्हें देखकर ऐसा लगता है कि बस वहां की खूबसूरती को निहारते रहें। पर क्या आपको पता है कि कई ऐसी जगहें भी हैं जो खूबसूरत होने के बावजूद भी वीरान पड़ी हैं। जी हां, अब आप सोच रहे होंगे कि ये कैसे हो सकता है? पर यकीन मानिए ये जगहें वीरान तो हैं, लेकिन बेहद खूबसूरत हैं।
हालांकि, ये जगहें एक वक्त पर लोगों से भरी हुई रहती थी, लेकिन लोग इसे छोड़कर चले गए और बाद में उन्हें वीरान जगह कहा जाने लगा। आज हम आपको न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के उन शहरों के बारे में बताने वाले हैं, जो काफी वक्त से वीरान पड़ी हुई हैं।
अंडमान का नाम तो आपने सुना होगा....यकीनन कुछ लोग तो घूमने गए भी होंगे, पर क्या आपने रॉस आइलैंड का नाम सुना है? अगर नही, तो बता दें कि हैवलॉक और राधानगर बीच के पास एक ऐसा आइलैंड भी है जो 1941 से ही वीरान है और अब ये बहुत ही अनोखी जगह बन चुका है। 1941 में एक भूकंप के कारण इस जगह को ब्रिटिश कालोनिस्ट्स ने छोड़ दिया था।
इसके बाद से ये ऐसा ही है और अब ये बहुत ही अच्छा टूरिस्ट अट्रैक्शन बन गया है। माना जाता है कि यहां बहुत से ऐसे राज छुपे हैं जिनके बारे में लोग नहीं जानते हैं। (ऐसा आइलैंड जहां जा कर कोई वापिस नहीं आ पाता)
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बैनरमैन कैसल न्यू नॉक में स्थित है, जिसका निर्माण फ्रांसिसी बैनरमैन VI ने स्पेनिश युद्ध से अमेरिकी सैन्य अधिशेष खरीदने के बाद एक विशेष स्थान बनाया था। इस स्थान को कई नामों से जाना जाता है, जिसे पोलेलपेल द्वीप को कई अलग-अलग नामों से बुलाया गया है। इनमें पोलोपेल द्वीप , पोलोपेल द्वीप , बैनरमैन द्वीप और बैनरमैन द्वीप शामिल हैं ।
बता दें कि यह द्वीप न्यूयॉर्क शहर के उत्तर में लगभग 50 मील (80 किमी) दूर है। हडसन नदी के पूर्वी तट से लगभग 1,000 फीट (300 मीटर) दूर है। यह लगभग 6.5 एकड़ (26,000 मी 2 ) में फैला है, इसका अधिकांश भाग चट्टानी है। हालांकि, 1920 में गोला-बारूद के एक बड़े विस्फोट के बाद महल का अधिकांश भाग नष्ट हो गया था। इसके बाद, महल के अवशेषों को छोड़ दिया गया था।
बेल्जियम के एक राजनीतिक कार्यकर्ता, काउंट लिडेकर के ब्यूफोर्ट को फ्रांसीसी क्रांति के दौरान अपना घर छोड़ने और अपने परिवार के साथ पड़ोसी भूमि पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। 1866 में, अंग्रेजी वास्तुकार एडवर्ड मिलनर को ग्रीष्मकालीन घर बनाने का काम सौंपा गया था। लेकिन महल के पूरा होने से पहले ही मिलनर की मृत्यु हो गई।
इसके बाद, महल ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाज़ियों के लिए एक शिविर, बेल्जियम की राष्ट्रीय रेलवे कंपनी के तहत एक अवकाश शिविर और एक अनाथालय के रूप में कार्य किया। फिर उच्च रखरखाव लागत की वजह से 1991 में महल को छोड़ दिया गया। अब यह जगह खंडहर पड़ी है।
चलिए अब जापान की तरफ चलते हैं, यहां एक ऐसा आइलैंड मौजूद हैं जो कई वर्षों से वीरान पड़ा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं नागासाकी के तट पर मौजूद हाशिमा आइलैंड की। यह सन 1887 से लेकर 1974 के बीच खनन के कार्य के बीच मशहूर था। पर जैसे ही प्राकृतिक आपदा आई, वैसे ही यहां की खूबसूरती में दाग लग गया और वीरान हो गया।
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आपने द्वितीय विश्व युद्ध का किस्सा सुनते हुए यह नाम जरूर सुना होगा। उस दौरान इसे कैंप के रूप में इस्तेमाल किया गया था, पर पिछले कुछ सालों में इसे दोबारा पर्यटकों के लिए तैयार किया जा रहा है।
ये सभी जगहें बहुत ही खास हैं और यहां पर ट्रैवल प्लान बनाया जा सकता है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit -(@Shutterstock and wikipedia)
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