Yashoda Jayanti 2025: कब है यशोदा जयंती? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

मान्यता है कि यशोदा जयंती के दिन श्री कृष्ण की मैय्या यशोदा की पूजा करने से न सिर्फ संतान की प्राप्ति होती है बल्कि श्री कृष्ण का आशीर्वाद आर उनका साथ भी व्यक्ति को मिल जाता है। 
yashoda jayanti 2025 shubh muhurat

हिन्दू धर्म में कई ऐसे महत्वपूर्ण पर्व हैं जो संतान प्राप्ति या फिर संतान की उन्नति के लिए मनाये जाते हैं। इन्हीं में से एक है यशोदा जयंती। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन यशोदा जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन श्री कृष्ण की मैय्या यशोदा की पूजा करने से न सिर्फ संतान की प्राप्ति होती है बल्कि श्री कृष्ण का आशीर्वाद आर उनका साथ भी व्यक्ति को मिल जाता है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि आखिर इस साल कब पड़ रही है यशोदा जयंती, क्या है इस दी पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।

यशोदा जयंती 2025 कब है? (Yashoda Jayanti 2025 Kab Hai?)

yashoda jayanti 2025 ka muhurat

फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि का आरंभ 18 फरवरी, दिन मंगलवार को सुबह 4 बजकर 53 मिनट पर आरंभ होगी। वहीं, इसका समापन 19 फरवरी, दिन बुधवार को सुबह 7 बजकर 32 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, यशोदा जयंती 18 फरवरी को मनाई जाएगी।

यशोदा जयंती 2025 शुभ मुहूर्त (Yashoda Jayanti 2025 Shubh Muhurat)

yashoda jayanti 2025 ki tithi

यशोदा जयंती यानी कि 18 फरवरी के दिन सूर्योदय सुबह 7 बजे होगा और सूर्यास्त शाम 6 बजकर 20 मिनट पर होगा। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 24 मिनट से शुरू होगा और सुबह 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।

वहीं, इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से दोपहर 1 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा, अमृत काल दोपहर 1 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर दोपहर 2 बजकर 52 मिनट तक रहने वाला है।

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यशोदा जयंती 2025 महत्व (Yashoda Jayanti 2025 Mahatva)

yashoda jayanti 2025 ka mahatva

महिलाओं के लिए यशोदा जयंती का दिन और इसका व्रत बहुत ही खास होता है। यह व्रत मां के अपने संतान के प्रति असीम प्यार का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन के लिए व्रत रखती हैं।

साथ ही, इस दिन मां यशोदा के गोद में बैठे बाल रूप भगवान कृष्ण की पूजा भी की जाती है। मान्यता है कि इस पूजा से संतान प्राप्ति की इच्छा शीघ्र पूरी होती है और संतान का भाग्य उज्जवल बनता है। संतान की रक्षा स्वयं श्री कृष्ण करते हैं।

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image credit: herzindagi

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