हिन्दू धर्म में कुछ ऐसी प्रथाएं सदियों से चली आ रही हैं जिनका हम सभी पालन करते हैं। कुछ ऐसी भी बातें हैं जिनका कारण जाने बिना ही उनका अनुसरण किया जाता है और उन्हें हम अपने व्यवाहरिक जीवन में भी ढाल लेते हैं।
ऐसे ही शादी और उससे जुड़ी कई ऐसी प्रथाएं भी हैं जो सदियों से चली आ रही हैं। ऐसा कहा जाता है कि जब शादी के बाद बेटी घर से विदा होती है तब उसे मायके से ढेर सारा प्यार मिलता है और उपहार दिए जाते हैं, जिन्हें वो अपनी यादों के साथ लेकर मायके से ससुराल चली जाती है।
वहीं ज्योतिष में कुछ ऐसी मान्यताएं हैं जिनका पालन भी करना जरूरी होता है। आपने कई बार घर के बड़े लोगों को ऐसा कहते हुए जरूर सुना होगा कि घर से अचार बाहर लेकर नहीं जाना चाहिए।
खासतौर पर आपको अचार मायके से ससुराल नहीं ले जाना चाहिए। इस बात के कारण जान्ने के लिए हमने ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से बात की। आइए उनसे जानें कि लड़कियों को मायके से अचार ले जाने की मनाही क्यों होती है और इसके ज्योतिष कारण क्या हो सकते हैं।
अचार से रिश्तों में आ सकती है खटास
यदि आपकी जल्द ही शादी हुई है तो आपको ध्यान में रखने की जरूरत है कि आपको भूलकर भी अचार अपने मायके से अचार अपने ससुराल नहीं ले जाना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि अचार (Pickle) की तासीर खट्टी होती है और खट्टी चीजों को ससुराल ले जाने से आपके मायके और ससुराल दोनों ही जगहों पर रिश्तों में खटास आ सकती है। ऐसा करने से हो सकता है कि आपके वैवाहिक जीवनमें भी कुछ समस्याएं आएं, इसलिए आपको ऐसा करने से बचना चाहिए।
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मायके के अचार से पक्षपात की भावना आ सकती है
ऐसा माना जाता है कि यदि कोई लड़की मायके से ससुराल अचार लाती है तो इसे जन्म के परिवार के प्रति पक्षपात दिखाना माना जाता है। ऐसा करना ये भी दिखाता है कि लड़की शायद अभी पूरी तरह से ससुराल से नहीं जुड़ पाई है और छोटी चीजों की ही वजह से लेकिन वो अभी भी मायके को ही महत्व देती है।
इसका अभ्यास वैवाहिक घर के भीतर किसी भी संभावित संघर्ष या असमानता की भावनाओं को बढ़ाना माना जाता है, इसलिए ऐसा न करना ही बेहतर होता है।
अचार मायके से ससुराल लाने से घर की एकता में बाधा आती है
विवाह को अक्सर दो परिवारों का मिलन माना जाता है और परंपराओं के अनुसार अपने मायके से अचार लाने से आपके ससुराल की एकता में बाधा आ सकती है।
एक नयी दुल्हन के ऊपर अपने नए परिवार यानी कि ससुराल में पूरी तरह से एकता बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है और अचार इसमें बाधा लाता है, इसलिए आपके लिए बेहतर है कि मायके से अचार घर न लाएं। कई बार अचार न लाने का निर्णय परिवार में बुजुर्गों की राय और निर्णयों का सम्मान करने की भावना का प्रतीक भी होता है।
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रास्ते में तेल ले जाना नहीं माना जाता है शुभ
कोई भी अचार तेल से ही बनता है और जब हम मायके से ससुराल जाते हैं तब यात्रा के दौरान तेल ले जाना शुभ नहीं होता है। किसी भी यात्रा में आपको तेल न ले जाने की सलाह दी जाती है क्योंकि ज्योतिष में ऐसा करने से यात्रा के पूरे परिणाम नहीं मिलते हैं।
ऐसे में यदि आप मायके से अचार अपने ससुराल ले जाती हैं तब ससुराल में भी कलह क्लेश होने लगते हैं और आपकी यात्रा में भी विघ्न आने के संकेत मिलते हैं। इसी वजह से ऐसा करने की मनाही होती है।
मायके से अचार न ले जाने की प्रथा के पीछे क्या कहता है विज्ञान
यदि हम इसके वैज्ञानिक कारणों की बात करें तो ऐसा करने से इसलिए मना किया जाता है क्योंकि ये हाइजीन के हिसाब से भी अच्छा नहीं माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अचार को बनाने का तरीका सबका अलग होता है और इसी वजह से अचार दूसरों को न देने की बात की जाती है।
कुछ लोगों का ये भी मानना है कि अचार के माध्यम से बैक्टीरिया या अन्य कोई संक्रमण घर आ सकता है, इसलिए इसे कहीं भी न ले जाना ही बेहतर है।
हालांकि मायके से अचार ले जाना आपकी व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है, लेकिन ज्योतिष के हिसाब से इसे बहुत शुभ नहीं माना जाता है।
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