Sawan 2024: सावन में कांवड़िए हरिद्वार क्यों जाते हैं? जानें कारण

कावड़ यात्रा करना बहुत कठिन माना जाता है। इसे एक प्रकार से तप माना गया है। इसी कारण से ऐसा कहते हैं कि कावड़ यात्रा जो भी व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा से करता है उस पर भगवान शिव की विशेष कृपा होती है।    

What is the route of Kanwariyas

हिन्दू धर्म में कावड़ यात्रा का बहुत महत्व माना जाता है। सावन शुरू होते ही कावड़ यात्रा भी शुरू हो जाती है। कावड़ यात्रा करना बहुत कठिन माना जाता है। इसे एक प्रकार से तप माना गया है। इसी कारण से ऐसा कहते हैं कि कावड़ यात्रा जो भी व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा से करता है उस पर भगवान शिव की विशेष कृपा होती है। उसे भगवान शिव का साक्षात सानिध्य मिलता है।

ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने बताया कि हर साल लाखों श्रद्धालु नंगे पैर हरिद्वार से गंगाजल लेने जाते हैं फिर वहां से देश के कोन-कोने में पहुंचते हैं और शिवलिंग पर गंगाजल का अभिषेक करते हैं। अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों कावड़ियों के लिए हरिद्वार जाना जरूरी होता है। क्यों शिवलिंग पर हरिद्वार से लाया जल ही कांवड़ियों द्वारा चढ़ाया जा सकता है।

कांवड़िये शिवलिंग जलाभिषेक के लिए हरिद्वार का गंगाजल ही क्यों लाते हैं?

पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव का ससुराल हरिद्वार के कनखल में है। सावन के दौरान भगवान शिव पूरे माह अपने ससुराल में निवास करते हैं।

sawan mein kanwariya haridwar kyu jate hain

असल में भगवान शिव जब माता पार्वती के साथ पहली बार अपने ससुराल गए थे तब माता पार्वती के आग्रह पर एक माह के लिए शिव जी वहीं रुक गए थे।

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भगवान विष्णु के योग निद्रा में जाने के बाद जब चातुर्मास आरंभ हुआ तब इस एक माह तक भगवान शिव ने सृष्टि का संचालन हरिद्वार से संभाला था।

जबकि अन्य तीन माह तक शिव जी कैलाश पर्वत यानी कि अपने मूल निवास स्थान से ही ब्रह्मांड का संचालन करते थे और भक्तों की विपदा हरते थे।

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तभी से यह विधान शुरू हुआ कि सावन की पूजा का शुभारंभ हरिद्वार से ही होगा और हरिद्वार के गंगाजल से ही शिवजी का सबसे पहले अभिषेक होगा।

haridwar se hi kyu shuru hoti hai kanwar yatra

आज भी कांवड़िये यात्रा के दौरान हरिद्वार अवश्य जाते हैं और वहां से लाये हुए गंगाजल से भिन्न-भिन्न स्थानों पर मौजूद शिवलिंग का अभिषेक करते हैं।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर हरिद्वार ही क्यों जाते हैं कांवड़िए सबसे पहले और क्या है इसके पीछे की मान्यता। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

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