हिंदू धर्म में भगवान की पूजा-पाठ और उस दौरान निभाई जाने वाली परंपराओं रीति-रिवाजों का खास महत्व है। अब ऐसे में जब बात पूजा-पाठ और विशेषकर आरती की आती है, तो हर छोटी-बड़ी चीज का अपना महत्व होता है। इस दौरान प्रयोग होने वाले बर्तनों का खास ध्यान रखा जाता है। यहां तक कि भगवान के भोग से लेकर उसके जल अर्पित और आरती के लिए अलग से बर्तन खरीद कर लाए जाते हैं। हालांकि वर्तमान में कुछ लोग सामान्यता दुकान पर जाकर थाली, लोटा और चम्मच खरीद लेते हैं, जिसे वह मंदिर में रखते हैं। वर्तमान समय में स्टील के बर्तन हमारे रोजमर्रा के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। वहीं धार्मिक अनुष्ठानों में आज भी तांबे को प्राथमिकता दी जाती है। हालांकि कुछ घरों में मंदिर में स्टील की पूजा थाली का इस्तेमाल किया जाता है। अब ऐसे में यह आता है कि आखिर इन दोनों धातुओं में से कौन सी धातु देवी-देवताओं को अधिक प्रिय है। साथ ही स्टील या तांबा किस थाली का प्रयोग करना सही है। चलिए ज्योतिष उदित नारायण त्रिपाठी से जानते हैं इसके बारे में-
पूजा के लिए किस धातु की थाली का करना चाहिए उपयोग?
अगर आप पूजा के लिए स्टील के बर्तन का इस्तेमाल करती हैं, तो बता दें कि इन्हें बदलकर तांबे की थाली का प्रयोग करें। पंडित उदित नारायण त्रिपाठी के अनुसार, पूजा करने के लिए तांबे से बने बर्तन का उपयोग करना शुभ माना जाता है। तांबे को शुद्ध धातु माना गया है क्योंकि इसे बनाने में किसी अन्य धातु का उपयोग नहीं किया जाता है। साथ ही तांबा नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। अगर बात करें इसके पीछे के वैज्ञानिक कारण का, तो तांबे में जीवाणुनाशक गुण होते हैं। ऐसे में रखा जल या सामग्री अधिक समय तक शुद्ध बनी रहती है।
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भगवान सूर्य का प्रिय धातु है तांबा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तांबा भगवान सूर्य नारायण को विशेष रूप से प्रिय है। तांबे के बर्तनों में जल अर्पित करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। भगवान विष्णु ने राक्षस गुडाकेश से वरदान स्वीकार कर, सुदर्शन चक्र से राक्षस के शरीर को टुकड़े कर दिए थे जिसमें मांस से तांबा, रक्त से सोना और हड्डियों से चांदी जैसी पवित्र धातुएं बनीं। यही कारण है कि तांबे के बर्तनों का उपयोग भगवान की पूजा में हमेशा किया जाता है।
पीतल धातु से बनी पूजा थाली का कर सकती हैं उपयोग
पीतल को बृहस्पति ग्रह की धातु माना जाता है, जो शक्ति और समृद्धि प्रदान करता है।अगर आप पीतल के बर्तन का उपयोग करती हैं, तो घर में सुख-समृद्धि आता है। साथ ही पूजा के दौरान सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं।
तांबे की तरह पीतल के बर्तन को भी शुद्ध माना जाता है। यही कारण है कि विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में देवताओं को स्नान कराने, भोग लगाना या दीपक जलाना के लिए पीतल के बर्तन का इस्तेमाल किया जाता है।
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