Do you leave the water pot empty in the temple after performing puja

क्या आप भी पूजा करने के बाद मंदिर में खाली छोड़ देती हैं जल का लोटा? हो सकते हैं ये नुकसान

सुबह उठकर साफ-सुथरे और नहाने के बाद भगवान की पूजा-अर्चना के साथ सूर्य भगवान को जल अर्पित करते हैं। इसके बाद जल कलश को लगाकर मंदिर में रख देते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि पूजा करने के बाद मंदिर में खाली लोटा छोड़ना अशुभ माना जाता है। ज्योतिष से जानिए-
Editorial
Updated:- 2025-09-30, 23:39 IST

हिंदू धर्म में सुबह उठकर स्नान करके भगवान का ध्यान करने का विशेष स्थान है। सुबह-शाम ईश्वर का स्मरण करना, धूप-दीप जलाना और जल अर्पित करना अधिकतर लोगों की दिनचर्या का अभिन्न अंग है। पूजा के दौरान, देवी-देवताओं को जल अर्पित करना और कलश में जल भरकर रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। भगवान को जल चढ़ाना पवित्रता, शीतलता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। अब ऐसे में हम सभी बड़े श्रद्धा भाव से यह कार्य करते हैं। लेकिन भागदौड़ भरी लाइफ में पूजा करने के दौरान कई ऐसी गलतियां हो जाती है, जिसका हमें आभास भी नहीं होता है। आमतौर लोग पूजा के बर्तन को मंदिर में रखते हैं। लेकिन क्या आपको पता है जल अर्पित करने के बाद खाली लोटा रखना सही नहीं माना जाता है। चलिए ज्योतिषाचार्य उदित नारायण त्रिपाठी से जानते हैं कि मंदिर में खाली लोटा रखने से क्या नुकसान होता है।

मंदिर में खाली लोटा रखने से क्या होता है?

What happens if kalash falls down after pooja

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में कोई भी खाली बर्तन नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। जलपात्र को खाली छोड़ने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है, जिससे घर में कलह, अशांति और तनाव का वातावरण बन सकता है। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में खाली जलपात्र छोड़ने से घर में धन की कमी हो सकती है और आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। यह धन आगमन के रास्तों को बाधित कर सकता है और बेवजह के खर्चे बढ़ा सकता है। खाली लोटा दरिद्रता का प्रतीक माना जाता है।

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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवताओं को प्यास लगने पर वे मंदिर में रखे जल से अपनी प्यास बुझाते हैं। यदि जलपात्र खाली हो तो यह उन्हें अप्रसन्न कर सकता है, जिससे उनकी कृपा प्राप्त नहीं होती और आपके बनते हुए काम बिगड़ सकते हैं। साथ ही खाली लोटा दुर्भाग्य और असफलता का प्रतीक माना जाता है। पूजा के बाद इसे खाली छोड़ने से घर के सदस्यों के सौभाग्य में कमी आ सकती है और उन्हें अपने कार्यों में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, पूजा के बाद जलपात्र को खाली छोड़ना पितृ दोष का कारण भी बन सकता है।

मंदिर में कैसे रखें जल का लोटा?

What to do with offerings after puja

पूजा समाप्त होने के बाद जलपात्र को रखते हुए, उसमें शुद्ध जल भरकर रखें। इसके साथ ही इसमें थोड़ा गंगाजल और एक तुलसी का पत्ता भी डाल दें। यह घर में सकारात्मकता ऊर्जा बनाए रखने में मदद करता है। ऐसा करने से देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है। साथ ही, जब भी आप मंदिर से वापस आएं तो अपने जल के लोटे को खाली लेकर न आएं। यदि सारा जल अर्पित कर दिया है तो मंदिर में मौजूद नल से थोड़ा जल भरकर ही वापस आएं।

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