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पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए ज्येष्ठ अमावस्या के दिन जरूर करें ये खास उपाय, हो सकता है लाभ

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं। जिससे व्यक्ति पितृदोष से छुटकारा पा सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-05-26, 13:40 IST

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ अमावस्या का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या का दिन पितरों को याद करने और तर्पण, पिंडदान तथा पूजा के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन किए गए पितृ कार्य और दान-पुण्य का कई गुना फल प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि शनि देव का जन्म इसी दिन हुआ था, इसलिए ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि देव को सरसों का तेल, काले तिल आदि चढ़ाए जाते हैं और शनि मंत्र का जप करना भी महत्वपूर्ण है। इस दिन शनि देव की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है। अब ऐसे अगर किसी जातक के कुंडली में पितृदोष है तो इसके अशुभ प्रभावों से बचने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन करें पितरों का तर्पण

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स्नान के बाद पितरों का स्मरण करें। एक तांबे के पात्र में गंगाजल, दूध, शहद और काले तिल मिलाकर 'ऊं पितृ देवताभ्यो नमः' मंत्र बोलते हुए पितरों को अर्पित करें। काले तिल को पितरों का प्रतीक माना जाता है और इसे अर्पित करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। यदि संभव हो तो घर में ब्राह्मण को बुलाकर पितरों का तर्पण करवाएं। इससे उत्तम परिणाम मिल सकते हैं।

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन करें पीपल के पेड़ की पूजा

पीपल के पेड़ को पितरों का निवास स्थान माना जाता है। ज्येष्ठ अमावस्या के दिन सुबह स्नान करके पीपल के पेड़ की पूजा करें। पीपल के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं। पीपल पर जल, अक्षत, सिंदूर और फूल चढ़ाएं। 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 7 बार जाप करके चावल और फूल अर्पित करें। ऐसा करने से पितृ दोष कम होता है और पितरों की कृपा प्राप्त होती है।

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ज्येष्ठ अमावस्या के दिन करें पितृ कवच का पाठ

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ज्येष्ठ अमावस्या पर पितृ कवच का पाठ करें। ऐसा करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति व समृद्धि बनी रहती है। साथ ही घर में चल रही समस्याओं से भी छुटकारा मिल सकता है। साथ ही 'ऊं पितृगणाय विद्महे, जगत् धारिण्ये धीमहि, तन्नो पितृ प्रचोदयात्' मंत्र का जाप करें। इससे लाभ हो सकता है।

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Image Credit- HerZindagi

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