vat savitri vrat  rules for unmarried women

Vat Savitri Puja Niyam for Unmarried Women 2024: वट सावित्री के दिन कुंवारी कन्याएं ऐसे रखें व्रत, मिलेगा मनचाहा वर

Vat Savitri Puja Rules for Unmarried Women 2024: पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत 6 जून, दिन गुरुवार को रखा जाएगा।  
Editorial
Updated:- 2024-06-05, 17:31 IST

Vat Savitri Vrat 2024 Rules For Unmarried Women: हिन्दू धर्म में वट सावित्री व्रत का बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस साल यह व्रत 6 जून, दिन गुरुवार को रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। साथ ही, इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा भी की जाती है। 

वट सावित्री का व्रत सुहागिन स्त्रियों के लिए खास इसलिए भी माना जाता है क्योंकि इस व्रत से उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हालांकि वट सावित्री का व्रत कुंवारी कन्याओं द्वारा भी रखा जाता है। अगर आप भी इस साल यह व्रत रखने की सोच रही हैं तो ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से पहले जान लीजिए कि इस व्रत को रखने के नियम या विधि क्या है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।

वट सावित्री व्रत के नियम और विधि (Vat Savitri Vrat Puja Niyam or Vidhi)

vat savitri vrat  ke niyam

वट सावित्री व्रत के दिन किंवारी कन्याओं को सुबह जल्दी स्नान कर लेना चाहिए और घर में मौजूद किसी भी सुहागिन स्त्री के पूजा करने से पहले आप वट वृक्ष की पूजा कर लें। कुंवारी कन्या को वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ की पूजा के दौरान उसमें दूध और जल अर्पित करना चाहिए।

यह भी पढ़ें: Vat Savitri 2024 Puja Shubh Muhurat: वट सावित्री के दिन कब है पूजा का योग, जानें शुभ मुहूर्त

इसके अलावा, बरगद के पेड़ की 21 या 51 बार परिक्रमा लगानी चाहिए। इस व्रत के नियम कुंवारी कन्याओं के लिए अलग हैं, इसलिए कुंवारी कन्याओं को निर्जल व्रत नहीं रखना होता है।

vat savitri vrat  ke rules

कुंवारी कन्याएं व्रत के दौरान जल ग्रहण कर सकती हैं। मगर कुछ भी खाने से बचें, नहीं तो व्रत भंग हो जाएगा। 

यह भी पढ़ें: Vat Savitri Vrat 2024: वट सावित्री व्रत के दिन घर में जरूर लाएं ये चीजें, धन-धान्य में होगी बढ़ोतरी

कुंवारी कन्याओं को बरगद के पेड़ की परिक्रमा लगाने के बाद वहीं, बरगद के नीचे में बैठकर 'विष्णु सहस्त्रनाम' का पाठ करना चाहिए। इसके अलावा, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करते हुए उनके मंत्रों का उच्चारण 108 बार करना चाहिए और मनवांछित वर की प्रर्तना करनी चाहिए।

 

अगर आप भी मनवांछित वर की प्राप्ति के लिए वट सावित्री व्रत रखने वाली हैं तो इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकती हैं कि आखिर क्या है कुंवारी कन्याओं के लिए वट सावित्री व्रत के नियम और विधि क्या है। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। 

image credit: herzindagi 

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;