
21 दिसंबर 2025, रविवार का दिन बेहद खास है क्योंकि इस दिन पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस पंचांग की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह रविवार को पड़ रही है जो सूर्य देव की उपासना के लिए समर्पित 'पौष मास' का अत्यंत शुभ दिन माना जाता है। इस दिन चंद्रमा धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे और 'पूर्वाषाढ़ा' नक्षत्र का प्रभाव रहेगा जो विजय और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। चूंकि रविवार और पौष शुक्ल द्वितीया का संयोग बन रहा है, इसलिए यह दिन मान-सम्मान में वृद्धि, सरकारी कार्यों में सफलता और लंबी दूरी की यात्राओं के लिए बहुत अनुकूल है। इस दिन 'व्याघात' योग के बाद 'हर्षण' योग शुरू होगा जो बिगड़े हुए कार्यों को बनाने और सुखद समाचार प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| पौष शुक्ल द्वितीया (रात 03:52 बजे तक) | पूर्वाषाढ़ा | रविवार | ध्रुव | बालव |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 07:11 AM |
| सूर्यास्त | शाम 05:29 PM |
| चंद्रोदय | सुबह 08:52 AM |
| चंद्रास्त | शाम 07:18 PM |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05:20 AM से सुबह 06:15 AM तक |
| अभिजीत मुहूर्त | दोपहर 11:59 AM से दोपहर 12:41 PM तक |
| विजय मुहूर्त | दोपहर 02:02 PM से दोपहर 02:44 PM तक |
| अमृत काल | दोपहर 03:45 PM से शाम 05:16 PM तक |
| चंद्र दर्शन का समय | शाम 05:16 PM से शाम 06:21 PM तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | शाम 04:11 PM से शाम 05:29 PM तक |
| यमगंड | दोपहर 12:20 PM से दोपहर 01:37 PM तक |
| गुलिक काल | दोपहर 02:55 PM से शाम 04:12 PM तक |

21 दिसंबर 2025 को पौष शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस दिन का सबसे प्रमुख धार्मिक आकर्षण 'चंद्र दर्शन' है। शुक्ल पक्ष की द्वितीया के चंद्रमा को देखना बहुत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह मानसिक शांति और भाग्य में वृद्धि का प्रतीक है। चूंकि यह रविवार का दिन है और पौष का महीना सूर्य उपासना के लिए ही जाना जाता है, इसलिए कई लोग इस दिन भानु सप्तमी जैसा फल प्राप्त करने के लिए व्रत भी रखते हैं। दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में इसे सौर मास के उत्सवों के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिन किसी भी नए काम की शुरुआत, गृह प्रवेश की बातचीत या यात्रा की योजना बनाने के लिए भी उत्तम माना जाता है।
इस दिन रविवार और द्वितीया तिथि का विशेष संयोग बन रहा है। सफलता और अच्छी सेहत के लिए सुबह स्नान के बाद तांबे के पात्र में जल, लाल फूल और अक्षत (चावल) मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय "ॐ घृणि सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें; इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और सरकारी कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होती हैं। धन वृद्धि के लिए शाम के समय चंद्रमा के दर्शन करें और सफेद वस्तु जैसे दूध या चावल का दान किसी जरूरतमंद को करें। चूंकि चंद्रमा दोपहर बाद मकर राशि में प्रवेश करेंगे, इसलिए शिवलिंग पर थोड़ा सा गंगाजल अर्पित करना आपके मानसिक तनाव को कम करेगा और पारिवारिक संबंधों में मधुरता लाएगा।
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