varuthini ekadashi  tulsi puja vidhi at home

Varuthini Ekadashi Tulsi Puja Vidhi 2024: सुख-समृद्धि के लिए वरुथिनी एकादशी के दिन ऐसे करें तुलसी पूजन

Varuthini Ekadashi Tulsi Puja Vidhi 2024: ऐसा माना जाता है कि वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान वराह की आराधना करने से भय से मुक्ति मिल जाती है। इस साल वरुथिनी एकादशी 4 मई को पड़ रही है।
Editorial
Updated:- 2024-05-02, 16:28 IST

Varuthini Ekadashi Ke Din Tulsi Pujan Vidhi: वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के वराह अवतार की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान वराह की आराधना करने से भय से मुक्ति मिल जाती है। इस साल वरुथिनी एकादशी 4 मई को पड़ रही है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन तुलसी पूजन अवश्य करना चाहिए। हालांकि एकादशी तिथि पर तुलसी को छूने की मनाही होती है लेकिन बिना तुलसी को स्पर्श किये भी तुलसी की पूजा कर भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाया जा सकता है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं इस बारे में विस्तार से। 

वरुथिनी एकादशी पर ऐसे करें तुलसी पूजा (Varuthini Ekadashi Tulsi Puja Vidhi)

varuthini ekadashi  par tulsi puja ki vidhi

वरुथिनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और नित्य कर्मों से मुक्त हो जाएं। इसके बाद स्नान के पानी में गंगाजल डालकर नहाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान विष्णु के वराह अवतार का स्मरण करते हुए उन्हें प्रणाम करें। 

यह भी पढ़ें: Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी के दिन न करें ये काम, भगवान विष्णु हो सकते हैं नाराज

फिर एक लोटे में जल भरें और तुलसी के पौधे के सामने जाएं। फिर उस जल से भरे लोटे को तुलसी के पौधे के सामने रख दें। इसके बाद तुलसी माता का ध्यान करें। तुलसी को स्पर्श किये बिना तुलसी चालीसा का 11 बार श्रद्धापूर्वक पाठ करें।

varuthini ekadashi  par tulsi puja

इसके बाद तुलसी माता के लिए रखे गए उस जल से भरे लोटे पर एक थाली रखें और उस थाली पर कलावा, चंदन या रोली, पुष्प और गेंदे के फूल की माला रख दें और तुलसी माता के मंत्रों का जाप करते हुए उन्हें पूरे मन के साथ अर्पित करें। 

यह भी पढ़ें: Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु को चढ़ाएं ये फूल, मिलेगा अखंड सौभाग्य

इसके बाद अगले दिन एकादशी बीत जाने के बाद यानी कि द्वादशी तिथि पर तुलसी के पौधे में सब वस्तुएं चढ़ा दें। ऐसा करने से बिना तुलसी को स्पर्श किये एकादशी का पूजन पूर्ण हो सकेगा और पूजा में दोष भी नहीं लगेगा। पूजा का पूर्ण फल मिलेगा।

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर वरुथिनी एकादशी के दिन तुलसी की पूजा किस विधि से करें और क्या हैं उससे मिलने वाले लाभ। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।    

image credit: herzindagi

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।

;