
1 दिसंबर 2025 का दिन हिंदू पंचांग के अनुसार बहुत ही विशेष है क्योंकि इस दिन मोक्षदा एकादशी का पवित्र व्रत रखा जाएगा। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है और माना जाता है कि इसका व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही, इसी दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है क्योंकि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दिया था। हालांकि, इस दिन सुबह 08:20 बजे से शाम 07:01 बजे तक भद्रा का साया रहेगा जिसे ज्योतिष में अशुभ माना जाता है इसलिए शुभ कार्यों को भद्रा काल से पहले या उसके बाद करना उचित रहेगा। ऐसे में आइये जानते हैं एमपी, छिंदवाड़ा के ज्योतिषाचार्य पंडित सौरभ त्रिपाठी से आज का पंचांग।
| तिथि | नक्षत्र | दिन/वार | योग | करण |
| मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी (शाम 07:01 बजे तक)/द्वादशी | रेवती (रात्रि 11:18 बजे तक)/अश्विनी | सोमवार | व्यतिपात | वणिज |

| प्रहर | समय |
| सूर्योदय | सुबह 06:56 बजे |
| सूर्यास्त | शाम 05:24 बजे |
| चंद्रोदय | दोपहर 02:22 बजे |
| चंद्रास्त | मध्यरात्रि 03:41 बजे |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| ब्रह्म मुहूर्त | सुबह 05:08 बजे से सुबह 05:52 बजे तक |
| अभिजीत मुहूर्त (भगवान विष्णु की पूजा के लिए) | सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:31 बजे तक |
| गोधुली मुहूर्त | शाम 05:24 बजे से शाम 05:51 बजे तक |
| विजय मुहूर्त (पितरों की पूजा के लिए) | दोपहर 01:55 बजे से दोपहर 02:37 बजे तक |
| अमृत काल | रात्रि 09:05 बजे से रात्रि 10:34 बजे तक |
| मुहूर्त नाम | मुहूर्त समय |
| राहु काल | सुबह 08:15 बजे से सुबह 09:33 बजे तक |
| यमगंड | सुबह 10:52 बजे से दोपहर 12:10 बजे तक |
| गंडमूल | पूरे दिन |
| वर्ज्यम | दोपहर 12:14 बजे से दोपहर 01:43 बजे तक |
| भद्रा | सुबह 08:20 बजे से शाम 07:01 बजे तक |

1 दिसंबर 2025 को मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी का पवित्र व्रत रखा जाएगा। यह दिन हिंदू धर्म में सबसे अधिक महत्व रखता है, क्योंकि इसका व्रत करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और पूर्व जन्म तथा वर्तमान जन्म के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इसी के साथ, इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। यह वह पावन दिवस है जब भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध से ठीक पहले कुरुक्षेत्र के मैदान में अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। इसलिए, यह दिन भगवान विष्णु (कृष्ण) की पूजा और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति के लिए समर्पित है।
मोक्षदा एकादशी के दिन किए गए उपाय अत्यंत फलदायी होते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें तुलसी दल अवश्य अर्पित करें, लेकिन तुलसी के पत्ते दशमी तिथि को ही तोड़ लेने चाहिए। व्रत के दौरान 'ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें और हो सके तो भगवद्गीता का पाठ करें या किसी को भेंट करें। एकादशी के अगले दिन यानी 2 दिसंबर को व्रत का पारण करने से पहले जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या दक्षिणा दान करना चाहिए। यह उपाय न केवल सौभाग्य बढ़ाता है बल्कि आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होता है।
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