Vaishakh Amavasya Snan Daan Muhurat 2025: इस साल कब पड़ रही है वैशाख अमावस्या? जानें पूजा से लेकर स्नान-दान का मुहूर्त और महत्व

Vaishakh Amavasya Muhurat 2025: हिन्दू धर्म में यूं तो सबी अमावस्या तिथियां बहुत खास मानी जाती हैं लेकिन वैशाख अमावस्या का महत्व और भी अधिक है। आइये जानते हैं वैशाख पूर्णिमा की डेट, स्नान-दान मूरत और उसके महत्व के बारे में। 
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हिन्दू धर्म में यूं तो सबी अमावस्या तिथियां बहुत खास मानी जाती हैं लेकिन वैशाख अमावस्या का महत्व और भी अधिक है क्योंकि इस माह की अमावस्या पर शनिदेव की छाया रहती है जो शुभता लाती है। वैशाख अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा होती है क्योंकि यह तिथि शिव जी को समर्पित है लेकिन पितरों की पूजा एवं उनसे जुड़े उपायों के लिए अमावस्या तिथि को बहुत शुभ माना जाता है, इसी कारण से इस दिन पितरों के देवता भगवान विष्णु की पूजा का भी विधान है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं वैशाख पूर्णिमा की डेट, स्नान-दान मूरत और उसके महत्व के बारे में।

वैशाख अमावस्या 2025 कब है?

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वैशाख माह की अमावस्या तिथि का आरंभ 27 अप्रैल, रविवार के दिन सुबह 4 बजकर 49 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसका समापन 28 अप्रैल, सोमवार के दिन रात 1 बजे होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, वैशाख अमावस्या इस साल 27 अप्रैल को पड़ रही है।

वैशाख अमावस्या 2025 स्नान-दान मुहूर्त (Vaishakh Amavasya Snan Daan Muhurat 2025)

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वैशाख अमावस्या के दिन यानी कि 27 अप्रैल को सूर्योदय सुबह 5 बजकर 44 मिनट पर होगा और सूर्यास्त शाम 6 बजकर 54 मिनट पर होगा। वहीं, इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 17 मिनट से सुबह 5 बजे तक रहेगा। ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त का समय पवित्र नदी में स्नान के लिए बहुत बहुत शुभ है।

वैशाख अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण सुबह 5 बजकर 44 मिनट से अगले दिन सुबह 12 बजकर 38 मिनट तक है। ऐसे में दान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे से 6 बजकर 41 मिनट तक का है। इस मुहूर्त में किया गया दान आपके घर और जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आएगा।

वैशाख अमावस्या के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा। इसके अलावा, शाम 6 बजकर 20 मिनट से शाम 7 बजकर 44 मिनट के मध्य अमृत काल पितृ तर्पण के लिए शुभ है।

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वैशाख अमावस्या 2025 महत्व

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वैशाख अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना, दान-पुण्य करना और पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण आदि कर्म करना अत्यंत फलदायी माना जाता है जिससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • अमावस्या के दिन क्या दान नहीं करना चाहिए?

    अमावस्या के दिन सरसों का तेल दान नहीं करना चाहिए।