ग्रहण के दौरान बिना तुलसी छुए कर लें ये 1 काम, नहीं पड़ेगा कोई दुष्प्रभाव

ग्रहण के अशुभ प्रभाव से अगर आप भी बचना चाहती हैं तो ग्रहण के दौरान तुलसी को बिना छुए उसका एक उपाय कर सकते हैं। इससे तुलसी को छूने का दोष भी नहीं लगेगा और ग्रहण की अशुभता भी दूर होगी।
grahan ke dauran tulsi ke upay

हिन्दू धर्म शास्त्र और ज्योतिष में ग्रहण की घटना को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहण की अवधि अशुभ कहलाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ जाता है। इसलिए, इस समय कई शुभ कार्यों को करना वर्जित है। इसके अलावा, ग्रहण के जुड़े कई नियम भी हैं जिनके बारे में शास्त्रों में बताया गया है।

इन्हीं में से एक है तुलसी के पौधे को स्पर्श न करना, लेकिन आज हम आपको वृंदावन के ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स के माध्यम से एक ऐसा तुलसी से जुड़ा उपाय बताने वाले हैं जिसे ग्रहण के दौरान करने से आपको किसी भी प्रकार की नकारात्मकता या अशुभता परेशान नहीं कर पाएगी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस उपाय को करने के लिए आपको तुलसी को छूने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। तो चलिए जानते हैं इस उपाय के बारे में विस्तार से।

ग्रहण और तुलसी का महत्व

ग्रहण के समय वातावरण में मौजूद नकारात्मक किरणें तुलसी के पौधे को भी प्रभावित कर सकती हैं जिससे कुछ समय के लिए उसकी पवित्रता पर असर पड़ सकता है।

tulsi upay during grahan

इसलिए, ग्रहण काल में तुलसी को न तो छूना चाहिए और न ही उसकी पत्तियां तोड़नी चाहिए। अगर ऐसा करते हैं तो व्यक्ति को अशुभ परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

यह भी पढ़ें:ग्रहण के बाद गंगाजल का उपयोग क्यों है जरूरी, जानें धार्मिक मान्यता

ग्रहण के समय तुलसी का उपाय

ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए एक बहुत ही सरल और प्रभावी उपाय है जिसके लिए आपको तुलसी को छूने की आवश्यकता नहीं है। आपको बस तुलसी के पौधे के सामने बैठना है।

जब ग्रहण शुरू हो तब से लेकर ग्रहण खत्म होने तक तुलसी के सामने बैठ जाएं और 11 माचिस की तीलियां ले लें। इसके बाद, तुलसी मंत्र 'मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी' का जाप करें।

एक बार मंत्र पूरा बोलने के बाद 1 माचिस की तीली उठाएं और उसे तुलसी के गमले की मिट्टी में गाढ़ दें। ऐसा करते हुए 11 बार मंत्र बोलें और 11 तीलियां गमले में लगाते चले जाएं।

ऐसा करने से आपको तुलसी स्पर्श करने का पाप नहीं लगेगा, तुलसी को अशुद्ध करने वाली काली छाया कटती चली जाएगी और ग्रहण का कोई भी दुष्प्रभाव आप के ऊपर नहीं पड़ेगा।

यह भी पढ़ें:तुलसी के पौधे पर गंगाजल चढ़ाने से क्या होता है? जानें इसका महत्व

ग्रहण के समय गंगाजल का उपाय

अगर आप चाहें तो ग्रहण के समय दूसरा भी उपाय आजमा सकते हैं। बस आपको इस उपाय के लिए थोड़ा सा गंगाजल और कुश की आवश्यकता होगी। एक कटोरी में गंगाजल और कुश रखें।

tulsi remedy during grahan

ग्रहण शुरू होने से पहले ही अपने घर के सभी कमरों और हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करें। गंगाजल को अत्यंत पवित्र माना जाता है और यह नकारात्मक ऊर्जा को निष्क्रिय करने में सक्षम है।

पूजा घर और घर के अन्य स्थानों पर जहां गंगाजल का छिड़काव किया गया है, वहां थोड़ा सा कुश भी रख दें। धार्मिक ग्रंथों में कुश को भी गंगाजल की तरह पवित्र माना गया है जो बुरी ऊर्जा को सोखता है।

ग्रहण से पहले भोजन और पानी के बर्तनों में भी कुश के कुछ टुकड़े डाल दें। इससे भोजन पर ग्रहण का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा और भोजन शुद्ध बना रहेगा।

अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं और अपना फीडबैक भी शेयर कर सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP

FAQ

  • ग्रहण के दौरान कौन से मंत्रों का जाप करना चाहिए? 

    ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। 
  • ग्रहण के दौरान क्या दान करना सही है? 

    ग्रहण के दौरान कभी भी दान नहीं करना चाहिए, ग्रहण के बाद दान करना शुभ होता है।