हिंदू धर्म में गंगाजल को बेहद पवित्र और शक्तिशाली माना गया है। चाहे कोई शुभ कार्य हो, धार्मिक अनुष्ठान हो या घर का शुद्धिकरण। गंगाजल का प्रयोग हर जगह किया जाता है। खासतौर पर ग्रहण के बाद गंगाजल से शुद्धिकरण करना एक परंपरा है, जो काफी लंबे समय से चली आ रही है। लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है आइए पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से जानते हैं। साथ ही, इसके पीछे का धार्मिक मान्यता की जानकारी भी लेते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा सबसे ज्यादा आती है। इसी वजह से ग्रहण के दौरान भोजन नहीं किया जाता और कई लोग घर में रखे भोजन पर तुलसी पत्ता रख देते हैं। ग्रहण खत्म होने के बाद घर, मंदिर और रसोई में गंगाजल छिड़ककर शुद्धिकरण किया जाता है ताकि नकारात्मकता और दूषित प्रभाव दूर हो सकें। यह हमारे यहां काफी लंबे समय से होता नजर आ रहा है।
इसे भी पढ़ें: तुलसी के पौधे पर गंगाजल चढ़ाने से क्या होता है? जानें इसका महत्व
ग्रहण के बाद गंगाजल का प्रयोग धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अच्छा माना जाता है। इसलिए हर ग्रहण के बाद गंगाजल का उपयोग करना शुभ होता है।
इसे भी पढ़ें: क्या गंगाजल की तरह घर में ला सकते हैं यमुना जल?
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ
Image Credit-Freepik
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia.com पर हमसे संपर्क करें।