सनातन धर्म में कुल देवी-देवता का खास महत्व है। इन्हें परिवार का संरक्षक माना जाता है, जो पीढ़ियों से हमारे कुल की रक्षा करते आ रहे हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि अगर कुल देवी-देवता किसी कारणवश रूठ जाते हैं या उनकी अनदेखी की जाती है, तो व्यक्ति और परिवार को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। उनके दुष्प्रभाव से स्वास्थ्य, धन, रिश्ते या काम में दिक्कते आती हैं। कई बार लोग इन संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं या उन्हें सिर्फ बुरा समय मान लेते हैं। हालांकि, ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ये संकेत वास्तव में आपके कुल देवी-देवताओं की नाराजगी का इशारा हो सकते हैं। अगर आपके जीवन में भी बार-बार कुछ ऐसी घटनाएं घट रही हैं, जो आपको परेशान कर रही हैं, तो हो सकता है कि कुल देवी-देवता तो आपलोग से नाराज हैं। इस लेख में आपको उन सामान्य संकेतों के बारे में बताया गया है, जो कुल देवी-देवताओं की नाराजगी का इशारा हो सकते हैं। साथ ही, हम आपको पंडित जी से जाने हुए कुछ अचूक और सरल तरीके भी बताएंगे, जिनसे आप अपने कुल देवी-देवताओं को प्रसन्न कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। आइए, ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से इन संकेतों और उन्हें खुश करने के प्रभावी उपायों के बारे में जानते हैं।
कुल देवी-देवता हमारे परिवार के संरक्षक होते हैं, जो पीढ़ियों से हमारे वंश की रक्षा करते आ रहे हैं। उनकी कृपा से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। लेकिन, कभी-कभी अनजाने में हुई ग़लतियों या उनकी उपेक्षा के कारण वे नाराज हो सकते हैं। जब ऐसा होता है, तो व्यक्ति और परिवार को कुछ विशिष्ट संकेतों का अनुभव हो सकता है।
बिगड़े हुए काम और बाधाएं- बनते हुए काम बार-बार बिगड़ने लगें, हर कार्य में कोई न कोई बाधा आने लगे या लाख कोशिशों के बाद भी सफलता न मिले, तो समझ लीजिए कि कुल देवी-देवता आपसे नाराज चल रहे हैं।
स्वास्थ्य समस्याएं- परिवार के सदस्यों को बार-बार कोई बीमारी घेर ले, और इलाज के बाद भी स्वास्थ्य में सुधार न हो या एक के बाद एक नई स्वास्थ्य समस्याएं आती रहें।
आर्थिक तंगी और धन हानि- घर में धन की कमी होने लगे, फिजूलखर्ची बढ़ जाए, आय के स्रोत बाधित हों, या व्यवसाय में लगातार नुकसान हो।
पारिवारिक कलह और अशांति- परिवार के सदस्यों के बीच बिना किसी बड़े कारण के लड़ाई-झगड़े बढ़ जाएं, आपसी प्रेम व सामंजस्य कम हो जाए और घर में हमेशा तनाव का माहौल रहे।
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मानसिक अशांति और भय- मन में अनावश्यक डर, चिंता या अशांति बनी रहे, रात में बुरे सपने आएं या कोई अदृश्य शक्ति का अनुभव हो।
शुभ कार्यों में रुकावट- शादी-विवाह, संतान प्राप्ति या अन्य मांगलिक कार्यों में बार-बार अड़चनें आना। यदि ऐसे संकेत लगातार मिल रहे हों, तो यह संभावना हो सकती है कि आपके कुल देवी-देवता आपसे नाराज हैं।
यदि आपको लगता है कि आपके कुल देवी-देवता आपसे रूठे हुए हैं, तो इन उपायों को अपनाकर आप उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इन उपायों को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से निश्चित रूप से आपके कुल देवी-देवता प्रसन्न होंगे और आपके जीवन में पुनः सुख, शांति, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होगा।
अपने कुल देवी-देवताओं के नाम से प्रतिदिन या कम से कम हर मंगलवार/शुक्रवार को एक दीपक प्रज्वलित करें। उनकी तस्वीर या प्रतीक चिह्न को साफ़ करके धूप-दीप, फल-फूल अर्पित करें। यह आपकी श्रद्धा और सम्मान को दर्शाता है। नियमित पूजा से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
हाथ जोड़कर अपने कुल देवी-देवताओं के सामने अपनी अनजाने में हुई ग़लतियों के लिए क्षमा याचना करें। उनसे कहें कि आप भविष्य में उनकी परंपराओं का ध्यान रखेंगे। सच्ची भावना से मांगी गई क्षमा हमेशा स्वीकार की जाती है। यह आपके मन से बोझ हटाता है और देवी-देवताओं का क्रोध शांत करता है।
यदि आपके परिवार में कुलदेवी या कुलदेवता का कोई विशेष स्थान जैसे- मंदिर, चौकी या घर में कोई समर्पित जगह है, तो उसकी नियमित रूप से साफ-सफाई करें और उसे व्यवस्थित रखें। यदि संभव हो, तो उस स्थान पर जाकर दर्शन करें। एक स्वच्छ और सुव्यवस्थित स्थान देवी-देवताओं को प्रसन्न करता है। यह उनके प्रति आपके आदर और समर्पण को दर्शाता है।
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समय-समय पर अपने कुल देवी-देवताओं के नाम से गरीबों या जरूरतमंदों को भोजन कराएं। आप चाहें तो किसी मंदिर में अन्नदान भी कर सकते हैं। अन्नदान महादान माना जाता है। यह परोपकार का कार्य है, जिससे देवी-देवता अत्यंत प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
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यदि आपके कुल में कोई विशेष पूजा, व्रत या रीति-रिवाज पीढ़ी-दर-पीढ़ी चले आ रहे हैं, तो उनका पूरी निष्ठा के साथ पालन करें। नई पीढ़ी को भी इन परंपराओं से अवगत कराएं। कुल देवी-देवता इन परंपराओं और रीति-रिवाजों से जुड़े होते हैं। इनका पालन करना उनके सम्मान को दर्शाता है और उनकी कृपा बनाए रखता है।
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