Hanuman Jayanti 2024 Hanuman Stotra: चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी के बाल स्वरूप की पूजा का विधान है। इस दिन हनुमान चालीसा के पाठ के अलावा, एक और ऐसा स्तोत्र है जिसके पाठ से हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और अपनी कृपा बरसाने लगते हैं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि उस स्तोत्र का नामा ही श्री हनुमान स्तोत्र है, जिक्सा पाठ करने से जीवन के संकट दूर होते हैं और जीवन में शुभता का आगमन होने लगता है।
श्री हनुमान स्तोत्र
वन्दे सिन्दूरवर्णाभं लोहिताम्बरभूषितम्।रक्ताङ्गरागशोभाढ्यं शोणापुच्छं कपीश्वरम्॥
सुशङ्कितं सुकण्ठभुक्तवान् हि यो हितं। वचस्त्वमाशु धैर्य्यमाश्रयात्र वो भयं कदापि न॥
भजे समीरनन्दनं, सुभक्तचित्तरञ्जनं, दिनेशरूपभक्षकं, समस्तभक्तरक्षकम्।
सुकण्ठकार्यसाधकं, विपक्षपक्षबाधकं, समुद्रपारगामिनं, नमामि सिद्धकामिनम्॥१॥
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सुशङ्कितं सुकण्ठभुक्तवान् हि यो हितं वचस्त्वमाशु धैर्य्यमाश्रयात्र वो भयं कदापि न।
इति प्लवङ्गनाथभाषितं निशम्य वानराऽधिनाथ आप शं तदा, स रामदूत आश्रयः ॥ २॥
सुदीर्घबाहुलोचनेन, पुच्छगुच्छशोभिना, भुजद्वयेन सोदरीं निजांसयुग्ममास्थितौ।
कृतौ हि कोसलाधिपौ, कपीशराजसन्निधौ, विदहजेशलक्ष्मणौ, स मे शिवं करोत्वरम्॥३॥
सुशब्दशास्त्रपारगं, विलोक्य रामचन्द्रमाः, कपीश नाथसेवकं, समस्तनीतिमार्गगम्।
प्रशस्य लक्ष्मणं प्रति, प्रलम्बबाहुभूषितः कपीन्द्रसख्यमाकरोत्, स्वकार्यसाधकः प्रभुः॥४॥
प्रचण्डवेगधारिणं, नगेन्द्रगर्वहारिणं, फणीशमातृगर्वहृद्दृशास्यवासनाशकृत्।
विभीषणेन सख्यकृद्विदेह जातितापहृत्, सुकण्ठकार्यसाधकं, नमामि यातुधतकम्॥५॥
नमामि पुष्पमौलिनं, सुवर्णवर्णधारिणं गदायुधेन भूषितं, किरीटकुण्डलान्वितम्।
सुपुच्छगुच्छतुच्छलंकदाहकं सुनायकं विपक्षपक्षराक्षसेन्द्र-सर्ववंशनाशकम्॥६॥
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रघूत्तमस्य सेवकं नमामि लक्ष्मणप्रियं दिनेशवंशभूषणस्य मुद्रीकाप्रदर्शकम्।
विदेहजातिशोकतापहारिणम् प्रहारिणम् सुसूक्ष्मरूपधारिणं नमामि दीर्घरूपिणम्॥७॥
नभस्वदात्मजेन भास्वता त्वया कृता महासहा यता यया द्वयोर्हितं ह्यभूत्स्वकृत्यतः।
सुकण्ठ आप तारकां रघूत्तमो विदेहजां निपात्य वालिनं प्रभुस्ततो दशाननं खलम्॥८॥
इमं स्तवं कुजेऽह्नि यः पठेत्सुचेतसा नरः कपीशनाथसेवको भुनक्तिसर्वसम्पदः।
प्लवङ्गराजसत्कृपाकताक्षभाजनस्सदा न शत्रुतो भयं भवेत्कदापि तस्य नुस्त्विह॥९॥
नेत्राङ्गनन्दधरणीवत्सरेऽनङ्गवासरे। लोकेश्वराख्यभट्टेन हनुमत्ताण्डवं कृतम् ॥ १०॥
ॐ इति श्री हनुमत्ताण्डव स्तोत्रम्''॥
हनुमान स्तोत्र पाठ के लाभ
हनुमान जी के इस स्तोत्र के पाठ से जीवन के सभी दुख दूर हो जाते हैं। हनुमान जी की कृपा व्यक्ति और उसके परिवार पर बनी रहती है। इस स्तोत्र का पाठ अगर संकल्प लेकर किया जाए तो इससे रुके हुए काम भी जल्दी पूरे होने लग जाते हैं।
हनुमान जी के इस स्तोत्र के पाठ से घर की सारी बलाएं नष्ट हो जाती हैं। हनुमान जी के इस स्तोत्र के पाठ से नौकरी, व्यापार आदि में तरक्की मिलने लग जाती है और हनुमान जी का साक्षात वास व्यक्ति के घर में होता है।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर हनुमान जी के कौन से स्तोत्र का पाठ हनुमान जयंती के दिन आवश्य करना चाहिए। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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