(shardiya navratri 2023) हिंदू पंचांग के अनुसार दिनांक 19 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा-अर्चना की जाती है। इससे व्यक्ति के करियर में आ रही परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
अब ऐसे में इस दिन मां स्कंदमाता की किस विधि से पूजा की जाती है, मंत्र क्या है, क्या भोग लगाएं। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है।
आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
जानें कौन है मां स्कंदमाता (Who is Maa Skandamata)
मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता हैं। ये चार भुजाओं वाली माता शेर पर सवार रहती हैं। इनके हाथों में कमल का फूल है और अपने एक हाथ से ये अपने पुत्र स्कंद यानी कि भगवान कार्तिकेय को पकड़ी हुईं हैं। भगवान कार्तिकेय को स्कंद कुमार भी कहते हैं।
स्कंदमाता का अर्थ है स्कंद कुमार की माता। पौराणिक कथा के अनुसार, जब संसार में तरकासुर का अत्याचार बढ़ने लगा, तब सभी देवी, देवता, मुष्य, गंधर्व, ऋषि-मुनि बेहद चिंतित हो गए। सभी मां पार्वती से तरकासुर के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए प्रार्थना की। उसके बाद आदिशक्ति ने अपने तेज से 6 मुख वाले बालक स्कंद कुमार को जन्म दिया।
आगे चलकर स्कंद कुमार ने अपने हाथों से तरकासुर का अंत किया और उसके अत्याचार से सभी को मुक्ति दिलाई।
इस विधि से करें मां स्कंदमाता की पूजा (Maa Skandamata Puja vidhi)
सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और उसके बाद व्रत संकल्प लें। पश्चात उनकी मूर्ति या तस्वीर पर लाल फूल, अक्षत, सिंदूर(सिंदूर के उपाय), घी, आदि चढ़ाएं। इस दौरान मां स्कंदमाता के मंत्र का उच्चारण करें। उसके बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। आखिर में घी के दीपक से उनकी आरती जरूर उतारें। संतान प्राप्ति के लिए स्कंदमाता की विधिवत पूजा करें। इससे आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति हो सकती है।
मां स्कंदमाता के इस मंत्र का करें जाप (Maa Skandamata Mantra)
मां स्कंदमाता के इन मंत्रों का विशेष जाप करें। इससे आपको लाभ हो सकता है।
- बीज मंत्र का जाप करें - ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
- पूजा मंत्र का जाप करें - या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
- ध्यान मंत्र का जाप करें - सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।
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मां स्कंदमाता स्तोत्र (Maa Skandamata Stotra)
मां स्कंदमाता के स्तोत्र का जाप करने बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए पूजा करने के बाद इस स्तोत्र का जाप जरूर करें।
- वन्दे वांछित कामर्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्।
- सिंहारूढाचतुर्भुजास्कन्धमातायशस्वनीम्॥
- धवलवर्णाविशुद्ध चक्रस्थितांपंचम दुर्गा त्रिनेत्राम।
- अभय पदमयुग्म करांदक्षिण उरूपुत्रधरामभजेम्॥
- पटाम्बरपरिधानाकृदुहज्ञसयानानालंकारभूषिताम्।
- मंजीर हार केयूर किंकिणिरत्नकुण्डलधारिणीम।।
- प्रभुल्लवंदनापल्लवाधरांकांत कपोलांपीन पयोधराम्।
- कमनीयांलावण्यांजारूत्रिवलींनितम्बनीम्॥
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मां स्कंदमाता को लगाएं ये भोग (Maa Skandamata Bhog)
मां स्कंदमाता को केला (केले का महत्व) बहुत प्रिय है, इसलिए इनके पूजा में केले का भोग जरूर लगाएं और अगर केला न हो तो बताशे का भोग लगाएं। इससे मां बेहद प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति की सभी परेशानियां भी दूर हो सकती है।
मां स्कंदमाता की पूजा का महत्व (Significance of Maa Skandamata puja)
जो लोग संतानहीन हैं, उन्हें मां स्कंदमाता की पूजा जरूर करनी चाहिए।
अगर आपके करियर में किसी प्रकार की कोई परेशानी आ रही है, तो स्कंदमाता की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
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Image Credit- Freepik
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