(Shardiya Navratri 2023) हिंदू पंचांग के अनुसार दिनांक 15 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का पहला दिन है। इस दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन सबसे पहले विधिपूर्वक कलश स्थापना की जाती है। उसके बाद मां दुर्गा का आह्वान, स्थापन और प्राण प्रतिष्ठा किया जाता है, फिर शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
अब ऐसे में इस दिन किस विधि से पूजा की जाती है, मंत्र क्या है, क्या भोग लगाएं। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
जानें कौन हैं मां शैलपुत्री? (Who is Maa Shailputri)
मां दुर्गा के पहले स्वरूप को शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। ये नवदुर्गा में प्रथम दुर्गा हैं। पर्वतराज हिमालय की पुत्री होने के कारण मां पार्वती को शैलपुत्री भी कहा जाता है। बता दें, पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री रूप में होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा।
इस विधि से करें मां शैलपुत्री की पूजा (Maa Shailputri Puja Vidhi)
सबसे पहले पूजन संकल्प लें और घटस्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा करें। उन्हें अक्षत, सफेद फूल, धूप, दीप, फल, मिठाई चढ़ाएं। पूजा के दौरान मंत्रोच्चारण करें और फिर माता शैलपुत्री की पूजा करें। मां शैलपुत्री को दूध से बनी मिठाई का भोग जरूर लगाएं।
इसके अलावा आप गाय के घी का भी भोग लगा सकते हैं। पूजा करने के बाद घी के दीपक (दीपक जलाने के नियम)से मां शैलपुत्री की पूरी श्रद्धा के साथ आरती करें। पूजा समाप्त हो जाने के बाद मां शैलपुत्री से क्षमा याचना मांगें। उसके बाद मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
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मां शैत्रपुत्री के प्रभावशाली मंत्रों का करें जाप (Maa Shailputri Mantras)
ऐसी मान्यता है कि मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता बनी रहती है और इनकी पूजा करने से चंद्रदोष(चंद्रदोष उपाय) से भी छुटकारा मिल सकता है। साथ ही सुख-सौभाग्य की भी प्राप्ति हो सकती है।
- ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
- वन्दे वांच्छितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्॥ वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
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- शिवरूपा वृष वहिनी हिमकन्या शुभंगिनी। पद्म त्रिशूल हस्त धारिणी रत्नयुक्त कल्याणकारीनी।।
- या देवी सर्वभूतेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
मां शैलपुत्री को जरूर लगाएं ये भोग (Maa Shailputri Bhog)
मां शैलपुत्री को शैल यानी कि सफेद वस्तुएं बेहद प्रिय हैं। ऐसे में माता को सफेद वस्त्र के साथ-साथ सफेद मिठाई का भोग जरूर लगाएं और घी जरूर अर्पित करें। ऐसा कहा जाता है कि शैलपुत्री की पूजा करने से कुंवारी कन्याओं को सुयोग वर की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामना पूरी हो जाती है।
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करें और यहां बताई गई बातों पर विशेष ध्यान दें। साथ ही अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।
Image Credit: Freepik
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