शनि देव जी की आरती | Shani Dev Ki Aarti

Shani Dev ji ki Aarti Lyrics: शनिवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर शनिदेव की अराधना करें, यह शुभ माना जाता है। इस दिन पानी में काले तिल डालकर नहाना भी अच्छा होता है। पूजा शुरू करने से पहले साफ कपड़े पहनना ज़रूरी है; नीले या काले रंग के कपड़े पहनना उचित रहेगा।
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शनिवार को शनिदेव की पूजा उन लोगों के लिए विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है, जिन पर शनि का अशुभ प्रभाव होता है। शनिदेव की विधिवत पूजा से जीवन से कष्ट, बाधाएं, दुर्भाग्य, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जैसे नकारात्मक प्रभावों को दूर करने में मदद मिलती है। हालांकि, केवल आरती पढ़ना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि पूजा से पहले की जाने वाली तैयारियों और नियमों का पालन करना भी महत्वपूर्ण है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए इन तैयारियों के बाद ही आरती करनी चाहिए, क्योंकि शनिदेव की पूजा आरती के बिना अधूरी मानी जाती है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानें शनिवार को शनिदेव की कौन सी आरती करें और उसके लाभ।

शनिदेव जी की आरती (Shani Dev ki Aarti)

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जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥ जय जय श्री शनि देव...

श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥ जय जय श्री शनि देव....

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनि देव....

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मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥ जय जय श्री शनि देव....

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी॥ जय जय श्री शनि देव....

शनिदेव जी की आरती के लाभ

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शनिदेव की आरती करने से शनि की साढ़े साती, ढैय्या और महादशा के नकारात्मक प्रभावों में कमी आती है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि कमजोर या अशुभ स्थिति में हो, तो उसे जीवन में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। नियमित रूप से शनिदेव की आरती करने से इन दोषों का शमन होता है और शनिदेव प्रसन्न होकर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं, जिससे जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

शनिदेव की आरती करने से आर्थिक संकट दूर होते हैं और धन-धान्य में वृद्धि होती है। शनिदेव की कृपा से व्यापार में उन्नति और नौकरी में सफलता के योग बनते हैं। जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं या जिन्हें व्यापार में लगातार घाटा हो रहा है, उन्हें शनिवार को शनिदेव की आरती करने से लाभ मिलता है, और धन आगमन के नए स्रोत खुलते हैं।

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शनिदेव की आरती करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में भी सुधार होता है। यह गंभीर बीमारियों से बचाव में सहायक मानी जाती है और शारीरिक कष्टों को कम करती है। इसके अलावा, शनिदेव की कृपा से व्यक्ति अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है और विरोधियों से सुरक्षित रहता है। यह मानसिक शांति प्रदान करती है और भय तथा चिंता को दूर करती है।

शनिवार को शनिदेव की आरती करने से मन को शांति मिलती है और मानसिक तनाव कम होता है। यह नकारात्मक विचारों को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। भक्तिभाव से की गई आरती आध्यात्मिक विकास में भी सहायक होती है, जिससे व्यक्ति का मन शांत होता है और वह आत्मिक संतुष्टि का अनुभव करता है। यह व्यक्ति को अनुशासन और धैर्य सिखाती है, जो जीवन में सफलता के लिए आवश्यक हैं।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • शनिदेव की आरती में कौन सा दीपक जलाना चाहिए?

    शनि देव की आरती में सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
  • शनिदेव की पूजा का अच्छा समय क्या माना जाता है?

    माना जाता है कि शनिवार को सूर्यास्त के समय या शाम के समय पूजा करना अच्छा होता है।
  • शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए क्या मंत्र बोलना चाहिए?

    'ॐ शं शनैश्चराय नमः'
  • शनिदेव को खुश करने का कौन सा मंत्र है?

    ॐ शं शनिश्चराय नम: