हिंदू धर्म में सभी एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। वहीं सावन माह में पढ़ने वाली एकादशी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है। सावन पुत्रदा एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है जो संतान सुख की कामना करने वालों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। ऐसी मान्यता है कि जो दांपत्ति इस दिन व्रत रखते हैं और पूजा-पाठ करते हैं। उन्हें संतान सुख की प्राप्ति होती है। अब ऐसे में इस दिन पूजा करने के साथ-साथ व्रत कथा सुनने की परंपरा है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से व्रत कथा के बारे में जानते हैं।
सावन पुत्रदा एकादशी के दिन पढ़ें व्रत कथा
सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और पुत्र प्राप्ति की कामना की जाती है। इस व्रत से जुड़ी एक पौराणिक कथा है, जिसके अनुसार एक समय की बात है, महिरूपति नाम का एक नगर था। उस नगर में एक धर्मात्मा राजा रहता था। राजा और रानी संतान प्राप्ति के लिए बहुत परेशान थे। उन्होंने कई प्रकार के उपाय किए, लेकिन उन्हें संतान नहीं हुई।
एक दिन, राजा ने ऋषि से अपनी समस्या बताई। ऋषि ने राजा को सावन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी का व्रत करने का उपाय बताया। ऋषि ने कहा कि इस व्रत को करने से संतान प्राप्ति होती है।
राजा ने ऋषि की बात मानकर सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत किया। उसने पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की और व्रत का पालन किया।
भगवान विष्णु प्रसन्न होकर राजा को दर्शन दिए और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति का आशीर्वाद दिया। कुछ समय बाद रानी ने पुत्र को जन्म दिया।
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इस तरह सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से राजा को पुत्र प्राप्त हुआ। तभी से इस व्रत को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है।
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सावन पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत रखने का महत्व
यह व्रत मुख्य रूप से संतान सुख की कामना करने वालों के लिए रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं। हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बहुत ही पवित्र माना जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
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Image Credit- HerZindagi
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