सावन के मंगला गौरी व्रत के दिन महिलाएं भूलकर भी न करें इन चीजों का दान, हो सकती है धन हानि

हिंदू धर्म में सावन महीने में पड़ने वाली मंगला गौरी व्रत का विशेष विधान है। इस दिन कुछ ऐसी चीजें हैं। जिनका दान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
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सावन मास भगवान शिव का प्रिय महीना है। इस दौरान शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है और हर कोई अपने आराध्य को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान करता है। दान-पुण्य इन्हीं अनुष्ठानों का एक अभिन्न अंग है। शास्त्रों में कहा गया है कि सावन में सच्चे मन से किया गया दान व्यक्ति को पापों से मुक्ति दिलाता है और उसे मोक्ष की ओर अग्रसर करता है। अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं। अब ऐसे में सावन में महिलाओं को किन चीजों का दान भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

सावन मंगला गौरी व्रत के दिन न करें नुकीली चीजों का दान

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धार्मिक अनुष्ठानों में नुकीली या धारदार वस्तुओं जैसे कि चाकू, कैंची, सुई का दान आमतौर पर शुभ नहीं माना जाता है। ये चीजें नकारात्मक ऊर्जा या रिश्तों में कटुता का प्रतीक मानी जा सकती हैं। इसलिए, मंगला गौरी व्रत जैसे पवित्र अवसर पर ऐसी चीजों का दान करने की सलाह नहीं दी जाती है। इससे अशुभता का संचार होता है और वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां आने लग जाती है।

सावन मंगला गौरी व्रत के दिन न करें काले रंग का सामान का दान

मंगला गौरी व्रत अखंड सौभाग्य और दांपत्य जीवन की सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है, इसलिए ऐसे शुभ अवसर पर शोक के प्रतीक काले रंग का उपयोग या दान शुभ नहीं माना जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और व्यक्ति के जीवन में समस्याएं भी आ सकती है।

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सावन मंगला गौरी व्रत के दिन न करें चमड़े की वस्तु का दान

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हिंदू धर्म में चमड़े को मृत जानवरों की खाल से बना होने के कारण अपवित्र माना जाता है। धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष महत्व होता है। किसी भी शुभ कार्य या देवी-देवताओं की पूजा के समय अपवित्र वस्तुओं का प्रयोग वर्जित होता है। इससे पूजा में अपवित्रता आती है। इसलिए इन बातों का विशेष ध्यान रखें। इससे पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है और व्यक्ति को मनचाहे परिणाम नहीं मिलते हैं।

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Image Credit- HerZindagi

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FAQ

  • मंगला गौरी व्रत कितने करने चाहिए?

    सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. इस बार सावन माह में 4 मंगला गौरी व्रत पड़ेंगे।
  • मंगला गौरी व्रत कितने साल का है?

    नवविवाहित महिलाओं को लगभग 5 वर्षों तक मंगला गौरी पूजा करनी चाहिए।