सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर न करें ये गलतियां, पूरे माह की पूजा का फल हो सकता है भंग

सावन प्रदोष व्रत को करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है क्योंकि अनजाने में की गई गलतियां न सिर्फ प्रदोष व्रत के फल को भंग कर सकती हैं बल्कि पूरे सावन माह में की गई पूजा में दोष लग सकता है।
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सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान पड़ने वाले प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। इस साल सावन का आखिरी प्रदोष व्रत 6 अगस्त को रखा जाएगा। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है जिसे प्रदोष काल में किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने और विधि-विधान से पूजा करने से महादेव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। हालांकि, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि इस व्रत को करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है क्योंकि अनजाने में की गई गलतियां न सिर्फ प्रदोष व्रत के फल को भंग कर सकती हैं बल्कि पूरे सावन माह की गई पूजा में दोष लग सकता है।

सावन के आखिरी प्रदोष व्रत के नियम

सावन प्रदोष व्रत के दिन लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि तामसिक चीज़ों का सेवन बिल्कुल न करें। यह न केवल व्रत की पवित्रता को भंग करता है, बल्कि भगवान शिव को अप्रसन्न भी कर सकता है। व्रत के दिन केवल सात्विक भोजन जैसे फल, दूध या सेंधा नमक से बनी चीजों का ही सेवन करें।

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अगर आप व्रत रख रहे हैं और नमक का सेवन करना चाहते हैं तो सेंधा नमक का ही उपयोग करें। साधारण नमक का सेवन करने से व्रत भंग हो सकता है। सावन प्रदोष व्रत की पूजा करते समय काले, नीले या गहरे रंग के वस्त्र पहनने से बचें। शुभ और सात्विक रंग जैसे सफेद, हरा या पीला रंग पहनें।

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सावन के आखिरी प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा में तुलसी के पत्ते और केतकी का फूल चढ़ाने से बचें। शिव पुराण के अनुसार, ये दोनों चीजें भगवान शिव को अप्रिय हैं। इसके बजाय आप बेलपत्र, धतूरा, आक के फूल आदि अर्पित कर सकते हैं। इससे भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाएंगे।

भगवान शिव को शंख से जल अर्पित नहीं करना चाहिए क्योंकि भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था और वध के बाद वह शंख में परिवर्तित हो गया था। सावन प्रदोष व्रत के दिन किसी भी व्यक्ति का अपमान न करें, किसी को सताएं नहीं और क्रोध करने से पूर्णतः बचें।

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सावन प्रदोष व्रत के दिन मन को शांत और पवित्र रखना बहुत जरूरी है। अशांत मन से की गई पूजा करने से आपकी पूजा का फल नहीं मिलता है और नकारात्मकता बढ़ती है। सावन प्रदोष व्रत के दिन अन्न का सेवन न करें। यदि आप पूर्ण निर्जला व्रत नहीं कर सकते तो फलाहार कर सकते हैं।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर क्या दान करें? 

    सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर अनाज, वस्त्र और सबसे ज्यादा नंदी सेवा का दान करना शुभ माना जाता है। 
  • सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर भगवान शिव के लिए कौन सा दीया जलाएं? 

    सावन के आखिरी प्रदोष व्रत पर भगवान शिव के लिए घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।