सावन महीने में बेलपत्र के पेड़ की पूजा किस विधि से करें, जानें नियम और महत्व

हिंदू धर्म में सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस दौरान अगर इनकी पूजा विधिवत रूप से की जाए तो व्यक्ति के जीवन में चल रही सभी परेशानियां दूर हो सकती है और उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। अब ऐसे में इस दौरान बेलपत्र के पेड़ की पूजा का विधान है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
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सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस दौरान उनकी पूजा का विशेष महत्व है। इस पवित्र मास में शिव भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के अनुष्ठान करते हैं, जिनमें से एक प्रमुख है बेलपत्र के पेड़ की पूजा भई है। बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। ऐसी मान्यता है कि बेलपत्र और इसके वृक्ष में भगवान शिव का वास होता है, और सावन में इसकी पूजा करने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। पुराणों में कहा गया है कि बेलपत्र भगवान शिव को सबसे प्रिय है। इसके तीन पत्तियां त्रिदेवों का प्रतीक मानी जाती हैं, और यही कारण है कि यह शिव पूजन में बेहद महत्वपूर्ण है। अब ऐसे में सावन में बेलपत्र के पेड़ की पूजा किस विधि से करें और नियम क्या है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

सावन महीने में बलेपत्र के पेड़ की पूजा किस विधि करें?

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सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मन को शांत और पवित्र रखें।
बेलपत्र के पेड़ के पास जाएं। यदि पेड़ घर में या आसपास हो तो वहीं पूजा करें। यदि न हो तो किसी शिव मंदिर के पास स्थित बेलपत्र के पेड़ की पूजा कर सकते हैं।
पूजा प्रारंभ करने से पहले हाथ में जल लेकर अपनी मनोकामना दोहराते हुए पूजा का संकल्प लें।
सबसे पहले बेलपत्र के वृक्ष को हाथ जोड़कर प्रणाम करें।
शुद्ध जल और गंगाजल मिलाकर बेलपत्र के पेड़ की जड़ में अर्पित करें। 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते रहें।
इसके बाद कच्चा दूध अर्पित करें। यह शीतलता प्रदान करने और महादेव को प्रसन्न करने का प्रतीक है।
बेलपत्र के तने पर कुमकुम और चंदन का तिलक लगाएं।
बेलपत्र के पेड़ की परिक्रमा करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' या महामृत्युंजय मंत्र का यथाशक्ति जाप करें। आप बेलपत्र के मूल मंत्र "मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे। अग्रतः शिवरूपाय बिल्ववृक्षाय ते नमः।।" का जाप भी कर सकते हैं।
इस दौरान शिव चालीसा का पाठ विशेष रूप से करें।
आखिर में बेलपत्र की आरती भी करें।

सावन महीने में बेलपत्र के पेड़ की पूजा के नियम

बेलपत्र को सूर्योदय के बाद और दोपहर से पहले तोड़ना शुभ माना जाता है। कोशिश करें कि एक दिन पहले सूरज डूबने से पहले ही बेलपत्र तोड़कर रख लें।
बेलपत्र के पेड़ की पूजा करने के दौरान भगवान शिव का ध्यान जरूर करें और उनके मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें।

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सावन महीने में बेलपत्र के पेड़ की पूजा का महत्व

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सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होने के कारण इस पूरे माह में उनकी पूजा-अर्चना का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। सावन में बेलपत्र चढ़ाने से न केवल भगवान शिव प्रसन्न होते हैं, बल्कि माता पार्वती भी भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति सावन में पूरी श्रद्धा के साथ बेलपत्र अर्पित करता है, उसे धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही, उसके सभी पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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Image Credit- HerZindagi

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