शास्त्रों में गणपति विसर्जन से जुड़े नियमों का उल्लेख मिलता है। ऐसा माना जाता है कि जिस प्रकार गणेश जी को घर लाते समय किसी भी तरह की भूलचूक नहीं करनी चाहिए। ठीक ऐसे ही गणेश विसर्जन के दौरान भी जरूरी बातों का पालन करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि गणपति विसर्जन के दिन कौन से नियमों का पालन करना चाहिए।
गणपति विसर्जन के नियम
- विसर्जन के दिन गणेश जी को खाली पाते पर न बैठाएं। पहले पाटे पर पीला या लाल रेशमी कपड़ा बिछाएं और उसके बाद ही उन्हें उस पर स्थापित करें।

- विसर्जन के दिन गणेश जी की वैसे ही पूजा करें जैसे तब की थी जब तक वह आपके घर में विराजमान रहे। बिना पूजा और आरती के विसर्जन अपूर्ण है।
- गणेश जी को पूजा के दौरान जो भी वस्तुएं अर्पित की हों वह सभी वस्तुएं गणेश जी के साथ ही विसर्जित होती हैं। ऐसे में उन्हें गणपति के साथ ही रखें।
- चतुर्थी के दिन गणेश जी को गोद में लेकर आया जाता है लेकिन विसर्जन के दिन गणेश जी को शीश पर रखकर ले जाना उचित और शुभ माना गया है।
- विसर्जन के दिन गणेश जी को जल में पधराने से पहले उनकी दोबारा एक बार आरती करें और उसके बाद धीरे-धीरे गणपति प्रतिमा पानी में पधराएं।
- गणपति विसर्जन के बाद तुरंत घर न लौटें बल्कि कुछ समे वहीं गणपति बप्पा का ध्यान करते हुए रुके रहें। गणेश जी के नाम का जाप करते रहें।

- विसर्जन जिस दिन किया हो उस दिन घर आने के बाद जहां गणपति स्थापित थे वहां की सफाई न करें, बल्कि अगले दिन ही उस स्थान को स्वच्छ करें।
आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर गणपति विसर्जन के दिन कौन से नियमों का ध्यान रखना चाहिए। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
image credit: herzindagi
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