Raksha Bandhan 2024: रक्षा बंधन में अपने ईष्टदेव को किस विधि से बांधें राखी?

हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का त्योहार अत्यंत शुभ माना जाता है। यह त्योहार भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन अपने ईष्टदेव को भी राखी बांधने की मान्यता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि अपने आराध्य को किस विधि से राखी बांधें। 

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सनातन धर्म में रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है। यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भाई और बहन के पवित्र बंधन का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं। राखी का बंधन सिर्फ एक रस्सी नहीं, बल्कि भाई और बहन के बीच प्यार, विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक है। भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं, चाहे कुछ भी हो। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत काल में, जब द्रौपदी की चीर हरण हुआ था, तब कृष्ण ने उनकी रक्षा की थी। अब ऐसे में रक्षाबंधन का पर्व केवल भाई-बहन का ही नहीं, बल्कि अपने आराध्य को भी समर्पित है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि रक्षाबंधन के दिन अपने ईष्टदेव को राखी किस विधि से बांधें?

रक्षा बंधन में अपने ईष्टदेव को किस विधि से बांधें राखी?

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रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के पवित्र बंधन का प्रतीक है। वहीं भक्त अपने ईष्टदेव को भी राखी बांधते हैं, यह मानते हुए कि ईश्वर ही उनका सबसे बड़ा रक्षक है और मित्र है।

सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को साफ करें और दीपक जलाएं।

एक थाली में रोली, चंदन, चावल, अक्षत, राखी, मिठाई और फूल रखें।

ईष्टदेव की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं और उन्हें फूल चढ़ाएं।

राखी को चावल और अक्षत के साथ लेकर देव प्रतिमा की कलाई पर बांधें।

मिठाई का भोग लगाएं और प्रसाद ग्रहण करें।

ईष्टदेव की पूजा विधिवत रूप से अवश्य करें।

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ईष्टदेव को राखी बांधने के नियम क्या हैं?

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पूजा करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को भी साफ-सुथरा रखें।

ईष्टदेव के प्रति अटूट श्रद्धा और भक्ति के साथ राखी बांधें।

राखी, रोली, चंदन, चावल, अक्षत, दीपक, धूपबत्ती आदि सामग्री तैयार रखें।

राखी बांधते समय अपने ईष्टदेव का मंत्र जाप करें।

राखी बांधने के बाद ईष्टदेव से आशीर्वाद लें।

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अगर आप शुभ मुहूर्त में राखी बांधना चाहते हैं, तो पंचांग देखकर शुभ मुहूर्त का पता कर सकते हैं।

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Image Credit- HerZindagi

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