पितृपक्ष 16 दिनों की एक विशेष अवधि होती है जो हिंदू धर्म में अपने पूर्वजों को याद करने और उनका सम्मान करने के लिए मनाई जाती है। यह उन सभी पूर्वजों के लिए है जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसा माना जाता है कि इन 16 दिनों के दौरान हमारे पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने परिवार के लोगों से मिलते हैं। इसलिए, यह समय उन्हें श्रद्धांजलि देने और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने का होता है। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए कुछ खास काम करते हैं, जैसे कि श्राद्ध और तर्पण।
इसमें वे अपने पूर्वजों को भोजन, जल और दान-दक्षिणा जैसी चीजें अर्पित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन कर्मकांडों को करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर अपने परिवार को सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इस तरह, पितृपक्ष हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखता है और हमें यह याद दिलाता है कि हम उन सभी लोगों के प्रति आभारी हैं जिन्होंने हमें यह जीवन दिया। पितृपक्ष के दौरान ध्यान देने वाली एक और बात यह भी है कि श्राद्ध कर्म करते समय सफेद कपड़े पहने जाते हैं। अब ऐसे में पितृपक्ष में पूजा के दौरान सफेद वस्त्र पहनने की मान्यता क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
पितृपक्ष में सफेद वस्त्र पहनने के पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं। सफेद रंग को शुद्धता, शांति और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। पितृपक्ष में हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस दौरान सफेद वस्त्र पहनकर हम अपनी भावनाओं को शुद्ध और पवित्र बनाते हैं।
पितृपक्ष में पूजा के दौरान सफेद वस्त्र पहनना बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। सफेद रंग शुद्धता का प्रतीक है। पितृपक्ष में हम अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और सम्मान व्यक्त करने के लिए सफेद वस्त्र पहनते हैं। सफेद रंग शांति का भी प्रतीक है।
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पितृपक्ष में शांतिपूर्ण वातावरण बनाए रखने के लिए सफेद वस्त्र पहने जाते हैं। सफेद रंग पवित्रता का भी प्रतीक है। पितृपक्ष में पवित्रता बनाए रखने के लिए सफेद वस्त्र पहने जाते हैं।
पितृपक्ष में में पूजा के दौरान सफेद वस्त्र पहनने से व्यक्ति को शुभ परिणाम मिलते हैं। बता दें, पितृपक्ष का समय पितरों की पूजा के लिए ही समर्पित है। इसलिए इस दौरान उनकी आत्मा की शांति और तृप्ति के लिए पूजा के समय सफेद वस्त्र धारण करना बेहद जरूरी है। इससे उत्तम परिणाम मिलते हैं। साथ ही घर-परिवार में सुख-समृद्धि और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।
इतना ही नहीं, ऐसा कहा जाता है कि पितृपक्ष का महीना शोक का समय होता है। इस दौरान हर व्यक्ति अपने पितरों का ध्यान करते हैं। इसलिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और पितृ कृपा के लिए सफेद वस्त्र धारण करने की मान्यता है। इसलिए अपने पूजा के दौरान सफेद कपड़े ही पहनकर पूजा करें।
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Image Credit- HerZindagi
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